नाज़िम ने आह भरी और गाने लगा,- ' गोरी के नखरे प्यारे लगदे मैनू,,,,'!
गुलनूर ने कृत्रिम गुस्से से उसे घूर कर देखा, तो नाजिम गाने लगा -' जाने फिर क्यूं सताती है दुनियां मुझे ! प्यार की आग में तन बदन जल गया,,,!'
गुलनूर खिलखिला कर हंस पड़ी !!
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