साइबर अपराध का चढ़ता पारा
तारीख 24 मार्च 2024- वक़्त रात के 11 बजे थे ! दक्षिण पूर्वी दिल्ली के अपने निवास में आधा घंटे पहले सोये शमीम खान अचानक नींद से जाग उठे! उनके सेल फोन की घंटी लगातार बज रही थी! नींद की खुमारी में ही उन्होंने फ़ोन उठा लिया-' हैलो '!
उधर से आवाज़ आई-' आपने 'मुख्तार भाई' ( बदला हुआ नाम) से बारह हज़ार रुपये मांगे थे न ?'
शमीम खान अवाक् थे ! दिन मे सचमुच उन्होंने फ़ोन करके मुख्तार से 12000/ मांगे थे! उन्होंने समझ लिया कि मुख्तार ने ही इस आदमी से जिक्र किया होगा ! मुख्तार उनके दोस्त थे! उधर से उस आदमी ने कहना शुरू किया, -' आपका नंबर मुख्तार ने ही दिया है ! मैं आपको इसी नंबर पर पेमेंट भेज रहा हूं-'!
नींद उड़ चुकी थी ! समस्या का निराकरण सामने था ! थोड़ी देर बाद फ़ोन स्क्रीन पर 10,000/ रुपया आने का मैसेज आया! साथ ही फ़ोन आ गया ,- ' सर्वर थोड़ा डाउन है, मैं दो हजार और भेजता हूं-'!
और फिर,,,,,स्क्रीन पर 2 हजार की जगह 20 हज़ार का मैसेज आया ! शमीम भाई दो हजार की जगह बीस हजार देख कर हैरत में थे कि तभी फिर उसी शख्स का फ़ोन आ गया,- ' भाई साहब ! जल्दबाजी में अट्ठारह हज़ार रुपया ज़्यादा चला गया, प्लीज वापस भेज दो-'!
रोज़ा नमाज़ के पाबंद शमीम खान उसे मुख्तार का परिचित समझ कर लुट गए ! उसी वक़्त उन्होंने दिए गए नंबर पर अपने अकाउंट से 18000/ रुपया भेज दिया, और खुशी खुशी बिस्तर पर लेट गए ! तब उन्हें क्या पता था कि वो तेजतर्रार साइबर अपराधियों के बिछाए जाल में फंस कर अपने खून पसीने की कमाई गवां बैठे हैं ! पुरसुकून नींद के आगोश में जाने से पहले उनके दिमाग़ में आया कि अकाउंट बैलेंस चेक कर लें!
और जब चेक किया आँखों के आगे अंधेरा छा गया ! खाते में 12000/ आने की कौन कहे, 18000/ एक झटके में निकल गया था !
सुबह उन्होंने साइबर कैफे में जाकर ऑन लाइन शिकायत दर्ज करायी ! मामला साइबर क्राइम का था, इसलिए साइबर थाना बदरपुर जाना जरूरी था ! शमीम खान मेरे अच्छे मित्र हैं, उन्होंने मुझे साथ चलने को कहा ! मैं राजी था, उन्हीं की गाड़ी से साइबर थाना बदरपुर को रवाना हुआ! उस दिन होली थी, सड़क बिल्कुल खाली थी ! हम आधे घंटे में थाना पहुंच गए ! जाने के बाद पता लगा कि गलती से ऑन लाइन शिकायत दक्षिणपूर्व दिल्ली की जगह दक्षिण दिल्ली के साकेत थाना को चली गई है ! हमें वहां जाना पडा !
वहां से साइबर क्राइम की कम्प्लेंट दुबारा बदरपुर थाने में ट्रांसफर हुई और हमें 2 दिन बाद आने को कहा गया ! थाने से निकलते हुए मायूस शमीम खान ने मुझ से कहा,-' पैसे वापस लौटने की उम्मीद तो है नहीं, पर मैं नहीं चाहता कि ऐसा फिर किसी के साथ हो ! यही सोच कर केस दर्ज करवाया है-! ये हरामखोर पकड़े जाना चाहिए-'!
शमीम खान के इस एक कथन ने मुझे साइबर क्राइम पर लिखने के लिए उकसाया! केस मेरे सामने था ! लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, आधुनिकतम गैजेट्स, तेज़ दिमाग़ पर आधारित अपराध की खतरनाक तिलिस्मी दुनियां ! अपराधी हज़ारों किलोमीटर दूर बैठा हमारे बैंक और बटुआ पर रेडार फोकस किए बैठा था ! विज्ञान और तकनीक के पंख पर बैठे इंसान से भी अपराधी दो कदम आगे खड़ा था ! सवाल गूंज रहा था, - इस शातिर दिमाग़ और रूपोश अपराधी को आखिर पकड़ते कैसे हैं ! जिज्ञासा बहुत बढ़ी, तो मैं साइबर थाने में दुबारा जाकर SHO ( थानाध्यक्ष) कुलदीप शेखावत से मिल कर साक्षात्कार का टाइम माँगा ! उन्होंने अगले दिन का वक़्त दे दिया!
