आज़ कल मानसून बड़ा बेईमान हैं ! कोरोना ने गोया मानसून को डस लिया है, कहीं धूप कहीं छांव ! गांव में बारिश हो रही है - दिल्ली जल बिन मछली हुई पड़ी है ! रोजगार विहीन प्राणी बाहर धूप खाता है और घर में बीवी की डांट ! उधर फेसबुक पर देश के तमाम नटवरलाल' घर बैठे लाखों कमाएं ' का ऑफर दे रहे हैं, लेकिन दिल है कि मानता नहीं। सारे रोजगार कार्यालय सोशल मीडिया पर चले आए हैं । अगर आप संतोषम परम् सुखम मे आस्था रखते हैं और लाखों कमाना पसंद नहीं है तो 'हजारों रोज़ कमाएं' का ऑफर भी है ! लगता है सारे देवपुरुष फेस बुक पर उतर आए हैं। अब अगर इतने पर भी हम मोक्ष प्राप्त करने में सफल न हुए तो पूर्व जन्म के कर्म आड़े आ रहे हैं! इधर इक हफ्ते से सोशल मीडिया का कलेवर बदल गया है ! संस्कार,सुविचार और रोज़गार बांटने वाले धर्म परिवर्तन में उलझ गए हैं!
लॉन्ग लॉन्ग एगो,,,,,, जब लव में जेहाद का फंगस नहीं लगा था , तो अंतर्जातीय विवाह को लव मैरिज कहा जाता था ! आज कल ऐसे सारे विवाह धर्मपरिवर्तन की दंड संहिता के अंदर आते हैं ! पहले धर्म परिवर्तन पर रोक नहीं थी ! ( रोक आज भी नहीं है किंतु यह इस बात पर निर्भर करता है कि प्राणी किस धर्म में जा रहा है !) संविधान कहता है धर्म निजी स्वतंत्रता का विषय है ।वैसे किसी भी धर्म को स्वीकार करना या न करना आपकी मर्ज़ी है और कानूनी अधिकार भी !.किंतु थ्योरी और प्रैक्टिकल में भारी फ़र्क होता है ! अब धर्म परिवर्तन करने से पहले पुलिस को सूचना देना आवश्यक है; ताकि जांच अधिकारी तय कर सके कि इस धर्मपरिवर्तन के पीछे घर वापसी है या लव जेहाद ! ये जो दरोगा जी हैं, वो पूछ सकते हैं, -" मेरे मुखबिर ने सूचना दी है कि आपने धर्म परिवर्तन किया है?'
' जी दारोगा जी।'
' ये गुंडा गर्दी नहीं चलेगी , फौरन घर वापसी करो '!
"मगर मैने तो आठ साल पहले धर्म परिवर्तन किया था ! तब तो किसी को कोई दिक्कत नही थी?"
" हम तुम्हें मनमानी नहीं करने देंगे ! फौरन घर वापसी करो वरना घर सहित अन्दर कर दूंगा "!
" पर मैने तो आठ साल पहले धर्म परिवर्तन किया था दरोगा जी ?"
" यानि आठ साल से समाज में लव जेहाद चला रहे हो ! बेहद संगीन जुर्म है ! इतनी धाराएं लगेंगी कि पुनर्जन्म लेकर सजा पूरी करनी होगी ! चुपचाप घर वापसी कर लो वरना ये केस थाने से बाहर खड़ी भीड़ को दे दूंगा '!
लव जेहाद - सुनने में ऐसा लगता है गोया गुलाब जामुन केअंदर से छिपकिली बरामद हुई हो ! सारा 'लव' फेंकना पड़ेगा ! कमाल की बात है कि लव करने वालों को भी पता नहीं चलता कि उनके लव के अंदर जिहाद घुसा बैठा है ! (लापरवाही के चलते - कारवां गुजर गया गुबार देखते रहे !) वक्त कितना बदल गया, पहले कभी हैजा आया करता था, फिर स्वाइन फ्लू आया, कोरोना आया - और अब धर्म परिवर्तन आ गया ! सर्व विकास और जीडीपी का फेफड़ा भले सूख रहा हो, लेकिन "सामाजिक क्रांति" के लिए हमारा समाज बहुत ज़्यादा पोटेंशियल है । अभी अभी खोज करने वालों ने जेहाद की एक नई प्रजाति खोज निकाली है - 'रेहड़ी जिहाद' ! ये सोशल मीडिया के वैज्ञानिकों के कठिन परिश्रम का नतीजा है ! ( कुछ जिहाद पर अभी रिसर्च का काम चल रहा है, जैसे - मुर्गा और अंडा जिहाद, पंचर जिहाद, कारपेंटर जिहाद, कबाड़ी जिहाद, रंगाई पुताई जेहाद - भिखारी जिहाद आदि !)
धर्म परिवर्तन के केस में पुलिस धर्म देख रही है, परिवर्तन से उसे कोई लेना देना नहीं है । धर्म परिवर्तन दो तरह का होता है! एक से समाज का भला होता है, दूसरी से शांति सुरक्षा और न्याय को चोट लगती है। कोई और चोट पहुंचाए. यह पुलिस बर्दाश्त नहीं कर सकती । धर्म परिवर्तन के ऐसे हर केस की पुलिस गहन छानबीन करते हैं और यह सुनिश्चित करती है कि किस धर्म परिवर्तन से समाज को नुकसान हो रहा है और किस धर्म परिवर्तन से समाज मजबूत हो रहा है। धर्म परिवर्तन को दो श्रेणी में रखा जाता है; एक लव जिहाद की श्रेणी है और दूसरी घर वापसी की ! पहले वाले के लिए 'रासुका' का प्रावधान है और दूसरे वाले के लिए 'राशन कार्ड' का ! दूसरे वाले धर्म परिवर्तन ( घर वापसी) से प्रजा तंत्र भी मजबूत होता है !
आरोप है कि धर्मपरिवर्तन में संलिप्त अपराधियों ने 'बाय वन गेट वन फ्री' का ऑफर दिया हुआ है। पुलिस का आरोप है कि 26- 27 साल की नाबालिग और मासूम लड़कियों को बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराया जाता है। ऐसे मामलों में एक्सचेंज ऑफर का भी बडा हाथ होता है , - "तुम मुझे धर्म दो - मैं तुम्हें परिवर्तन दूंगा"! इस एक्सचेंज ऑफर के बाद दोनों की कुंडली में दरोगा जी का प्रवेश होता है ! अब शांति सुरक्षा और न्याय का नंबर आता है । दरोगा जी जानते हैं कि ये "तीनों" चीजें किसको देना हैं और किससे छीन लेना है ! लव जेहाद में बहुत वायरस हैं, केस थाने जाकर और खराब हो जाता है । दरोगा जी चाह कर भी शांति सुरक्षा और न्याय की पंजीरी नहीं बांटते ! यहां तीनों की सप्लाई लाईन थाने के बाहर खड़ी भीड़ के हाथ में होता है ! जैसे जैसे गूलर फूटती है, धर्म, आस्था और संस्कार के भुनगे बेकाबू हो रहे हैं !
डंडा,लाठीऔर लोहे की सरिया से लैस धर्म रक्षक भीड़ शांति सुरक्षा और न्याय देने के लिए कभी भी थाने में घुस सकती है !!
( सुलतान भारती)