Friday, 5 January 2024

अफजल ka इंटरव्यू

शख्सियत 

" है राम के वज़ूद पर  हिन्दोस्तां को नाज़"
                                         अफजाल 
                 ( राष्ट्रीय संयोजक राष्ट्रीय मुस्लिम मंच)

         अगर आप भारतीय राजनीति से खुद को जरा भी अपडेट रखते हैं तो- मुस्लिम राष्ट्रीय मंच- से वाकिफ़ होंगे! 2006 में आरएसएस द्वारा गठित इस संघठन का मकसद था, देश के ज़्यादा से ज्यादा मुसलामानों को राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ना ! इसके सूत्रधार हैं  इन्द्रेश कुमार जी और राष्ट्रीय संयोजक हैं अफजाल जी ! विनम्र और संघर्षशील अफजाल के सतत संघर्ष  का ही नतीज़ा है कि विपरीत विचारधारा और परिस्थितियों में भी उन्होंने संगठन को अंकुर से वृक्ष की शक़्ल में खड़ा कर दिया !
     ठीक 1 जनवरी 2024 की सुबह तयशुदा प्रोग्राम के तहत एक कार नोएडा की तरफ से कश्मीरी गेट ( पुरानी दिल्ली) की ओर बढ़ रही थी ! इस पर मेरे अलावा उदय सर्वोदय पत्रिका के चीफ़ एडीटर तबरेज खान और सह संपादक अजय चौहान बैठे हुए थे ! पत्रकार अजय सिंह- मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सुप्रीमो इन्द्रेश और संयोजक अफ़जाल के काफी क़रीबी हैं ! आधे घंटे बाद हम लोग अफ़जाल भाई के घर में मौजूद थे! वहाँ पर अफजल के अलावा मंच के राजस्थान प्रमुख दादू खान और महबूब खान के अलावा संघ के वरिष्ठ प्रचारक महिरध्वजसिंह भी मौजूद थे ! उन सब को  किसी प्रोग्राम में जाना था, इसलिए बग़ैर किसी औपचारिकता के मैंने अफ़जाल  भाई से सवाल दाग दिया,-  " सारे ही चैनलों पर- राम मंदिर- की ही चर्चा है ! क्या लगता है, इसके आगे सारे मुद्दे गौण हो  गए हैं-?"

     " नहीं ऐसा नहीं है, विकास के सारे काम भी चल रहे हैं ! राम मंदिर का मुद्दा कोई आज का नहीं बहुत पुराना है ! महापुरुष किसी एक वर्ग या संप्रदाय के नहीं  होते ! मर्यादापुरुषोत्तम राम के बारे में किसी शायर ने कहा है-

है  राम  के  वज़ूद  पर  हिन्दोस्तां  को नाज़ !
अहले नज़र समझते हैं उनको इमाम ए हिंद !!

अगर निजाम ए मुस्तफा का ज़िक्र होता है तो हमें अच्छा लगता है, उसी तरह रामराज का भी स्वागत होना चाहिए।  रामराज यानि सब के लिए इन्साफ़, सबका विकास !"
,,,,,,,,( सवाल)- ' जिस लक्ष्य को लेकर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की स्थापना की गई, क्य़ा वो लक्ष्य पूरा हो गया है-?'
   ( जवाब) - '  हमनें वो ज़माना देखा जब दूसरी सरकारें थीं और आए दिन देश में दंगा होता था, कर्फ्यू लगा होता था! महीनो लोगों की मुलाकात नहीं हो पाती थी ! आज देश में वैसा कुछ नहीं है! हमारी कोशिश है कि मुस्लिम नजदीक आयें, समझें और गलतफ़हमी से मुक्त हो कर प्रगति और निर्माण में भागीदारी निभाएं ! हमारे मंच को इस दिशा में आश्चर्यजनक सफलता प्राप्त हो रही है"!

,,,,,,,(सवाल)-" राम मंदिर के बारे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबको पता है, मैं उस पर नहीं जाऊँगा ! मेरा सवाल है कि काशी और मथुरा का मुद्दा भी उसी ढर्रे पर है, आपका क्य़ा कहना है-?"
(जवाब)----" इस विषय में जनमत और संप्रदायमत  अलग अलग हो सकते हैं, इसलिए निर्णायक फैसले के लिए कोर्ट होता है ! एक प्रजातांत्रिक व्यवस्था में संविधान ही तय करता है कि फ़ैसला क्या हो ! तो,,,,,मैं यही कहूंगा कि कोर्ट का जो भी फ़ैसला हो, दोनों पक्षों को स्वीकार्य होना चाहिए- "!

(सवाल),,,,,,   " देश की जनता के नाम क्या संदेश देना चाहेंगे ?"
 (जवाब),,,,;" देश में रहने वाले सभी हिन्दू औऱ मुसलामान को संविधान का पालन करना चाहिए ! संविधान का जो भी फ़ैसला हो, सबको स्वीकार्य होना चाहिए! देश का मुसलमान कहीं बाहर से नहीं आया है! राम किसी के लिए पूज्य हैं तो  किसी के लिए श्रद्धेय ! पूज्य और श्रद्धेय में कोई ख़ास फर्क नहीं है!"

(सवाल),,,," पूज्य और श्रद्धेय में बड़ा बारीक फर्क है,- चलिए, यहां पर - मुस्लिम राष्ट्रीय मंच- के सह संयोजक हाजी दादू खान जोइया हैं जो राजस्थान हाई कोर्ट में एडवोकेट हैं- आपसे मेरा सवाल है कि राम मंदिर बनवाने में आपके संगठन का कितना योगदान है "?
(जवाब),,,,," हमारे संगठन ने माननीय राष्ट्रपति जी को पत्र लिखकर राममंदिर बनाने के लिये अनुरोध किया ! देश के हिन्दू मुसलामानों से सम्पर्क कर इस विषय में आम सहमति बनाने का सघन प्रयास किया! राम मंदिर निर्माण में सहमति बनाने के लिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने भी  बढ़ चढ़ कर प्रयास किए हैं ! मंच का प्रमुख उद्देश्य है कि विवाद न हो और भाई चारा बना रहे -"!

(आखिरी सवाल),,,,," मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के एक और पदाधिकारी महबूब खान यहां पर हैं, जो राजस्थान के गंगा नगर से ज़िला संयोजक हैं ! महबूब खान जी, राम मंदिर निर्माण में मुसलामानों की क्य़ा रुख होना  चाहिए -"?
( जवाब),,,,; " मैं तो चाहता हूँ कि आपस में भाई चारा होना चाहिए और सभी हिंदू मुस्लिम भाइयों को मिल जुल कर  रहना चाहिए-"! 

     ( समाप्त)


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