Wednesday, 7 October 2020

" गॉड इज़ ग्रेट "!

           मै भी कुबूल करता हूं कि ' गॉड इज़ ग्रेट, यानी अल्लाहु अकबर ! अर्थात्  " ईश्वर महान है "! मैं बाकी दुनियां की बात नहीं जानता,पर हमारे देश को तो गॉड इज़ ग्रेट ही चला रहा है। दुनियां और हमारे देश में सबसे बड़ा अंतर ये है कि बाकी देशों के लिए ईश्वर चिंतित होता है, परंतु हमारा देश ईश्वर के लिए चिंतित होने वाला पहला देश है! ईश्वर को  "घर" देना या ना देना मनुष्य तय करता है ! अगर मनुष्य ने तय कर लिया कि ईश्वर के साथ अन्याय हो रहा है तो वह ईश्वर को न्याय दिलाने के लिए अदालत भी जा सकता है! ( बेशक इस धार्मिक अनुष्ठान में कुछ मानव आहुतियां भी देनी पड़ें !)
      कभी ईश्वर चमत्कारी हुआ करता था,अब ये काम भी मनुष्य ने अपने हाथ में ले लिया है! ( एकाधिकार से अहंकार पैदा होता है!) मनुष्य चमत्कारी हो गया किन्तु अहंकारी नहीं। वो अपनी असीमित शक्तियों का क्रेडिट आज भी ईश्वर को दे रहा है, " परसों ट्रैफिक पुलिस से बच बचा कर  साक्षात ईश्वर मेरे घर आए थे! ( उनके पास फेस मास्क नहीं था!) उन्होंने मानव कल्याण के लिए मुझे नॉमिनेट कर दिया ! आज से,ब्लडप्रेशर,गठिया,
शुगर और जवानी दीवानी से सम्बन्धित तमाम दिव्य औषधियों का हकीम लुकमान मैं ही हूं! ये ईश्वर की महान अनुकंपा है मुझ पर ! बगैर अवरोध के " कृपा" आती रही तो मै शीघ्र ही ईश्वर के लिए एक भव्य मन्दिर बनाऊंगा"!
        गॉड इज़ ग्रेट ! कैसे कैसे काम करता है! उसकी मर्ज़ी के बगैर कुछ होता ही नही, और,,,,जो कुछ होता हुआ नजर आता है, उसकी मर्ज़ी मान लें तो आस्था लीक होने लगती है ! बाढ़, सूखा, सूनामी,अकाल, कोरोना आदि को एक्ट ऑफ गॉड मान लेते हैं,पर मॉबलिंचिंग, डकैती, लूट और मासूमों के साथ  बलात्कार को उसकी मर्ज़ी कैसे मान लें ! इन्ही अपराधों पर गहन अध्ययन और चिंतन " दिव्य" बाबाओं के आध्यात्मिक व्यापार को प्रेरणा और प्रोग्रेस देता है!
          ट्रेन के टॉयलेट से लेकर टाटा के ट्रकों तक ऐसे बाबाओं के विज्ञापन छाए हुए हैं, ' खुदा ने चाहा तो खून के आंसू नहीं रोने दूंगा" ( बाबा करामत अली बंगाली) कितना शातिर बाबा है! सारा इल्ज़ाम खुदा पर डाल रहा है ! खुदा ने चाहा तो,,,,,! नुक़सान होने पर हाथ खड़े कर लेगा ," क्या करूं, खुदा ने इस केस में  कोआपरेट  नहीं किया ! थोड़ा और 'लोबान ' डालो!" ये जितने मुस्लिम बंगाली बाबा जन शौचालय में अपना परिचयपत्र छोड़ते हैं, करीब करीब सारे  "वशीकरण" से लैस होते हैं ! सभी बाबा मनचाही लड़की को गर्ल फ्रैंड बनाने से लेकर गुप्त रोग के निवारण में डिप्लोमा लिए बैठे हैं!

     अब कॉलेज के लौंडे को पूरा यकीन है कि अगर चमत्कारी बाबा ने चाहा तो मोहल्ले की सलमा तो क्या "सनी लियोनी" को भी उसके आगे पीछे घूमने पर मजबूर हो जायेगी ! अब वो आस्था का लोबान सुलगा रहा है और शातिर बंगाली बाबा भरोसा दिला रहा है , " खुदा ने चाहा तो सनी लियोनी के साथ सुष्मिता सेन भी तुम्हारे ऊपर फिदा हो सकती हैं! क्या पता तुम्हारे ही चक्कर में सुष्मिता ने आज तक शादी न किया हो! लोबान डालते रहो, गॉड इज़ ग्रेट !"

     ऊपर बैठा गॉड हैरत में पड़ा सोच रहा होगा, - मुझे चुनौती देने वाली ये दिव्य रचना क्या मैंने ही बनाई है !!



No comments:

Post a Comment