अब हर खबर पर पैनी नज़र रखने वाले सारे चैनल झांझ मजीरा बजाने लगे, ' इतना बड़ा अन्याय !' एक बारगी तो हमारे सुकई चच्चा भी घबरा कर पूछ बैठे ' का भइया ! चीन कौनों दूसरा कीड़ा छोड़ गया का ?' मैं क्या जवाब दूं, मैं तो मीडिया का कैरेक्टर और कलिवर दोनों देख कर दंग हूं! पिछले पांच दिन से " गांजा गांजा" इतना जपा, कि करोड़ों बच्चों के समझ में आ गया कि "गांजा" भी हीरो हीरोइन की तरह फ़िल्मी चीज़ है ! बड़े ज्ञानी महात्मा बैठे हैं चैनलों पर, गांजे पर कितना ज्ञान रखते हैं !
सच के अलावा इन्हें और किसी चीज से परहेज़ नहीं है। सच के अलावा सब कुछ साफ साफ़ नजर आता है ! सच की सरहद पे खड़े होते ही धृतराष्ट्र हो जाते हैं, या गांधारी पट्टी बांध कर आगे बढ़ते हैं ! इन्हें दिल्ली में हुई मोवलिंचिंग नही नजर आई, मुंबई में बुल्डजर नज़र आ गया ! नज़र तो आना ही था, देश में बुल्डजर चलने वाला इकलौता केस था ! रेगिस्तान में मिला इकलौता पानी का सोता ! हफ्तों डिबेट की खुराक देगा ! तब तक रिया ज़मानत पर बाहर आ जायेगी, और "गांजे" के अगले चरण का प्रसारण शुरू हो जाएगा!
इसी बीच हम दबे पांव सबको पछाड़ कर कोरोना में नंबर वन हो जाएंगे और मीडिया को शायद ये बुल्डजर दिखाई भी ना दे!!
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