Monday, 18 January 2021

" रन फॉर भ्रष्टाचार भगाओ "

                  महामारी होती तो इतनी चिंता नहीं थी, मामला भ्रष्टाचार का था। मुख्यमंत्री को ख़ुफ़िया विभाग से खबर मिली थी कि प्रदेश में जबरदस्त भ्रष्टाचार की सूनामी आई हुई है ! हैरत थी कि मंत्री और दरबारी चारण में से किसी ने भी प्रदेश में भ्रष्टाचार को आते हुए नहीं देखा था ! राज्यपाल ने प्रधान मंत्री को खबर दी तो उन्होंने मुख्यमंत्री को फटकारा ! मुख्यमंत्री ने पहले अपने मुह लगे चारण से पूछा, - ' प्रदेश में कानून व्यवस्था कैसी चल रही है चरणदास जी ?'
          ' आनंद ही आनंद है प्रभुवर ! पुलिस और पब्लिक दोनो साक्षात बैकुंठ का अनुभव कर रहे हैं ! '
   "  और आप ?"
  " आपके चरणों में तो परमानंद का अनुभव होता है ! साले के लड़के को एक पेट्रोल पंप का लाइसेंस दिला देते तो जीते जी मोक्ष मिल जाता "!
      " प्रदेश में कहीं भ्रष्टाचार तो नहीं बचा ?" 
   ' लहसुन बराबर भी नहीं कि दाल बघार सकें ! आपके आने के बाद प्रदेश भ्रष्टाचार और अपराध मुक्त हो चुका है ! धर्म की जय हो- अधर्म का नाश हो ! अब तो जनता भी  गा रही है, -' दुख भरे दिन बीते रे भइया - सतयुग आयो रे ! विकास वाला बुलडोजर लायो रे '!'
     मुख्यमंत्री ने फटकारा, -' लगता है तुम्हारी आंखों को सतयुग और सावन के अलावा कुछ नहीं दिखाई देता ! कल से नज़र मत आना '!
      अगले दिन ख़ुफ़िया विभाग की खबर आ गई ! कई विभाग में भ्रष्टाचार के घुन लग चुके थे ! कोरोना अब बीमारी ना होकर अंडा देने वाली मुर्गी बन गया था ! 'आपदा ' से धुंध हटी तो ' अवसर ' साफ साफ नज़र आने लगा था ! जनता का कोई भी काम बगैर पैसे के होता ही नहीं था ! ऊपर से दबाव था, इसलिए भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ कुछ ना कुछ तो करना ही था !
       मुख्यमंत्री ने व्हिप जारी कर दिया ! एक हफ़ते बाद  सारे मंत्रियों की मौजूदगी में सीएम आवास के अंदर एक आपातकालीन बैठक शुरू हुई। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में गहन चिंता प्रकट किया , - ' मै भ्रष्टाचार हटाना चाहता हूं। अब ये मत कहना कि प्रदेश में भ्रष्टाचार है ही नहीं! मेरे पास पूरी रिपोर्ट है !'
      सबको सांप सूंघ गया, पूरी मंडली को पता था पर भ्रष्टाचार के अलावा और बहुत कुछ दूर हो रहा था ! सौहार्द,सहिष्णुता, सांप्रदायिक सद्भाव को भी गरीबी और बेकारी की सूची में नत्थी कर दिया गया था ! गैंगस्टर  और प्रेम विवाह  की एक जैसी सजा थी ! पूरे प्रदेश में विश्व गुरु होने का मैराथन चल रहा था कि बीच में भ्रष्टाचार घुस आया ! मुख्यमंत्री कह रहे थे, - ' देखो! मुझे हर हालत में भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश चाहिए ! इसे दूर करने के उपाय पर सारे लोग अपना विचार रखें। ये विचार गोष्ठी इसलिए बुलवाई है !" 
       एक मंत्री ने सुझाव दिया, -' विधायक से लेकर मंत्री तक का पैकेज डबल कर दिया जाए !'
