'दारू' की बोतल में "झाड़ू"
आखिरकार पहुंची वहीं पे ख़ाक जहां का खमीर था, पुलिस उनको पकड़ ले गई ! इस अवसर पर 'विकास पुरूष' के आसपास उनके समर्थक कम तमाशाई ज़्यादा थे ! समर्थकों में उनकी संख्या ज्यादा थी जो विकास श्री' के कारण 'आम' से ' खास' हो गए थे ! वो चिल्ला रहे थे और कुछ लोग 'न्याय के साथ हुए इस चीरहरण' के खिलाफ़ ज़मीन पर लेट गए थे ! औऱ,,,लेटते भी क्यों न , साक्षात 'धर्मराज' को जेल भेजा जा रहा था ! क्या विडंबना थी, भ्रस्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन चला कर सत्ता में आए 'विकास श्री' को ही भ्रस्टाचार के आरोप में पकड़ लिया गया था !
ये तो सरासर अन्याय था,- भ्रस्टाचार तो सनातन कालीन समस्या है ! आत्मा की तरह अजर अमर है , न आग जला सकती है और न सुनामी डुबो सकती है ! हर पार्टी जीतने के बाद बाद शपथ लेते ही भ्रस्टाचार दूर करने में लग जाती है, मगर महा मृत्युंजय का जाप करने वाला भ्रस्टाचार की जगह वीर पुरुषों की कुर्सी हट जाती है ! "विकासश्री" भी आते ही भ्रस्टाचार पर झाड़ू चलाने लगे थे ! अनुयायी बंद आंखों से भी भ्रस्टाचार दूर होते देख रहे थे ! आम आदमी को कलियुग जाता और सतयुग आता नज़र आने लगा था ! 'विकास श्री' का मफलर और खांसी दूर हो चुकी थी और दल के सभी पदाधिकारी आम से ख़ास होने लगे थे ! प्राप्त गेहूं का फाइबर और दिल्ली की जीडीपी दोनों बढ़ रही थी ! मरणासन्न विकास का हीमोग्लोबिन ऐसा बढ़ा कि वो सरपट दौड़ने लगा ! नर नारी खुश होकर गाने लगे,- तुम्हीं हो माता पिता तुम्हीं हो-!'
फिर अचानक विरोधी दल के नर नारी छाती पीटने लगे! पता चला कि पानी के लिए तरसती कॉलोनी में दारू की दुकान खुलने लगी ! विकास को बौराते देख पब्लिक सकते में थी ! पानी के लिए जूझते वोटरों के मोहल्ले में पानी के बोर और टैंकर तो पहुंच रहा था, किन्तु भाजपा का आरोप था कि पानी से ज्यादा दारु का लाइसेंस पहुंच रहा था ! आरोप था कि विकास श्री ने नई एक्साइज पॉलिसी को मंजूरी दे दी ! दारू को दवा बनाने का प्रयोग सफल हुआ और 'आम आदमी' को प्रचुर मात्रा में विकास नजर आने लगा ! केंद्रीय जांच एजेंसियो ने जब विकास को सर्विलांस पर रखा तो पता चला कि- जिसको समझा था ख़मीरा वो भकासू निकला!
साजन के दो साफ सुथरी छवि वाले सहयोगी पहले ही गिरफ्तार कर लिए गए ! उनकी गिरफ्तारी से बहुमत आहत था ! काफी बाद में साजन को सम्मन आना शुरू हुआ ! आम चुनाव 2024 और ईडी दोनों की पदचाप तेज़ हो रही थी ! विकास श्री कोई नई पारी खेल पाते कि ईडी ने साजन को घर से उठाया और ' जेल में' जमा कर दिया ! होली को ऐसा फील होने लगा गोया किसी ने पिचकारी की किडनी निकाल ली हो ! पूरी स्क्रिप्ट बग़ैर हेडिंग के ! दुखद स्थिति है , और गठबंधन के नेता जुबानी हमदर्दी उड़ेल रहे हैं ! कुरुक्षेत्र सामने है, किंतु योद्धा नदारद ! कंफ्यूजन बना हुआ है, कि धर्म अधर्म के इस महाभारत में धर्म पर कौन है ! आरोप प्रत्यारोप के इस खेल में पिचकारी दोनों तरफ से चल रही है! व्हाटस एप् से दुर्लभ ज्ञान जमा करने वाली जनता ने सच जानने की कोशिश और उम्मीद छोड़ दी है !
वक़्त की सितमजरी देखिये, जो बेचते थे दर्द दवा ए दिल ! वो दुकान अपनी बढ़ा गए-! कोई ज़माना था जब अन्ना हजारे नामक वाहन पर सवार होकर विकास श्री जंतर-मंतर पर अवतरित हुए! बाद में उन्होंने 'झाड़ू' नाम का एक दिव्यास्त्र ग्रहन किया ! बाद में बड़े बड़े बरगद झाड़ू की चोट से धराशायी होते गए ! जनता झाड़ू में एक नई जन क्रांति के अंकुर देख रही थी ! लेकिन 9 साल बाद ही- बना खेल तोरा बिगड़ गयो रे-!
इंसाफ़ की देवी ने आंख पर पट्टी बाँध ली तो प्रेस ने वही पट्टी दिमाग़ पर बाँध ली ! अब बची जनता, तो उसे व्हाटस एप्प यूनिवर्सिटी थमा दिया गया ! कोल्हू के बैल बनकर अमृतकाल का आनंद लो ! देश आगे जा रहा है , और हम कोल्हू समेत पीछे ! 'विकास पुरूष' पर लगे आरोप पर कोर्ट की सहमति से एक ही सवाल उठता है कि जनता भरोसा करे भी तो किस पर ! सियासत के इस हमाम में क्या सभी नंगे हैं ! एक नए 'तारणहार' की उम्मीद में जनता हर बार चुनाव की वैतरणी झेलती है- जब तक है जान -जानेजहान मैं नाचूंगी-! शायद यही विधि का विधान है !
अभी एक घंटे पहले चौधरी ने आकर मुझे होली की मुबारकबाद देते हुए पूछ लिया, - उरे कू सुन भारती ! उसकू घर ते ठाकर थाने क्यों ले गए !'
" भ्रस्टाचार का आरोप लगाया गया है, शराब के व्यापार में कोई घपला बताया जा रहा है "!
" कितै खोल रखी थी दारू की दुकान?"
" बड़े आदमी दारू बेचते नहीं, बेचने का लाइसेंस देते हैं!
' कच्ची दारू पकड़ी गई- के? दो बोतल हैप्पी होली मैंने भी खरीदी , इब के करूँ ?'
" मत पीना ! गुझिया खा कर सो जाओ!"
" पहले बताना था, इब तो एक बोतल पी कर तेरे धौरे आ गया -! पहले बताना था, तेरे पढ़ने लिखने का के फायदा "!!
तब से मैं अपनी पढ़ाई की डिग्री को लेकर बड़ी हीनता फील कर रहा हूं !
No comments:
Post a Comment