Wednesday, 27 March 2024

साहस सेवा और संकल्प : लाल सिंह आर्य

(साक्षात्कार)
साहस, सेवा और संकल्प :  'लाल सिंह आर्य'

    ( लाल सिंह आर्य! तीन बार भाजपा से विधायक, एक बार मध्यप्रदेश विधानसभा में मंत्री ! जनसेवा के पुराने पुरोधा , बचपन से आरएसएस के कैडर ! सत्तरह साल की किशोर अवस्था से सियासत में पदार्पण ! वर्तमान में भाजपा के एससी एसटी मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैँ! )
     (जाने माने पत्रकार और संघ के समर्पित सदस्य अजय कुमार सिंह ने फोन पर उनसे संपर्क किया और इंटरव्यू के लिए सहमति मिलने पर हमें  सूचना दी ! मैंने पत्रकार सुल्तान भारती को फोन मिलाया, विनम्र और सहयोगी स्वभाव के "भारती" साहब तुरंत  तैयार हो गए ! हम तीनों एक घंटे बाद नॉर्थ ब्लॉक स्थित लाल सिंह आर्य के सरकारी आवास पर जा पहुंचे ! आर्या जी ने मुस्करा कर सहमति दी और फिर शुरू हुई  सवालों की बौछार - और सधे हुए संतुलित शब्दों के साथ लाल सिंह आर्य का जवाब ! हमने लाल सिंह आर्य से उनकी ज़िंदगी, संघर्ष और उपलब्धियों से संबंधित तमाम पहलुओं पर विस्तार से बातचीत की!
(सवाल)-- कुछ अपने बचपन के बारे में बताएंगे! सुना है कि  खेलने कूदने की उम्र में आप समाज सेवा में उतर पड़े थे ?
   ( जवाब),,,,सात साल की उम्र में मैं संघ से जुड़ गया था ! समाज और राष्ट्र सेवा की भावना वहीं से पैदा हुई ! बाप चिनाई करने वाले मिस्त्री थे और दादा जूता बनाते थे! भिंड जिले के गंज मोहल्ला मे परिवार रहता था ! संघर्ष,सेवा और विश्वास कभी व्यर्थ नहीं जाता ! छात्र जीवन के दौरान 1984 में एबीवीपी का महा मंत्री बना !  1998 में मै पहली बार विधायक बना ! उस वक़्त मेरी उम्र 34 साल थी, और  फिर सफलता  का ये  कारवाँ बढ़ता ही गया !
(सवाल),,,,' संघ में कुछ पाने के लिए प्रतीक्षा सूची बड़ी लंबी होती है! आपको युवावस्था में में सब मिलने लगा ?'
( उत्तर),,,,' हमारे पूज्य सरसंघ चालक कहते हैं कि- संघ देता है, लेता नहीं ! लोग इस भाव से आयें कि हमें समाज को देना है, हमे संघ से मिलेगा कुछ नहीं-'!
(प्रश्न),,,,,'भिंड जिला चंबल बेल्ट में आता है जो डाकुओं का प्रभाव क्षेत्र है! कभी आपका आमना सामना उनसे हुआ है-?'
(जवाब),,,' चंबल को बदनाम किया गया है! हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री ने चंबल की इमेज खराब की है! वहाँ डाकू नहीं बागी होते थे , किंतु माननीय शिवराजसिंह चौहान के प्रयासों से अब चंबल इस समस्या से मुक्त है-'!
(सवाल),,,' आप विधायक रहे, मंत्री रहे! क्या कभी लोकसभा चुनाव लड़ने का विचार नहीं आया !अथवा पार्टी ने कभी ऑफर नहीं दिया-?'
( जवाब),,,,,'हमारी पार्टी में  किसी को कुछ मांगने की ज़रूरत नहीं पड़ती, पार्टी खुद देती है!हमें jo भी काम दिया जाता है हम उसे एक मज़दूर, सैनिक और स्वयंसेवक बनकर पूरी निष्ठा से पूरा करते हैं-!'
(सवाल),,,,'सेवा के इस लंबे अंतराल में कभी ऐसा विचार आया कि सियासत से समाज सेवा ही बेहतर थी-?'
(जवाब),,,,'साधन विहीन समाज सेवा की रफ़्तार बहुत धीमी होती है ! सेवा भाव होते हुए भी कुछ ख़ास नहीं किया जा सकता ! इसलिए राजनीति में आना ज़रूरी था ! आदरणीय मोदी जी के नेतृत्व में समाज सेवा और जनसेवा को जो रफ़्तार मिली है, वो पूरे देश के सामने है! आज सत्ता में बैठे लोगों के पास साधन भी है और मन में  सेवा भाव भी-'!
(सवाल),,,,,'राजनीति में कभी ऐसा मौका आया जब ईमानदारी नेकी के बाद भी आप पर आरोप लगाया गया हो ?'
(जवाब),,,,' हाँ, एक कालखंड ऐसा भी आया था जब मुझे झूठे केस में फंसाने की कोशिश की गई थी, लेकिन सांच को आंच कहाँ ! लेकिन घबराया नहीं ! साथ ही संयम और मानसिक संतुलन खोया नहीं मैंने! आखिरकार झूठे का मुँह काला और  सच की जीत हुई ! याद रखें, सत्य परेशान हो सकता है, किन्तु पराजित नहीं '!
( सवाल),,,,' क्या भाजपा से पहले सत्ता में आने वाली पार्टियों ने एससी एसटी के लिए कुछ नहीं किया-?'
(जवाब),,,,' कुछ खास नहीं ! उनके लंबे शासन में इस वर्ग के लोग मंत्री और उपमुख्यमंत्री के पद पर तो पहुंचे किंतु समग्र विकास की लहर नहीं पहुंची !
एससी एसटी वर्ग के महापुरूषों के सम्मान के खातिर कुछ नहीं किया गया! वो  सब कुछ मोदी सरकार इतने कम अन्तराल में कर दिखाया ! आज सही अर्थ में सबका साथ- सबका विकास हो रहा है!देश आगे बढ़ रहा है-!'
( सवाल),,,,' क्या इस बार चार सौ सीटें मिलेंगी-?'
(उत्तर),,,' ये नारा नहीं भरोसा है ! समग्र विकास से पैदा होने वाला आत्म विश्वास है मेरा ख्याल है कि सीटों की संख्या चार सौ पचास से  पौने पांच सौ तक जा सकती हैं-'!
(सवाल),,,,' इस तरह तो विपक्ष खत्म हो जायेगा ?'
( जवाब),,,,,' विपक्ष को कोई दूसरा नहीं ख़त्म करता , खुद उसका चाल चरित्र और चेहरा ही खत्म करता है! जो बोएगा -वही काटेगा-!'
  ( सवाल),,,,'  चुनाव के परिपेक्ष्य में जनता के नाम कोई संदेश-?'
(जवाब),,,,' विकास का रास्ता चुने ! लगातार मजबूत होती अर्थव्यवस्था को और अधिक रफ़्तार दें! सबका साथ सबका विकास को अगली पीढ़ी तक पहुंचाएं और देश को विश्वगुरु होने मे  अपने वोट की भागीदारी सुनिश्चित करें-!'
       पूरे एक घंटे बाद हमारी कर मंडीहाउस की ओर वापस दौड़ रही थी !पत्रकार अजय सिंह को ड्रॉप जो करना था!

                  (तबरेज खान)
                  चीफ एडीटर 



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