Friday, 25 June 2021

" और अब "तीसरी लहर "

               'अब एक और लहर' ! हंगामा है यूं बरपा कि कोरोना की तीसरी लहर आ रही  है - ! कई महापुरुषों को लहर का आना जाना भी साफ साफ नज़र आता है ! हमारे जैसे तो मजबूत होती अर्थव्यवस्था भी नहीं देख पाते ! कुछ मूर्ख सवाल उठा रहे हैं कि ' किस चश्में से ये लहर दिखाई देती है ' !  जिसे सात साल से विकास नहीं नज़र आ रहा, तो लहर कैसे नजर आएगी ! भले आदमी आपदा में भी अवसर देख रहे हैं और ना देखने वाले अभी भी  किसान आंदोलन में अटके पड़े हैं! ( जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी त्यों तैसी !)
                 तो,,,,,"तीसरी. लहर '' आ रही ! पर ये पता नहीं कि कहां से आ रही है ! आखिर किसको बता कर  चली गई थी ! और किस के समझाने पर आने को राज़ी हुई है ! भला आने की सूचना कैसे मिलती है ? अगर डायनासोर होता तो धमक से ख़बर हो जाती, कोरो वायरस तो अच्छे दिन की तरह नजर भी नहीं आता ! लेकिन  ज्ञानी लोगों  को पता चल जाता है कि 'लहर ' आने वाली है ! हो सकता है जैसे आम का फ़ल आने से पहले पेड़ों पर '' बौर" आता है , कुछ वैसा .ही अदृश्य  बौर महामानव भी देख रहे हैं !
                           अगर आज कालिदास होते तो अपने प्रियसी को लिखे जाने वाले पत्र में  "तीसरी लहर" का  वर्णन कुछ इस तरह करते,- " पड़ोस का  दुकानदार माल भर रहा है प्रिये ! उसने बढ़े हुए दाम की नई रेट लिस्ट दूकान के बाहर टांग दी है ! उसकी पत्नी ने पास के बाबा " टुंडे शाह" की मजार पर चादर भी चढ़ा दिया है! मुहल्ले के डॉक्टर ने अपनी क्लीनिक में रंग रोगन कराना शुरू कर दिया है ! युवा महिलाओं को सारे संकट से मुक्त कराने वाले बाबा "अघोरानंद" जी ने आज अख़बार में "पहले आओ पहले पाओ" का विज्ञापन भी दे दिया है ! कस्बे के सूफी  "कोरोना शाह" ने अपनी चमत्कारी ताबीज़ की क़ीमत भी बढ़ा दी है!  डॉक्टर 'किल बिल' ने आने वाले मरीजों के लिए एक नया पैकेज बनाया है , हम अस्पताल के ठीक सामने श्यमसान और कब्रस्तान की सुविधा भी दे रहे हैं, जिससे किसी मुर्दे को कोई असुविधा न  हो - ! हमारे यहां किडनी भी नहीं निकाली जाएगी -! ( दूसरी लहर का स्टॉक अभी क्लियर नहीं है !).बीट कांस्टेबल बगैर फेसमास्क वाले मुहल्ले के लड़कों को दुबारा तलाशने लगा है ! हे प्रिय ! ऐसा प्रतीत होता है जेसे" तीसरी लहर" आ रही हो -"!
                   मैंने  'वर्मा जी' से पूछा , ' ये तीसरी लहर का क्या लफड़ा है ?'   उन्होंने मुझे खा जाने वाले अंदाज़ में देखते हुए ज़हर उगला - ' दूसरी लहर में लिस्ट अधूरी रह गई थी ! दरअसल यमराज के भैंसे ने लिस्ट चबा ली थी ! अब तीसरी लहर में बचे हुए थर्ड क्लास लोगों का यमराज से अपॉइंटमेंट है -'!
        " हां , आपके पड़ोसी बता रहे थे कि पिछली बार आप बाल बाल बचे !"
   '' मुझे तो पीलिया हुआ था़, तेरी तरह कोरोना नहीं ! मगर काठ की हांडी एक ही बार चढ़ती है ! तीसरी लहर में सारे फर्जी लोग नत्थी होंगे " ! 
