Friday, 9 October 2020

" उरे कू सुण भारती " ( चौधरी स्पेशल )

        मै रात बड़ी मुश्किल से सोया था। ख़्वाब में देखा कि कोई मेरा जूता चुरा ले गया ! दयनीय अर्थव्यवस्था के इस दौर में एक बड़ा नुकसान था! मैं नींद में चोर को बददुआ दे ही रहा था कि धमाका हुआ ! मै जाग गया, बाहर से किसी ने दरवाजा खटखटाया था! मैंने सोचा, हो सकता है चोर जूता वापस देने आया हो ! फिर मेरी नज़र बेड के नीचे रखे जूते पर पड़ी तो मैंने जल्दी से उठ कर दरवाजा खोल दिया ! 
        सामने चौधरी खड़ा था !
            अंदर आकर सोफे पर पसरता हुआ चौधरी बोला, " लेे इब थारी मौज हो - ली ! थारे आत्मनिर्भर होने कौ दिन आ लिए"! 
       " हां, बड़ी मुश्किल से जूते बचे हैं, खैर तुम बताओ कहां रहे दो महीने "!                                                 " गाम ( गांव) लिकड़ गया हा ! के करूं, इतै दिल्ली में  कती उधार खाने बाड़े बैठे सूं ! खून पी लई ठाइस साड में "!
   " मैं जानता हूं कि तुम्हारा इशारा किधर है, खैर उधारी प्यार मुहब्बत के लिए फेवीकोल है ! हां तो तुम किसी खुशखबरी की बात कर रहे थे ?" 
          " कूण बनेगो करोड़पति - देखा है कदी ?"
    " बेगम देखती हैं, मैं नहीं देखता "! 
" इब खुश हो लेे, उपले की तरह सूखी थारी किस्मत का गेट इब  'खुल ज्या सिम सिम ' होने वाडा सै "!
   मै खुश होते होते रह गया, " मैंने तो लॉटरी का कोई टिकट भी नहीं खरीदा था !"
     " परे कर टिकट नै ! मेरे धोरे  'केबीसी ' ते बड़ा प्रोग्राम कौ आइडिया है, थारी आने वाड़ी चौदह जन्मों की किस्मत कौ कुपोषण दूर हो ज्यागा "!
    " मेरा पुनर्जन्म का कोई इरादा नहीं है !"
 " ता  फिर इसी जनम में  आत्मनिर्भर हो लेे! लोकल किस्मत कू  वोकल कर लेे जल्दी ते"!
    " मुझे करना क्या होगा !"
    " करोड़ पति बनना सै"!
  मैं फिर निराश हो गया, "  आख़री वक्त में क्या ख़ाक मुसलमां होंगे , खैर प्लान बताओ"!
     " नू लगे, अक - करोड़पति हो कै मुझ पै एहसान कर रहो, खैर तू दोस्त है म्हारो ! सुन, मै एक ऐसा प्रोग्राम लाना चाहूं, जिसमें पूछे जाने वाले सवाड़ इतने आसान होंगे के गधे से गधा आदमी भी केबीसी होने कू बावला हो ज्या "!
         " एकाध सवाल का नमूना बताओ"!
  " म्हारे या प्रोग्राम में  करोड़पति होने खातर कुल  तीन सवाड कौ जवाब देना होगा "!
     " सवाल क्या हैं ?"
    " पहला सवाड़,- गधे के कितने पैर होते हैं?"
                " चार"!
     " गधे कू काफ़ी नज़दीक से जानते हो, खैर दूजा सवाड़ - दिन में सूरज लिकड़ता सै, अर  रात में ?"
       " चांद "!
    " घणा बुद्धिजीवी दीखे , ख़ैर - इब सब ते तगडा सवाड़ कौ बारी ! भैंस अर बैल में दूध कौन देवे ?"
        " भैंस !"
    " करोड़पति होने की घणी जल्दी है तमै !"
 " इन सवालों के जवाब तो कोई भी गधा दे सकता है"!
       "वो तो मन्ने देख लिया "!
  " जीतने वाले को ईनाम में क्या दोगे"?
         सोने की एक भैंस  "!
   " नहीं" !  मै चिल्लाया !
     "हंबे" चौधरी मुस्कराया " तीनों सवाल कौ सही जवाब देने बाड़े कू सोने की एक भैंस दी ज्यागी ! प्रतियोगिता में हिस्सा लेने बाड़े कू सिर्फ दो हजार रुपए की इंट्री फीस देनी होगी ; समझा कोन्या ?"
         " समझ गया,  तुम भी लगे हाथ समझ लो कि ये सवाल इतने आसान हैं कि जीतने वाले इतने होंगे कि पूरा तबेला बेच कर भी तुम एक विजेता को सोने की भैंस नहीं दे पाओगे "!
       चौधरी मुस्कुराया " गलतफहमी है थारी, हम दोनों करोड़पति हो  ज्यांगें "!
      मेरी आंखें उबल पड़ी, " भला वो कैसे ?
           " ठंढ रख, कदी  करोड़पति होने की खुशी में वीरगति कू प्राप्त ना हो ज्या ! देख , आसान सवाड़  अर  सोने की भैंस कू सुन कर अक्ल ते पैदल लोग भी प्रतियोगिता का प्रवेश शुल्क दो हज़ार रुपए जमा कर देंगे ! अगर एक लाख लोगों का पैसा आ गया तो सोच, थारा के होगो भारती"!
     "बीस करोड़ कमाने के चक्कर में हम दोनो कंगाल हो ज्यांगे ! सवाड इतने आसान सूं, अक लाखों लोग विजेता हो ज्यांगें  "! 
   "हम पांच भाग्यशाली विजेताओं का लक्की ड्रॉ लिकाडेंगे! इब अकल पर गिरा गोबर परे कर बावड़े ! विजेता होने अर भाग्यशाली होने में घणा अंतर सै"!
  " फिर भी हमारी लुटिया बिक जाएगी ! एक भैंस का वजन छे सात कुंटल होता है , सोने की एक भैंस" अरबों रुपए की तैयार होगी ! "!
          मुझे देखता हुआ चौधरी धीरे से मुस्करा कर बोला, " मैंने  "सोने की भैंस" देने की बात की है, पर वज़न का कोई जिकर नहीं किया  है ! सोने की भैंस एक टन की भी हो सके, अर - एक "तोले" की भी"! 

   तब से मैं आंखें फाड़े चौधरी को देख रहा हूं!  

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