Thursday, 8 October 2020

" डांस इंडिया डांस"!

          अब मैं कैसे यकीन दिलाऊं कि ज़माना कितना बदल गया है! बचपन में मुझे इस बात का घमंड था कि मुझे नाचना नहीं आता ! आज इसी हीनता के बोझ से कमर की नाप उखड रही है कि मुझे नाचना नहीं आता ! शादी ब्याह में लोगों को नाचते देख कर अपनी अधूरी योग्यता पर गुस्सा आता है और अब्बा श्री की नसीहत पर खीज़ ! नाचना तो दूर - अब्बा श्री नाच देखने के भी विरोधी थे। ( जैसे कि उन्हें पता था कि शादी के बाद तो बाकी जिन्दगी नाचना ही है!)
         वक्त की धार ने कई पुरानी परिभाषाओं की ज़ंग उतार दी है !अब नाचना इज्ज़त की बात है, स्टेट्स सिंबल है ! मैंने कई शादियों में देखा है, पति जब ' डांस ' करता है तो पत्नी उसे ऐसे गर्व से देखती है, गोया पति ने योग्यता की सारी बाधाएं पार कर ली हों और अब वो परमवीर चक्र पाने के करीब है ! कई "खुले विचार" वाले पति अपनी पत्नी को नाचते देख कर ऐसे खुश होते हैं गोया पत्नी ने भरे दरबार में नाच कर उनकी लाज़ रख ली हो। लड़का नाच रहा है, और गर्वित मां बाप वहां मौजूद रिश्तेदारों को अपने होनहार बेटे के बारे में बता रहे हैं, " मैट्रिक में भले तीन साल लगे हों, पर डांस में हमारे चिंटू ने हमेशा बाजी मारी है"!
     पहले हमारे अध्यापक हमें सीख देते थे, - पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब! नाचोगे कूदोगे होंगे खराब !! हम नाच से नवाब की ओर गए, मगर क्या फ़ायदा ! दुविधा में दोनो गए माया मिली न राम ! नवाब बन नहीं पाए, और नाच से वंचित होकर लेखक हो कर रह गए ! ना खुदा ही मिला न विसालेे सनम - न इधर के रहे ना उधर के रहे। बचपना था, नाच के महत्व से अनभिज्ञ था! " मास्साब" की गलत सीख ने मेरे सौभाग्य पर नींबू टपका दिया है। अब इस उम्र में नाच में आत्मनिर्भर होना बड़ा मुश्किल लग रहा है !
                नाचना इतना ग्लैमरस कभी नहीं था! कई चैनल इसी के भरोसे ऑक्सीजन लेे रहे हैं ! बच्चे स्कूल बैग फेंक कर " बूगी वूगी " में करिअर बना रहे हैं ! नाच इंडिया नाच ! क्योंकि नाचने से ही अर्थव्यवस्था में सुधार होगा, आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और कोरोना भाग खड़ा होगा। नाचने से आत्मविश्वास बढ़ता है, और गरीबी दूर करने के लिए आत्मविश्वास ज़रूरी है! देखा जाए तो इस वक्त देश आआत्मविश्वास से ही चल रहा है! नाचना कितना ज़रूरी होगा, कि कुछ चैनल दो दशक से नाच का टैलेंट हंट चला रहे हैं ! कल के नौनिहाल से लेकर चाचा रामपाल तक नाचने आ रहे हैं! बच्चा और चच्चा दोनों नाच रहे है, और देश आगे बढ़ रहा है!
         कोई चैनल बच्चों का टैलेंट हंट चला रहा है तो कोई घरेलू महिलाओं का ! घर का टैलेंट स्टेज़ पर जलवागर है और पति घर के मुन्ने को लोरी सुना रहा है, -" सो जा राजदुलारे सो जा "! पत्नी डांस में लगी है और पति डायपर बदलने में! कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है! पत्नी पाने की ओर अग्रसर है, और पति  गा रहा है, " मेरा चैन वैन सब लूटा - ज़ालिम नजर उठा ले,,,,,,"! पालना छोड़ कर छोटे छोटे बच्चे नाचने आ गए हैं, गोया क्या जीना इसके बिना ! देश का सारा टैलेंट नाचने में ही सिमट गया है!

          टैलेंट की इंतेहा देखिए! पहले लोग सिर्फ पैर के बल नाचते थे, अब सर के बल भी नाच रहे हैं! (टैलेंट सरफिरा हो रहा है!) नाच में जिमनास्ट को घोल दिया गया है! डांस के कास्ट्यूम ऐसे हैं कि दर्शकों को अन्दर का सारा "टैलेंट" साफ साफ नजर आ रहा है! 

      टैलेंट आगे बढ़ रहा है, कोरोना पीछे हट रहा है!!

2 comments:

  1. Bhai wah maza a gaya. Ghazab ka tanz.
    Society ke is change ko behtareen lafzo me pesh kiya.

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  2. शुक्रिया झौली भर !

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