     ' पैसा कहां से आएगा ? '
   " हमारे प्रदेश से गुजरने वाले सारे वाहन के यात्रियों पर कोरोना टैक्स लगा देते हैं ! राजस्व और रबड़ी का अंबार लग जाएगा ! आपदा को एक और अवसर मिल जाएगा "!
       " कोई ऐसा कार्यक्रम बताओ कि पूरे देश को लगे कि भ्रष्टाचार हटाने का गंभीर प्रयास चल रहा है ! इस के लिए  बजट की चिंता मत करो !"
       एक अन्य मंत्री खड़े हुए , ' मेरे पास एक गंभीर सुझाव है , मगर बहुत खर्चीला है !" 
         " भ्रष्टाचार तो दूर हो जाएगा ना ?"
 " वो मै नहीं जानता ! अलबत्ता प्रदेश ही नहीं पूरे विश्व को पता चल जाएगा कि भ्रष्टाचार  दूर हो रहा है "!
      ' बहुत खूब ! सुझाव क्या है ?'
"  आजकल पूरी दुनियां में एक नया ट्रेंड है , "दौड़ कराने" का ! रन फॉर यूनिटी- रन फॉर कैंसर, रन फॉर बाघ बचाओ, रन फॉर मंहगाई भगाओ आदि ! इसी तरह हम भी एक दौड़ कराते हैं, - रन फॉर भ्रष्टाचार भगाओ ! "
     एक मंत्री ने प्रतिरोध किया, ' क्या दौड़ने से भ्रष्टाचार दूर हो जाएगा ?" 
         ' तो क्या आप बगैर भाग दौड़ के भ्रष्टाचार दूर करना चाहते हो ?"
       मंत्री जी को ये कला नहीं आती थी, लिहाज़ा बैठ गए ! लेकिन मुख्यमंत्री को सुझाव अच्छा लगा , - " इस पर विस्तार से चर्चा की जाए !"
       खेल मंत्री खड़े होकर बोले- ' अति उत्तम ! रन फॉर भ्रष्टाचार भगाओ - बढ़िया रहेगा ! पिछली सरकार ने इसी तर्ज पर ग़रीबी दूर करने के लिए दौड़ कराई थी ! सोशल डिस्टेन्स का पंगा है वरना लगे हाथ भ्रष्टाचार की बजाय" रन फॉर कोरोना" भी निपटा देते !"
      वाणिज्य मंत्री बोल पड़े, " एक प्रार्थना है, अभी कोरो ना को भगाने की जल्दी ना की जाए वरना वैक्सीन का क्या होगा ! मेरा मतलब,,,,, बलम जी धीरे धीरे।"
         स्वास्थ्य सचिव ने धीरे से पूछा , " दौड़ होगी तो सोशल डिस्टेंस कैसे बरकरार रखेंगे ?"
       खेलमंत्री नाराज़ हो गए , " भ्रष्टाचार के रास्ते में आने वाली हर बाधा दूर की जायेगी ! मेरा मतलब इस दौड़ के रास्ते की बाधा ! हम कोशिश करेंगे कि इस महत्वपूर्ण दौड़ में भाग लेने वालों की सुख सुविधा के लिए कोई कसर बाकी ना रहे ! जगह जगह रास्ते में कोल्डड्रिंक, पिज्जा, बर्गर, आमलेट, ड्राईफ्रूट, फल और
मिनरल वॉटर उपलब्ध कराए जाएं !"
  वित्त सचिव धीरे से बोले , ' बजट बढ़ रहा है !"
 मुख्यमंत्री ने वीटो कर दिया , ' भ्रष्टाचार के लिए कुछ भी करेगा ! आगे बोलो !"
       अब पर्यटन मंत्री खड़े हो गए , "रन फॉर भ्रष्टाचार भगाओ- के विज्ञापन पर अगर दो चार सौ करोड़ खर्च कर दिए जाएं तो इस दौड़ को देखने के लिए विदेशों से भारी तादाद में पर्यटक आ सकते हैं ! '
    वित्त सचिव ने पूछ लिया,- " पर्यटकों से क्या दो चार सौ करोड़ की भरपाई हो जाएगी "?
     " समस्या भ्रष्टाचार की है भरपाई की नहीं ! कॉरॉना से जो आर्थिक नुक़सान पहुंचा है, उसकी भरपाई हो रही है क्या ? भ्रष्टाचार तो कोरोना से ज़्यादा घातक है !"
