Saturday, 28 January 2023

(व्यंग्य भारती) "गुड मैन बनाम बैड मैन"

(व्यंग्य भारती)

     'शरीफ आदमी'- 'बदमाश आदमी'  
             (गुडमैन बनाम बैडमैन)

           आज सुबह पड़ोस के वर्मा जी के घर से  केएल सहगल की आवाज आ रही थी, -  जब दिल ही टूट गया,,, तो जी के क्या करेंगे- ! मैंने यह सोचकर चैन की साँस ली, कि  वर्मा जी ख़ुदकुशी करने वाले हैं  !  फिर भी कन्फर्म करने के लिए मैंने उनसे पूछ लिया,-  ' लगता है मतदान ने आपको ख़ुदकुशी की प्रेरणा दी है '! वो गुस्से में बोले, - 'अब लोगों में नैतिकता नहीं रही ! मोहल्ले भर के वोट दिलाने के बदले में प्रत्याशी ने एक 'एसी' देने का वादा किया था ! वोट ले लिया , अब नेता फ़ोन ही नहीं उठा  रहा,- बैडमैन कहीं का- !' 
    मैं सोचने लगा कि दुनियां में बैड मैन ज़्यादा हैं या गुडमैन ? जवाब सब जानते हैं ! कलियुग में पापियों ने नैतिकता की शॉल लपेट रखी है ! हर गुनहगार बेगुनाह को उपदेश देने में लगा है, - 'पाप का रास्ता नर्क का गेट पास है -'! झूठा आदमी सत्यवादिता  की कोचिंग खोले बैठा है, - ' सत्यमेव जयते ! सतयुग लौट आया है  -'!  बलात्कार की सजा काट रहा बाबा जमानत पा कर दुबारा आश्रम में अंध भक्तो को समझा रहा है, - ' मोह माया हमें पथभ्रष्ट करते हैं ! इन्हें घर में नही रखना चाहिए ! अत : अपने घर की 'माया' को यहां सत्संग में लाया करो - '! जेबकतरा  पुलिस  को  बता  रहा है,  - ' बस में बहुत भीड़ थी, मुझे अपनी जेब कट जाने की फिक्र लगी थी , मैने अपनी समझ कर जब हाथ डाला तो पता चला कि वो किसी और की जेब थी -! सरासर भीड़ की गलती थी, मेरी नहीं -'! शहर में दंगा कराने वाला नेता डिबेट में  प्रवचन दे रहा है ,- ' हमारी सोच- विश्ववत कुटुम्बकम -वाली होनी चाहिए ! विपक्ष की तुष्टिकरण नीति के कारण शहर में कानून व्यवस्था की हालत बहुत खराब है- !'
    विडंबना देखिये ,  बैडमैन पर लगाम लगाने के लिए कानून बनाए गए, लेकिन चंगुल में फंसता अक्सर गुडमैन है ! जुडीसरी  कहती  है  कि - सौ गुनहगार बेशक छूट जाएं, पर किसी गुनहगार को सजा न मिले !  (जुडिसरी ऐसा क्यों कहती है, मुझे नहीं मालूम !)  इसी सोच के चलते अक्सर गुनहगारों को जेल में ऑक्सीजन मिल जाती है,और बेगुनाह शख्स दस  साल बाद 'बाइज्जत' बरी होता है ! ( उसके  'बा इज्जत'  बरी होने के पहले घर के खेत और गहने बेइज्जत लोग हड़प चुके होते हैं !) गुडमैन के लिए जेल नर्क है और बैडमैन के लिए स्वर्ग ! ऐसा स्वर्ग जहां वो अपराध में डिप्लोमा लेता है !जेल में बैठा बैडमैन शासक होता है और गुडमैन उसका सेवक ! कुछ बड़े बैडमैन  जेल से ही अपनी सल्तनत और व्यापार चलाते हैं ! इसलिए महापुरुषों ने कहा है कि किसी भी बैडमैन ( पापी) को कभी बैडमैन नहीं कहना चाहिए ,  क्या पता  अदालत  कब उसे 'गुडमैन'  मान  कर  बरी कर दे!  ( यक़ीन नहीं तो सतयुग का केटलाग देख लो  ! तभी तो  गांधी जी ने  साफ साफ कहा  है  कि -  '' पाप से नफरत करो- पापी से  नहीं' - ! क्या पता पापी कब  'संत अंगुलिमाल' बन जाये -!  संतों की इस वाणी का मर्म  सिर्फ भारतीय पुलिस ही समझ पायी  है !
     जब  कभी  दुर्भाग्य से  कोई 'गुडमैन' पुलिस थाने के  चक्कर में फंसता है, तब उसे मुहल्ले का बैडमैन ही  याद आता है ! क्योंकि पूरे मुहल्ले में वहीं एक है जो पूरे आत्मविश्वास के साथ थाने में घुस सकता है ! गुडमैन तो ख्वाब में भी थाने का फोटो  देख  ले  तो  पसीना पसीना हो जाता है !  पुलिस जानती है कि 'बैडमैन' ही  गुडमैन से पेमेंट  करवा सकता हैं ! वर्ना गुडमैंन तो  पेमेंट की जगह पुलिस को अपना दुखड़ा सुनाने लगेगा,- 'दो महीने से पेंशन भी नही आयी, बस से जाने के पैसे भी जेब में नहीं बचे- ! मुझे मुफ्त में जाने दो, घर में राशन के नाम पर सिर्फ सत्तू रखा है ! तुम को रक्खे राम तुमको अल्लाह रक्खे-'!
       युवा महिलाओं को जिन्न प्रेत से मुक्ति दिलाने वाले बाबा 'कोरोनाशाह' बंगाली युवा महिलाओ के पीठ पर देर तक हाथ फ़ेर कर जिन्न और प्रेत से मुक्ति  दिलाते हैं ! (कुछ बंगाली बाबा तो महिलाओं के कूल्हे पर हाथ मार कर ही  प्रेत भगा देते  हैं !) कमाल तो ये है पीड़ित महिला को भी नहीं पता चलता  जिन्न या प्रेत ने कहां  ठिकाना बनाया है !  बाबा कोरोना शाह  पड़ोस की तहसील में भी एक प्रेतमुक्ति फ्रेंचाइजी खोलना चाहते हैं , जिससे वहाँ की  'अतृप्त' आत्माओं को परम शांति मिल सके! शांति देने का  सलीका गुडमैन को आता भी  कहाँ  है  !
      'गुडमैन' अनैतिकता और नाजायज कमाई के खिलाफ है, इसलिए मोहल्ले में अकेला है ! बैडमैन के साथ समाज खडा है !उसकी अप्रोच ऊपर तक है ! गाँव की पंचायत में उसकी उपस्थिति से  फैसले होते हैं !  गाँव की शादी मे  मैंने देखा है कि लगभग हर गुडमैन अपने घर में होने वाली शादी में बैडमैन की उपस्थिति ज़रूरी समझता है ! बैडमैन  की आवभगत मे गुडमैन खुद भी मौजूद होता है ! गुडमैन मुस्करा कर बैड मैन का आभार व्यक्त करता है,- ' आपके आने से शादी की शोभा चार गुना बढ़ गई ! अगले चुनाव में मेरे परिवार का वोट आपको ही जाएगा-"!
     
