"यह अंतिम पडाव नहीं है" ( रमेश बिधूड़ी )
(मैंने बहुत करीब से उनको देखा और परखा है ! समाजसेवा उन्हें विरासत में मिली है ! वकालत कर रखी है, मगर कभी वकील होने का ढिंढोरा पीटते नहीं देखा! कामयाबी को पचाने का हुनर जानते हैं !
प्रशंसा की अपेक्षा आलोचना ज़्यादा पसंद है ! सेवा साहस और दृढ़ संकल्प के धनी हैं ! पढ़े , - समाज सेवा से सियासत तक सफल पारी खेलने वाले भाजपा के सांसद और कद्दावर नेता रमेश बिधूडी का ताज़ा इंटरव्यू !)
23 मार्च 2024 की सुबह साढ़े 9 बजे !हमारे साथ उदय सर्वोदय के चीफ़ एडीटर तबरेज खान भी थे! हमें डर एक ही चीज़ का था कि कहीं रमेश जी किसी जरूरी काम से निकल न गए हों ! हम दोनों ने रोज़ा रखा था और हमें जल्द वापस लौटना था ! वो मौजूद थे और लोगों की समस्याएं सुन रहे थे ! पूरे 35 मिनट बाद वो जैसे ही फारिग हुए , हमने फौरन पहला सवाल दागा,,,,,,
,,,,,,,,"आपके समर्थक और प्रशंसक सकते में हैं! आप लगातार इस सीट से जीतते आ रहे सांसद हैं, आशा के विपरीत अचानक आपकी जगह पार्टी ने किसी और को टिकट दे दिया ! वज़ह क्या है?"
---" नेतृत्व परिवर्तन होता रहता है। बीजेपी में पोस्ट और पॉवर पर किसी की मोनोपोली नहीं है! ये फैसला पार्टी हाई कमान करती है कि टिकट किसको देना है और किसे नहीं देना है! हो सकता है कि मेरे अच्छे काम ऊपर तक कम पहुंचाए गये हों और हमारी आलोचनाएँ ज़्यादा हाईलाइट की गई हों ! आला कमान का फैसला सर माथे पर-"!
,,,,,,,,' एक जीते हुए लोकप्रिय सांसद की बजाय एक विधायक को इस सीट से उम्मीदवार बनाना,,,,, क्या नए उम्मीदवार के लिए मुश्किलें नहीं बढाती ?'
---कोई मुश्किल नहीं ! मोदी जी के नाम और सरकार द्वारा किया गया विकास जीत की जमीन तय करता है ! और ये भी हो सकता है कि संगठन मुझे कोई बड़ी जिम्मेदारी देना चाहता हो ! यह जरूरी नहीं कि सांसद बन कर ही जनसेवा की जाए ! गांधी जी ने कौन सा चुनाव लड़ा था ! उम्मीदवार की बेहतरीन परफॉर्मेंस से कई गुना अधिक मोदी जी का नाम औऱ काम का मैजिक असर डालता है-" !
,,,,,," दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार के सामने 'आप' और कॉंग्रेस के गठबंधन का संयुक्त उम्मीदवार खड़ा है! क्या ये भाजपा की जीत के रास्ते में एक बड़ी चुनौती नहीं है?"
---' देखिये, जनता का भरोसा मोदी जी पर है! जनता ने दस साल में मोदी जी और उनके विकास को परख लिया है,-जो कहते हैं वो करते हैं -! इंडिया गठबंधन का चाल चरित्र और चेहरा जनता के सामने है! अगर गठबंधन में दम होता तो उसके नेता पार्टी छोड़ कर भाजपा की ओर क्यों भागते-? दिनों दिन मोदी जी की लोकप्रियता सर्व समाज के अंदर बढ़ रही ! इसलिए- इस बार चार सौ पार !"
,,,,,,, ' दिल्ली सत्तर विधानसभा सीट में बदत्तर पर आप के विधायक बैठे हैं! इस बार उनका कॉंग्रेस के साथ गठबंधन भी है! क्या इसका असर लोकसभा चुनाव परिणाम पर नहीं पड़ेगा?"
---' आपको याद होगा कि केजरीवाल जब सत्ता में आए थे तो नारा दिया था- भ्रस्टाचार हटाओ ! और फिर,,,,सत्ता में आने के बाद कभी भ्रस्टाचार का नाम नहीं लिया, क्यों? क्योंकि खुद भ्रस्टाचार करने लगे! तब उन्होंने नारा लगाना शुरू किया कि लोकतंत्र खतरे में है! जनता सब जान चुकी है कि सिर्फ नारा कौन देता है और विकास कौन करता है!
रही लोक सभा चुनाव परिणाम की बात, तो 2019 मे भी भाजपा ने दिल्ली की सातों सीटें जीती थीं जब कि दिल्ली विधानसभा में उनकी सीटें सत्तर में से अड़सठ थीं-"!
,,,,," आपने भ्रस्टाचार की बात की ! संयुक्त विपक्ष का आरोप है कि इलेक्टोरल बॉन्ड का घोटाला सबसे बड़ा भ्रस्टाचार है?"
