सन 2080
जीव वैज्ञानिकों की एक खोजी टीम को साठ साल बाद गोंद में सुरक्षित वो मच्छर बरामद हो गया जो आज भी कोमा में था ! खोजी दल उसे लेकर लैब आए और फिर भारत के चोटी के तीन वैज्ञानिक आपस में सलाह करने लगे , डॉक्टर मंजीत सिंह बेंस का कहना था़," हमें प्री वर्ल्ड वॉर की बड़ी दुर्लभ जानकारी मिलने वाली है ! 2040 में हुए तीसरे वर्ल्ड वॉर में जब सब कुछ खत्म हो गया तो ये क्या खाकर जिंदा बचा ?"
दूसरा युवा वैज्ञानिक डॉक्टर नज़ीर सिद्दीक़ी बोले " ये मच्छर आज के मच्छर से डिफरेंट है। इसके खून की जांच से पता चलेगा कि इसने किस जानवर का खून पिया था़ ! फिर ब्लड सैंपल से हमें क्रोमोसोम्स डेवलप करने में आसानी होगी "!
जांच दल के मुखिया और सीनियर वैज्ञानिक डॉक्टर अजीत वर्मा ने फैसला किया ," जब डायोग्राफर मशीन जीव की संरचना दिखाए तो उसके मेमोरी डॉट्स को डेवलप करके ये ज़रूर पता करना है कि मच्छर ने जिस जीव का खून पिया था़, वो क्या खाता था ! कल एक प्रेस कांफ्रेंस का इंतजाम भी किया जाए "!
तीनो वैज्ञानिक अपने काम में लग गए ।
,2040 मे हुए तीसरे विश्व युद्ध में आबादी के साथ साथ सभ्यता की रूपरेखा तक बदल गई थी ! बडे़ बडे़ वैज्ञानिक , राजनेता और कार्पोरेट घराने अपने अपने स्पेसशिप में बैठ कर अंतरिक्ष में चले गए थे ! दो साल बाद जब पृथ्वी पर परमाणु विकिरण खत्म हुआ, नए पेड़ पौधों ने ऑक्सिजन का उत्पादन और गुणवत्ता नियंत्रित किया तो स्पेस शिप पृथ्वी पर वापस लौटे ! अगले दस साल इंफ्रा स्ट्रक्चर खड़े होने में लगे ! दुनियां अब सतयुग के दायरे में थी। देश और दुनियां की बच्ची खुची आबादी अपना अतीत ढूंढ रही थी ! इसी खोज में विश्व की नई महाशक्ति भारत के वैज्ञानिकों को साठ साल पहले का मच्छर हाथ लगा था ।
अगले दिन पूरी दुनियां से मिडिया वाले दिल्ली आए हुऐ थे ! उनमें ज़्यादातर नई दुनियां के लोग थे़ । सबकी नजरें एक बडे़ स्क्रीन पर लगी थीं, जहां तीनों चोटी के वैज्ञानिक मच्छर को घेर कर खड़े थे ! उसके ब्लड सैंपल से क्रोमोजोम्स लेकर तीनों वैज्ञानिक अलग अलग मशीनों द्वारा जांच कर कर रहे थे़ ! सबसे पहले युवा वैज्ञानिक सरदार मंजीत सिंह चिल्लाए , " रब दी सौं, मैनू कदी ना बेख्या ऐसा जानवर !"
" क्या मतलब" ? डॉक्टर अजीत ने पूछा !
" बॉडी डायोग्राफ़र मशीन के मुताबिक मच्छर ने कोमा में जाने से पहले जिस जीव का खून पिया था़, दिखने में वो हमारे पूर्वज इन्सानों जैसा है! पर उसकी खुराक़ डायनासोर से बड़ी है !"
"क्या मतलब"?
" जाने किस ग्रह से पृथ्वी पर आया था, इसके फेवरेट भोजन में कंद मूल या कढ़ी की जगह कमीशन खाने का सबूत है ! कैरेक्टर डाटाबेस की जांच से पता चला है कि ये मर्डर, रेप, करेप्शन और किडनेपिंग में इन्वॉल्व था ! क्या आप इस जीव के प्रोडक्शन का रिस्क उठायेंगे "?
डॉक्टर अजीत के बोलने से पहले ही dr सिद्दीक़ी चिल्लाए , " खुदा की मार हो इस पर ! आखिर इस मासूम मच्छर ने इतना खतरा क्यो उठाया !"
" अब क्या हुआ डॉक्टर ?"
" इसका मेमोरी डॉट्स एक्टिव हो चुका है ! मैंने उसे इसके कैरेक्टर डाटा बेस से जोड़ दिया है! माय गॉड ! ये तो एक दर्जन हिंदू मुस्लिम दंगे करवा चुका है ! ये तो पूरी दुनियां के लिए खतरनाक है !"
" इसका निर्माण कर हम इसे म्यूजियम में रखने का रिस्क नहीं उठा सकते ! " डॉक्टर अजीत वर्मा बोले " ये नई सभ्यता को पनपने से पहले ही खत्म कर देगा । सारे क्रोमोसोम्स फ्रीज़ कर दो और मिडिया को बोलो कि हर कोशिश के बाद भी हम डीएनए को ऐक्टिव करने में नाकाम रहे ! बाई द वे , इस जीव को हमारे पूर्वज क्या कहते थे ?"
" मेमोरी डॉट्स और कैरेक्टर डाटा बेस में इसे "नेता" की पहचान दी गई है "!
" नेता ! ओह गॉड, सो डेंजरस ! गुड बाय मिस्टर नेता , हमारी दुनियां को अभी किसी नेता की जरूरत नहीं है । हम अभी नफ़रत और हिंसा मुक्त दुनियां के निर्माण में लगे हैं । ब्वायज ! इसे सीज़ कर दो !"
और,,,,,इस तरह नई दुनियां तबाह होने से बच गई !
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