      समय चक्र चल रहा है- गुडमैन कमा रहा है, बैडमैन खा रहा है! गुड मैन बच्चे की फीस भरने के लिए सूदखोर से पैसा माँग रहा है, बैडमैन का बेटा विदेश मे  पढ़ रहा है ! गुडमैन फावड़ा चलाता है, बैडमैन पेमेंट करता है! गुडमैन वोट देता है,बैडमैन आश्वासन देता है ! गुडमैन मेहनत करता है, बैड मैन बड़ा आदमी बनता है! गुडमैन के लिए सच बोलना धर्म  है, बैड मैन पर ऐसी कोई बाध्यता नहीं है ! चरित्र की साफ-सफाई के लिए गुडमैन अक्सर 'बाबा बैडमैन' के आश्रम जाता रहता है ! (क्योंकि गुडमैन अपने 'अज्ञात' पापों से बहुत भयभीत रहता है ! ) वो डरा हुआ है कि कहीं अज्ञात पाप उसे स्वर्ग से वंचित न कर दें !

     गुडमैन ने दुनियाँ में डरने के लिए ही जन्म लिया है और बैडमैन ने डराने के लिए ! गुड मैन वोट देकर  4 जून के इन्तेज़ार में सूख रहा है, और बैड मैन आने वाली सरकार में मिलने वाले सरकारी ठेकों की जुगाड़ कुंडली बना रहा है ! गुडमैन 5 किलो अनाज, सुचरित्र, सुशासन, सतयुग और  स्वर्ग को लेकर चिंतित है  और बैडमैन सपरिवार स्विटजरलैंड में छुट्टियों बिता  रहा  है  !

             भाग्य चक्र देखिये -  गुडमैन घर का गेहूं बेंच कर तीर्थ यात्रा पर जा रहा है, और बैडमैन बैंक लूट कर विदेश यात्रा पर !!

   

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