,,,,,," जो खुद भ्रस्टाचार में सर से पैर तक डूबा हो, उसे तो इल्ज़ाम लगाने का अधिकार ही नहीं है! शीशे के घर में बैठ कर दूसरों के घर पर पत्थर मारने जैसा चरित्र है विपक्ष का ! "
,,,,,,,'केजरीवाल जेल चले गए ! समूचा विपक्ष इसे साजिश बता रहा है! क्या इस गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी के पक्ष में संवेदना लहर पैदा हो सकती है?"
,,,,,,,' संवेदना लहर इस बात पर निर्भर करती है कि इस घटना को कौन सही तरीके से जनता के बीच ले जाता है ! इसमें भाजपा कामयाब होती है तो लाभ भाजपा को मिलेगा, और अगर आम आदमी पार्टी जनता को समझाने में सफल होती है तो फायदा उसे मिलेगा ! माननीय प्रधान मंत्री जी जनहित और सर्वहारा हित में कदम उठाते हैं, हानि या लाभ देख कर नहीं ! दिल्ली और देश की जनता मोदी जी के निर्णय के पक्ष में है-!"
,,,,,, " चुनाव की पदचाप और प्रचार की सरगर्मी बढ़ रही है, रमेश विधूड़ी जी अपनी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने कब निकलेंगे?"
----" जब उम्मीदवार चाहेगा ! मैने फ़ोन कर के कह दिया है कि जब तुम्हें मेरी आवश्यकता होगी, बता देना ! और कोई भी मेरे बारे में कुछ कहे तो सीधे फ़ोन कर के मुझ से बात कर लेना ! अब अगर उम्मीदवार को लगेगा कि मेरी आवश्यकता है तो तो कहेगा , और अगर उसे लगा कि मेरे साथ रहने से उसे नुकसान होगा तो नहीं कहेगा ! ऐसी स्थिति में पार्टी मुझे जो काम सौंपेगी मैं उधर जाऊँगा-"!
,,,,," आपके दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट के मुस्लिम वोटर के बहुमत का रुझान तो "आप" उम्मीदवार की तरफ है ! इसका कितना असर चुनाव परिणाम पर पड़ेगा-?"
-----" मोदी जी का नारा है,- सबका साथ सबका विकास ! राष्ट्रीय स्तर पर इसमें कोई भेदभाव नहीं होता! सभी को समान रूप से इसका लाभ मिलता है, इसमें मुस्लिम भी शामिल हैं ! हम किसी के साथ भेदभाव नहीं करते! मोदी जी की इन्हीं विकासशील नीतियों और योजनाओं के चलते मुस्लिम वोट प्रतिशत तेजी से आगे बढ़ा है! पिछली बार ये सात फीसदी था ! तो कोई ये दावा नहीं कर सकता की सभी मुस्लिम वोट उसी उम्मीदवार को जायेंगे-"!
,,,,,," विगत तीस सालों से मैने देखा है कि क्षेत्र की मुस्लिम जनता भी बड़ी तादाद में अपनी समस्याओं को लेकर आपके पास आती है! उनकी शादी और त्योहार में भी आप जाते हैं! फिर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपकी छवि मुस्लिम विरोधी कैसे बन गई-"?
-----" मुस्लिम विरोधी बनाई गई है- जानबूझकर ! अगर मैं अपने मुस्लिम भाइयों के सुख दुख में खडा होता हूँ, उनके लिए काम करता हूं और उनको सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाता हूँ, तो उसे हाईलाइट नहीं किया जाता ! वहीं, यदि अल्पसंख्यक समाज का कोई व्यक्ति आलोचना की जगह अभद्र भाषा का प्रयोग करे और मैं जवाब दूँ तो एकतरफ़ा प्रचार किया जाता है ! मुस्लिम को भाजपा से दूर रहने के लिए विपक्ष हर प्रयास करता है! सीएए के बारे में भ्रामक प्रचार उसका ताज़ा उदाहरण है! जो मुसलामान बंटवारे के बाद भी यहां से नहीं गए, वो इसी देश के हैं, उन्हें देश से प्यार है, और इस देश के सभी संसाधनों में उनकी समान भागीदारी और अधिकार है-!" (समाप्त)
(लब्बोलुआब)
सच कडुआ होता है, इसलिए समाज और सियासत में बहुमत कडवे सच से दूरी बनाए रखता है ! लेकिन रमेश विधूड़ी ने ऐसे कडवे सच को से अपनी आदत और पहचान बना ली है! उनके अंदर अभिनय, घड़ियाली आँसू या बनावटीपन का घोर अभाव है! वो जो अंदर से हैं, वही बाहर से नज़र आते हैं ! जो सच है और दिल गवाही देता है,वही कड़वा सच उनकी वाणी में बाहर आता है ! शायद यह वर्तमान आचार विचार को रास नहीं आता ! कडुआ सच बोलने का जोखिम अब विरले ही उठाते हैं ! रमेश विधूड़ी की शख्सियत को एक शे'र में बड़ी आसानी से समझा जा सकता है,,,,,,
झूठ को झूठ सच को सच कहना !
हौसला चाहिए जिगर के लिए !!
( सुलतान भारती)
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