मैंने पूछा, " कैसे हो गए इतने खस्ता हाल !!
इतने खस्ताहाल ! यतीमी टपके तन से!
हे "क्रोना कृशकाय" ! भला आ रहे कहां से "!!
बोला कोरोना - " एक 'डिबेट ' को झेल लिया है !
अपने से भी बडा "कोरोना" देख लिया है !!
उस दिन से "दुख भंजन चूरन" फांक रहा हूं !
भूखा हूं, पर " मोर" से बढ़िया नाच रहा हूं !!
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