'अंबानी' शादी में 'अब्दुल्ला' दीवाना !
'अनंत अंबानी की शादी होनी है,अब्दुल्ला अभी से दीवाना है ! हालांकि अंबानी ने अब्दुल्ला को इनवाईट नहीं किया है, फिर भी उसे सगा होने की फीलिंग्स आ रही है! वो इस शादी को लेकर अनंत अंबानी से ज्यादा सीरियस है! हालांकि उसे बिलकुल नहीं बुलाया गया, फिर भी वो आमंत्रित मेहमानों की लिस्ट को लेकर खासे गुस्से में है ! ये क्या, मुकेश अंबानी को पात्र कुपात्र की पहचान भी नहीं रही ! ये बात अब्दुल्ला सहन नहीं करेगा ! बेशक उसे महफ़िल में पानी छिड़कने के लिए भी नहीं बुलाया गया, मगर वीआईपी मेहमानों की लिस्ट में ' विधर्मियों ' को देख कर उसकी आत्मा आहत है! इतने दूर से ही उसे संस्कार और संस्कृति में इन्फेक्शन लगता नज़र आ रहा है ! सद सद अफ़सोस ! अंबानी फॅमिली को उसके गंभीर चिंता की ज़रा भी परवाह नहीं है!
उधर 'अब्दुल्ला' की दीवानगी,अनंत अंबानी की प्री वेडिंग समारोह को लेकर, बेगानेपन से मुक्त हो कर बेलगाम होने को है! चूंकि वो ' विश्ववत कुटुम्बकम' का मानने वाला है, इसलिए महमानों को लेकर उसका क्रोध इंटरनेशनल हो रहा है ! वो 'रिहाना' को लेकर आग बबूला है ! उसे क्यों बुलाया गया !! रिहाना को बुलाने से पहले 'अब्दुल्ला' से मशवरा तक नहीं किया ! अब पछताए होत क्या जब रिहाना चुग गई खेत! चार घंटे नाचने का 72 करोड़ फीस ! तब से 'अब्दुल्ला' कलकुलेटर लेकर, 72 करोड़ में कितने जीरो होते हैं, ये गिन रहा है ! इतनी बड़ी रकम को लेकर 'अब्दुल्ला' ऐसे सकते में है गोया, -भरतपुर लुट गयो रात मोरी अम्मा-! लेकिन ये जो 'अब्दुल्ला' हैं न !शर्म, हया और नाक से पूरी तरह मुक्त होते हैं! क्योंकि ये सांसारिक चीजे दीवाना होने में बाधक हैं ! रिहाना बेशक वापस अमेरिका चली गई है, लेकिन वो अभी भी 'अब्दुल्ला' के गले में बलगम पैदा कर रही है ! पड़ोसी अब्दुल्ला से पूछ रहे हैं,- 'क्या हाल बना रखा है, कुछ लेते क्यों नहीं-!' अब वो कैसे बताएं कि ये वायरस दवाई से नहीं जाता ! वैष्णो जन अब्दुल्ला की 'पीर' समझते ही नहीं ! दर्द की इन्तेहा ने 'अब्दुल्ला' के अंदर ग़ालिब को जीवित कर दिया है,- दर्द का हद से गुज़र जाना है दवा होना-! वो दर्द को ही दवा समझ रहा है !
कल से'अब्दुल्ला' फ़ेसबुक के कर्त्तव्य पथ पर बैठ चुका है! वो रिहाना को सबक सिखाने का प्रण ले चुका है! तब से रिहाना के खिलाफ़ ताबड़तोड़ पोस्ट डाल रहा है ,--' उसे इतना नचाया कि कपड़े फट गए !' 'रिहाना के कपड़े फट गए-' ये ख़बर उसे काफ़ी राहत दे रही है ! लेकिन थोड़ी देर बाद उसके हलक में उगे बलगम ने सवाल की शक़्ल ले ली, - आखिर 'कहां का' कपड़ा फटा है- ! उसे अंबानी के ऊपर फिर गुस्सा आया,- अगर उसे न्यौता दिया होता तो वो भी नजदीक से कपड़ा फटने का वो अलौकिक नज़ारा देखता ! गरीब महिलाओं के कपड़े तो आए दिन फाड़े जाते हैं, पर वो नज़र और ख़बर में नहीं आते ! रिहाना की काया और कपड़े की बात अलग है ! रिहाना के कपड़े को लेकर 'अब्दुल्ला' व्याकुल है,-' जाने किस जगह का कपड़ा फटा और कितनी 'कयामत' नज़र आयी-'! लेकिन जब उसे पता चला कि बांह का कपड़ा फटा तो उसकी सारी सुखद कल्पनाओं पर वज्रपात हुआ - भला ये भी कोई फटने की जगह है-!
'अब्दुल्ला' दुखी है और उसका दीवानापन अनाथ सी फीलिंग में उलझा है ! उसने रिहाना का कपड़ा तस्वीर में फटते देखा था, साक्षात नहीं देख पाया ! डिजिटल दर्शन ने व्याकुलता और बढ़ा दी थी ! कल से वो और दुखी है ! उसके दोस्त ने नया रहस्योदघाटन किया है कि- रिहाना मुस्लिम नहीं ईसाई है-! वो तो रिहाना का दुपट्टा देख कर इतना आगे बढ़ गया था ! तब से उसका निशाना फ़िल्म इंडस्ट्री के तीनों खान हैँ! अब वो ये साबित करने में लगा है कि ये तीनों खान सिर्फ भाड़े के नचनिया हैं और उनको कोई भी नचा सकता है ! बीच-बीच में उसे ये फीलिंग भी आ रही है कि काश वो अंबानी होता और तीनों खान रिहाना वाले कपड़े में उसके सामने नाच रहे होते ! वो इस सुखद फीलिंग् में इतना भाव विभोर हुआ कि दिन दहाड़े ज़ोर ज़ोर से बड़बड़ाने लगा ,- ' जब तक तुम तीनों के पैर चलेंगे, तुम्हारे कपड़े नहीं फटेंगे ! तुम्हारे पैर रुके कि कपड़े फटे ! हम होंगे कामयाब एक दिन-!'
ये हाल है इन (अब्दुल्ला) दीवानों का ! इधर फ़ेसबुक पर एक और वीडियो ने बेगानी शादी के अब्दुल्ला दिवानों का हीमोग्लोबिन बढ़ा दिया है बताया जा रहा है कि अंबानी परिवार के एक सदस्य ने किंग खान को अपने परिवार के सदस्यों से परे हट कर नाचने को कहा ! ( परिवार और बाजार के नचनिया में फासला होना भी चाहिए !) मुझे पहली बार पता चला कि नाचने वालों का भी 'इगो' हर्ट होता है ! वैसे देखा जाए तो मामला दो नचनिया के बीच का था मगर 'अब्दुल्ला' तो शाहरूख खान के कथित अपमान को लेकर फूला नहीं समा रहा है ! इस खुशी में वो ये भी भूल गया कि दो दिन से घर कनस्तर में आटा खत्म है !
तू कौन? मैं ख़ामखा !!
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