Saturday, 19 December 2020

" किसान आन्दोलन और ' इन्द्र ' का सिंहासन !

                       महाराज इन्द्र के सामने रंभा डांस कर रहीं थी और वो सोशल मीडिया पर नजर जमाए बैठे थे ! पिछले कई दिनों से उनका सिंहासन ६.५ के रिक्टर स्केल पर हिल रहा था ! फेसबुक से ही उन्हें सूचना मिली कि भूलोक में किसान आंदोलन शुरू हो गया है ! तब भी इन्द्र ने अपने रूटीन में कोई परिवर्तन नहीं किया था ! पंद्रह दिन बीतते बीतते आंदोलन खत्म होने की बजाय क्लाइमैक्स की ओर जाता नज़र आया ! अब इन्द्र का मन थोड़ा उचटने लगा था ! उनके मुंह लगे चारण और कैबिनेट के महारथी देवताओं ने लगातार जन समर्थन पा रहे आंदोलन के बारे में कभी वास्तु स्थिति की जानकारी नहीं दी ! इन्द्र लोक के ईमानदार मीडिया प्रभारी नारद जी अज्ञातवास पर थे , और  ' आईटी सेल ' के खैरात पर पल रहा मीडिया आंखो पर गांधारी पट्टी बांध कर फर्जी ब्रेकिंग न्यूज देने में लगा था !
           अचानक इन्द्र ने हाथ उठा कर रंभा को डांस रोकने का इशारा किया ! रंभा ने चैन की सांस ली, उसने घुटनों पर ऑर्थो ऑयल की मालिश करनी शुरू कर दी ! पैंतालिस मिनट से लगातार नाचने से कमबख्त घुटनें कत्थक करने लगे थे ! महाराजा इंद्र रिक्रिएशन हॉल से उठ कर कॉन्फ्रेंस हॉल की ओर चले गए ! उधर रंभा से दूसरी नर्तकी उर्वशी पूछ रही थी, " हिज हाईनेस का मन कत्थक में लगा नहीं !"
          ' हां, उनका मन कत्थक में नहीं किसान आंदोलन में लगा है बहन ! " 
     " चलो इसी बहाने अपनी कैजुअल लीव सैंक्शन हो जायेगी ! बहुत दिनों से कश्मीर जाना नहीं हुआ "!
       उधर,,,,, कॉन्फ्रेंस रूम में देवराज इन्द्र आईटी सेल के प्रमुख से पूछ रहे थे, " किसान आन्दोलन की लेटेस्ट पोजीशन क्या है भद्र "?
                  " बहुत आनंदमय खबर है, किसान घी में तर बतर मक्के दी रोटी और सरसों दा साग खा रहें हैं ! हमारा पूरा आईटी सेल आज वहीं छक कर आया है "!
      " तुम आंदोलन तोड़ने गए थे या रोटी तोड़ने ?"
" आपने ही कहा है कि उनके अन्दर घुस कर खबर लाओ ! आज कुछ ज़्यादा ही अंदर घुस गया था " !
        " अंदर की क्या खबर है?"
 " दुश्मन की सप्लाई लाइन बहुत मजबूत है। खाने पीने की कोई कमी नहीं है। बाईस दिन बाद भी उनकी तादाद घटने की जगह बढ़ रही है ! लेकिन,,,, किसान आंदोलन दो तीन दिन में खत्म हो जायेगा !"
     " वो कैसे ?"
" मुझे भी नहीं मालूम ! मगर आपने कहा था कि आकर  खुश खबरी बताना , मैंने वही बताया !"
     इंद्र ने घूर कर देखा , " लगता है कि तुमने राक्षस दल से सांठ गांठ कर ली है ! तुम्हारा कोरोना टेस्ट करवाना पड़ेगा ! जब बगैर सैलरी के छे महीने के लिए सरकारी अस्पताल में कोरेंटाइन रहोगे तो उम्मीद है कि मुझे किसी दधीचि के पास नहीं जाना पड़ेगा !   हड्डी और किडनी दोनो तुम्हीं से मिल जायेगी"!
     " त्राहिमाम ! त्राहिमाम !!" 
इंद्र देव ने  वायुदेव ' से पूछा , " नारद जी के बारे में कोई इनफॉरमेशन ? ' 
      " कदापि नहीं ! एक बार तो सोचा कि कहीं दुबारा " नारद मोह " का कांसेप्ट ना हो, मगर शादी से लेकर स्वयंवर तक छान डाला- कहीं मिले नहीं ! "
     " कहीं किसान आंदोलन की समर्थक मीडिया से तो नहीं मिल गए ? "
                          "  विपक्ष उन्हें इतना बड़ा पैकेज नहीं दे सकता देवराज ! ये तो हम हैं जो इतने सारेसफ़ेद हाथी पालते हैं ! " 
     देवराज ने आईटी सेल के मुखिया पर निशाना साधते
हुए कहा," हमारी मीडिया नाकारा लगती है ! कभी कभी तो मुझे लगता है कि वो मुझसे भी सच छुपाते हैं ! अग्नि देव आप क्या कहते हैं !"
     " मुझे भी कुछ ऐसा ही फील होता है ! भूलोक के इतिहास में पहली बार अन्नदाता किसान हमारे खिलाफ आंदोलन पर उतरा है !"
      " मगर हमारा आईटी सेल तो कहता है कि वहां किसान नहीं खालिस्तानी और पाकिस्तानी बैठे हैं !"
     " तो उन्हें बॉर्डर पर रोका क्यों नहीं ? देवराज ! आखिरकार इन तीन कानून को वापस लेने में क्या दिक्कत है ?"
       इंद्रदेव बड़बड़ाए, " तुम्हें कैसे समझाऊं - बडे़ नासमझ हो !" फिर ज़ोर से बोले - ' इस आग के पीछे विपक्ष की माचिस है! हमारे आईटी सेल का चरित्र देखो, सैलरी हमसे लेता है और मक्के दी रोटी सरसों दा साग सिंघू बॉर्डर पर खाता है ! इन्हें कोरोना की भी शरम नहीं है ! इसकी सजा मिलेगी - बराबर मिलेगी ! कितने आदमी हैं ?."
      " दो आदमी !" अग्नि देव बोले ,"  सिर्फ  दो  आदमी , जिनकी वजह से ये सारा "कोरोना" है !"  

      देवराज अभी भी धर्मसंकट  में है !

No comments:

Post a Comment