मैंने तुरंत प्रतिष्ठित हिंदी पत्रिका ' उदय सर्वोदय' के चीफ़ एडीटर तबरेज खान को फ़ोन मिला कर स्टोरी पर चर्चा की तो वो फौरन तैयार हो गए! अगले दिन ( 30 मार्च 2024) को तयशुदा वक़्त पर हम शेखावत साहब के ऑफिस में थे---'
मेरा पहला सवाल था --' इनका शिकार होने से कोई कैसे बच सकता है-?'
' भारती जी, फर्स्ट ऑफ आल , इस नवीनतम तकनीक से लैस अपराधी से बचना है तो जागरूक नागरिक होना पड़ेगा ! जागरुकता ही आपको सुरक्षा दे सकती है ! जानकारी,जागरूकता और लालच से दूर रहकर ही इन गुप्त लुटेरों से आप खुद को बचा सकते हैं-'!
(सवाल),,,,,' आज कल क्या ट्रेंड चल रहा है-'?
' ये कोई एक ट्रेंड पर नहीं चलते! मानवीय साइकोलोजी के माहिर जानकर हैं ये ! आजकल ये शेयर बाजार पे रेडार लगाए हुए हैं ! वहाँ बड़े शिकार मिलते हैं ! लोग लालच में फंस कर इनके शिकार बन जाते हैं! यहां शिकार के लिए चारा डालने से पहले वो शेयर बाजार का पूरा स्टडी करते हैं, तब चुने हुए शिकार को लूटने का प्लान चॉक आउट करते हैं-'!
(सवाल) ----' किस तरह करते हैं ये सब-?'!
' बड़े शिकार को भरोसा दिलाने के लिए ये एक बढ़िया एडवाइजर बन कर शेयर बाजार में पैसा इनवेस्ट करने की 'नेक सलाह' देते हैं ! धीरे धीरे इनके बताये रास्ते पर वो शख्स छोटी मोटी रकम जीतने लगता है ! फिर समय के साथ जीत की रकम और भरोसा दोनों बढ़ता जाता है ! शिकार को फंसाने के लिए शिकारी अपनी जेब से चार पांच लाख रुपये दांव पर लगा देते हैं ! भरोसे और लालच में अंधे शिकार को पता ही नहीं चलता कि शिकारी ही दोनों तरफ से पत्ते संभाले हुए है ! फिर बारी आती है करोड़ों के इनवेस्ट की, और एक ही झटके में शिकार अपना सब कुछ गवां बैठता है-'!
(सवाल) ----' और क्या हथकंडे अपनाते हैं-?'
" सेक्स एक्स्टोरशन का कारोबार मेवात के साइबर अपराधियों में खूब चलता है ! वो अक्सर किसी बुजुर्ग को निशाना बनाते हैं! इनका फ़ोन उठाते ही बुजुर्ग को युवा लड़कियां स्क्रीन पर कपड़ा उतारती नज़र आती है! फिर वो बुजुर्ग को कपड़ा उतारने को कहती है, और यहीं से यौन फिरौती के शिकंजे में अमीर बुजुर्ग फंस जाता है! अक्सर ये सारा गेम लड़कों की तरफ से होता है, और लड़की पोर्न वीडियो का एक एडिट फुटेज मात्र होती है ! इस तरह के रैकेट में फंसे बुजुर्ग अक्सर अपना दर्द किसी को बता भी नहीं पाते-'!
( सवाल),,,,, ' साइबर क्राइम के कितने केस आते हैं रोजाना आपके थाने में -?'
' जनवरी से अबतक तीन महीने में आठ हजार केस आ चुके हैं ! '
सुनकर मैं सन्न था ! चलते चलते आखिरी सवाल पूछा -' सर ! देश की जनता और नागरिकों के लिए साइबर क्राइम को लेकर क्या सावधानी और सलाह देना चाहेंगे-?'
" जागरूक बनें, लालच में मत पड़े ! पैसा कमाने का शॉर्ट कट रास्ता आपको मुसीबत में डाल सकता है ! किसी भी अजनबी लिंक या फ़ोन को अटेंड मत करें ! और,,,,,पुलिस को अपना दर्द बताने में देर मत करें-'!
आधे घंटे बाद हम और तबरेज भाई दोनों जब कार से वापस लौट रहे थे तो दोंनो ही खामोश थे ! हमारे जेहन में साइबर अपराधियों की वहीं अदृश्य दुनियां और उनके रूपोश चेहरे की काल्पनिक तस्वीरें चक्कर लगा रही थीं !
( Sultan bharti journalist)
No comments:
Post a Comment