       " आप आगे बताएं !" मुख्य मंत्री बोले ! 
   पर्यटन मंत्री मगन हो गए, " सांस्कृतिक मंत्रालय अगर सहयोग दे तो ये कार्यक्रम और बेहतर हो जाएगा ! धावक और दर्शकों के मनोरंजन के लिए जगह जगह गीत, मुशायरा , भजन और कव्वाली का रंगा रंग प्रोग्राम भी आयोजित हो ! संगीत के तानसेनी माहौल में भ्रष्टाचार को भावभीनी विदाई दी जाए !"
       परिवहन मंत्री ने सुझाव दिया , ' भीड़ चाहिए तो फिल्मी हीरो हीरोइन को भी बुलवाया जाए "!
    कैबिनेट ने बहुमत से समर्थन दिया ! आखिर में जेल मंत्री खड़े हुए, " प्रदेश की अधिकांश जेल क्षमता से ज़्यादा आत्मनिर्भर  हैं ! क्यों ना इस ऐतिहासिक दौड़ में अनुभवी कैदियों का भी सहयोग लिया जाए ! कई तो भ्रष्टाचार का कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं !"
                   पर्यटन मंत्री ने एक और अमूल्य सुझाव दिया, " प्रदेश के भिखारियों के सहयोग के बारे में क्या राय है ? अहा क्या संदेश जायेगा ! भ्रष्टाचार की दौड़ में भिखारियों ने बाजी मारी !"
       मुख्यमंत्री ने आह भरी, " दाता एक राम - भिखारी सारी दुनियां ,,,,!"
       पर्यटन मंत्री के जोश में उबाल आ गया , - " रन फॉर भ्रष्टाचार भगाओ ' के इस मैराथन में भाग लेने वाले सारे देशप्रेमियों को ब्रांडेड जूते, मोज़े, ट्रेक सूट और कैप फ्री दिया जाए ! इसे सप्लाई करने वाली कंपनी हमारे फूफा की है ! इतना भव्य आयोजन देख कर भ्रष्टाचार का मनोबल टूट जाएगा " !
        वित्त सचिव घबरा कर खड़े हो गए, " सर ! इतना पैसा कहां से आएगा "?
     परिवहन मंत्री ने वित्त सचिव का पाजामा खींच कर बिठाते हुए कहा, ' काहे बीपी बढ़ाते हैं ! जब तक ये कोरोना जिंदा है खुद को अनाथ मत समझिए ! आपदा है तो अवसर भी है ! ये सब कुछ जनता के लिए ही तो कर रहे हैं , वरना हमें भ्रष्टाचार से क्या तकलीफ़ है !"
               उधर सीएम खड़े हो कर समापन वक्तव्य दे रहे थे, '-  फ़ौरन पूरे बजट को फाइल की शक्ल में मेरे पास भेजा जाए ! भ्रष्टाचार को भगाने में पैसे का मुंह नहीं देखा जाएगा ! इस भव्य दौड़ के आयोजन और खर्च का पूरा विवरण मुझे तीन दिन में चाहिए "!
        वित्त सचिव ने धीरे से पूछा, " क्या केंद्र इस मेगा बजट को मंजूरी दे देगा ? "
          " हमारे पास दो विकल्प हैं! या तो "केंद्र"  मदद करे या  "कोरोना" ! दूसरा विकल्प ज़्यादा पोटेंशियल  है ! फिर भी पहले केंद्र से बात करते है ! तब तक आप सब इस दौड़ को सफल बनाने के लिए वैचारिक मंथन करें - आज की सभा समाप्त की जाती है! बजट मंजूर होते ही तमाम बड़ी कंपनियों को टेंडर के लिए बुलाते हैं ! भ्रष्टाचार को भगाने का कोई मौका क्यों छोड़ें !"

      फिलहाल तब तक के लिए ' भ्रष्टाचार" को राहत देती इस रुकावट के लिए खेद है !

           ( सुलतान भारती )
        

1 comment:

  1. आज की राजनीतिक व्यवस्था पर बहुत बहुत अच्छा व्यंग्य है।

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