   " चौधरी कह रहा था कि तीसरी लहर पचपन साल उम्र के लोगों के लिए घातक है !''
     इस बार वर्मा जी खून का घूंट पी कर रह गए। मै जानता कि वो चौधरी को बद्दुआ देने का रिस्क नहीं उठाएंगे ! शाम को चौधरी खुद आकर बोला, - ' उरे कू सुण भारती ! यू तीसरी लहर कूण से  'सटेसन'  पे आ रही  है ! तमै पतो सै ?"
   '' मुझे तो दूसरी वाली का भी पता नहीं चला !"
          '' किसी ने तो देखा होगा ?"
" सरकार ने देखा है, केजरीवाल जी कह रहे हैं कि दिल्ली तैयार है!" 
    " मैं तो कती त्यार न ! भैंसन कू कितै ले जाऊं ! उन्ने कूण सा फेसमास्क द्यूं ! कूण सी वैक्सीन लगाऊं सूं ? "
   "  तुमने खुद को वैक्सीन लगवाई?"
              " ना भई न  !  बुद्धिलाल नू कह रहो - अक - वैक्सीन लगवा कै एक आदमी कती चुम्बक बण गयो ! मैं वैक्सीन लगवा लूं  अर  कदी भैंस चिपटने लग ज्यां - तो के करूंगा ?"
      तीसरी लहर को लेकर जनता चिंतित है ! दूसरी लहर ने चिंता करना सिखा दिया है । पहले तो मैं ख़ुद भी कोरोना का मजाक उड़ाता था ! दूसरी लहर में कोरोना ने मुझे ढूंढ़ लिया ! और अब तीसरी लहर,,,,अब जाने भी दो यारो ! कोरोना जी अब मेरा देश छोड़ कर कहीं और चले जाओ ! यहां तो पहले से ही इतने खतरनाक " कोरोना" मौजूद हैं कि काट लें तो प्राणी उल्टी सांस भी नहीं ले पायेगा ! उन्हें आने के लिए किसी लहर की ज़रूरत नहीं पड़ती ! इनकी खाल इतनी मोटी है कि खून पीने के लिए डेंगू के मच्छर को भी ड्रिल मशीन लेकर आना पढ़ता है !- तीसरी लहर से डर नहीं लगता बाबू ! मोटी खाल से डर लगता है -! ( बार बार अस्पताल से वापस आ जाते हैं !)
                          तो,,,, बा अदब बा- मुलाहिजा होशियार , तीसरी लहर आ रही है। अपने आने का मैसेज अपने 'ग्रुप ' वालों को भेज दिया है ! - तीसरी लहर से कैसे निपटा जाए - इस पर  "लहर विमर्श" चल रहा है ! जनता ने डरना और भागना छोड़ दिया है! अब लहर आए या लकड़बग्घा, हम तैयार हैं ! सबको यकीन हो चुका है कि मर कर ही स्वर्ग मिलेगा, जीतेजी कोई चांस नहीं है ! मुसीबत, मंहगाई और मौत की कोई लहर नहीं होती, इसलिए कभी भी आ सकती है ! कोरोना बगैर लहर के चलने का रिस्क नहीं लेता !. क्या पता रास्ते में बगैर फेस मास्क  के खड़ा कोई भूखा आदमी पूरी लहर निगल जाए ! 

           बिजनेस मैन  'तीसरी लहर ' पर नजर बनाए हुए हैं ! दूसरी लहर में  कमाई के कुछ कीर्तिमान छूट गए थे  वो इस मानसून में पूरे हो जाएंगे। आने वाली 'आपदा ' उनके लिए ढेर सारे अवसर लाएगी ! सात हजार वाला जो इंजेक्शन अप्रैल में सिर्फ साठ या सत्तर हजार में बेचा था, इस बार एक लाख में बेचा जाएगा । देश की अर्थ व्यवस्था   मजबूत करनी है तो शुरुआत घर से करनी होगी ! प्रभो ! इस बार भी 'कृपा' पाइप लाइन में ना फंसे ! आपकी भक्ति और चंदे में यथावत  सहयोग दूंगा! 

   'तीसरी लहर' फिलहाल अभी ऑउटर पर खड़ी है !

(सुलतान भारती)

No comments:

Post a Comment