Friday, 2 September 2022

संगम विहार परबड़े चैनल" की कृपा !

            ( अग्नि दृष्टि)

  संगम विहार पर "बड़े चैनल" की कृपा" !

      अगस्त की 25 तारीख़ को पौने चार बजे स्कूल से घर लौट रही सोलह वर्षीय नैना मिश्रा पर चलाई गई गोली की गूंज में कई सवालों के जवाब अभी भी हवा में तैर रहे हैं ! आख़िर मासूम छात्रा पर गोली किसने चलाई !!  डीसीपी  (दक्षिण दिल्ली) "विनीता मेरी" जी हमलावर का नाम बॉबी कुमार बताती हैं, तिगड़ी  थाना अधिकारी भी उसी का नाम लेते हैं ! लेकिन निन्दनीय अपराध की इस घटना में हिन्दू मुस्लिम, लव जेहाद और मदरसों को घसीटने वालों को इस नाम में हीमोग्लोबिन और फाइबर नही नज़र नहीं आता ! लिहाजा उनके सारे जिक्र की सूई अमानत अली उर्फ अली के इर्द गिर्द घूमती रही !
            इसमें कोई शक नहीं कि इकतरफा प्यार की असफल कोशिश के नतीजे में तीसरे अपराधी अमानत अली ने इस षडयंत्र का तानाबाना बुना था और घटना को अंजाम देने के लिए उसी ने दो देसी कट्टे और कारतूस का प्रबंध किया था ! उसके दोनों आवारा दोस्त ( बॉबी कुमार और सुमित कुमार) इस षडयंत्र में उसके सहयोगी बने! घटना वाले दिन अली बाइक चला रहा था और दोनो असलहे के साथ पीछे बैठे थे ! गोली बॉबी ने चलाई जो सर की जगह बाएं कंधे में घुस गई! लड़की को फौरन पास के बत्रा हॉस्पिटल में ले जाया गया , नैना अब खतरे से बाहर - लेकिन जेरे इलाज है! तेजतर्रार पुलिस उपायुक्त मेरी जी की तत्परता से बनाई गई रणनीति और संगम विहार पुलिस के जबर्दस्त ऐक्शन ने, सभी आरोपी हमलावारों की धर दबोचा और संगम विहार को नफरत और सियासत का अखाड़ा बनाने वाले लोगों का मंसूबा फेल कर दिया।
        1 सितंबर और 02 सितंबर 2022 कई बार  नंबर वन का दावा करने वाले चैनल ने प्राइम टाइम में अपने न्यूज में संगम बिहार की इस घटना पर फोकस किया, एंकर ने अपने विशिष्ट अंदाज़ में इस घटना के द्वारा दर्शकों को बताया कि " गोली अली उर्फ अमानत ने चलाई है"! समझ में नहीं आता कि बॉबी कुमार का नाम लेने से क्या चैनल की "टीआर पी ' गिर जाती !! यह साम्प्रदायिक नहीं तो और क्या हैं ! लव जेहाद के फ़ोकस में सिर्फ अमानत अली प्रमुखता से नजर आ रहा था और बाइक पर सवार  सुमित कुमार तथा गोली चलाने वाला बॉबी कुमार बिलकुल नहीं नज़र आ रहे थे!  ऐसा भी क्या नज़रिया सच बोलने की इजाज़त न दे! सांप्रदायिकता शायद ईमानदार पत्रकारिता और आंख के  "रेटीना" पर भी घातकअसर डालती है , तुलसी दास जी कहते हैं --

जाकी  रही भावना जैसी !
प्रभु मूरत देखी त्यों तैसी !! 

         गनीमत रही कि 32 साल से सुख दुख में एक दूसरे के साथ रह रहे संगम विहार के हिन्दू मुसलमानों की राष्ट्रीय एकता इतनी मज़बूत है कि नफ़रत की ऐसे हवाएं उनके इत्तेहाद की बुनियाद नहीं हिला पातीं ! खैर, आगे से दोनों समुदाय को सतर्क रहकर समाज के बीच रह रहे ऐसे अमानत अली  और बॉबी का इलाज ढूंढना होगा ! क्योंकि ऐसे ही ज़हरीले वायरस हमारे भाईचारे की जड़ों में मट्ठा डाल कर उसे  बर्बाद करते हैं !
  
याद रखें, -- बेटियां हमारी ज़ीनत हैं ! और,,,,,
अपराधी से हमारा कोई रिश्ता नहीं!!

     (  जनहित में कमेंट और लाइक जरुर करें !)
     

      

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