Tuesday, 4 October 2022

(कलाम विद लगाम) "रावण इज बैक"

(कलाम विद लगाम)

   "रावण इज बैक"

      आज रावण बहुत अच्छे मूड में था, सुबह ही सुबह देवलोक में स्थित उसके फ्लैट की कालबेल बजी! एक देवदूत ने उसे शुभ सूचना दी, -' तुम्हारी छुट्टी मंजूर हो गई! अब तुम दिल्ली की रामलीला देखने पृथ्वीलोक जा सकते हो ! आज पांच अक्टूबर है ! ये रहा तीन दिन और अठारह घंटे का वीज़ा "! 
     " मेरे अस्त्र शस्त्र?"
" उसकी कोई जरूरत नहीं। इस सूटकेस में तुम  दोनो के कपड़े हैं ! धोती कुर्ता में मत जाना "!
    " दोनों कौन, क्या मंदोदरी भी जाएगी?"
   " मंदोदरी नहीं, शूर्पनखा !"
  नहीं"! रावण चिल्लाया!
       " हां ! तुम्हारी कुंडली का सबसे ताकतवर नक्षत्र वही है ! पैरोल पर छूटे हो, बहन को भी दिल्ली घुमा दो !"
         " क्या हम लंका नही जा सकते?"
" नहीं, वहां के हालात खराब हैं, तुम्हारे वर्तमान रिश्तेदार देश छोड़ कर भाग गए हैं! पूरे देश में लंका दहन चल रहा है ! जल्दी करो"!
       एक घंटे बाद सुबह के ठीक पांच बजे रावण अपनी छोटी बहन शूर्पनखा के साथ दक्षिण दिल्ली के संगम विहार वाले जंगल में लैंड हुआ ! वहां से बाहर आकर दोनों ने एक ऑटो रिक्शा वाले से पूछा, - इंडिया गेट चलोगे "? 
   रिक्शा चालक ने शूर्पनखा को ऊपर से नीचे तक
देखते हुए पूछा, " मैडम आप भी चलेंगी?"
      " हां" !
" आप चलेंगी तो मीटर से चल दूंगा, ताऊ जी चलेंगे तो इंडिया गेट का चार सौ रुपया"!
      रावण खून का घूंट पी कर रह गया, जब कि शूर्पनखा मुस्कराई, - तुम्हारी शादी हो गई कि नहीं?"
      अड़तीस साल उम्र में तीन बच्चों का बाप बन चुका आटो चालक कान पकड़ कर बोला, " राम का नाम लो जी, अट्ठाइस साल की उम्र भी भला शादी करने की होती है! वैसे,,,आप जैसी कोई मैरी ज़िंदगी में आए तो  'बाप'. बन जाएं "!
   "गाड़ी चला " रावण गरजा- " वरना कन्यादान की जगह मैं यहीं तेरा पिंडदान कर दूंगा"!
     ऑटो वाला गुर्राया, - " क्यों मेरे हाथों वीरगति पाना चाहते हो ! ये संगम विहार है ताऊ, यहां पर अक्सर आत्मा का परमात्मा से मिलन चलता रहता है! "!
           देवलोक के दिशा निर्देश से बंधा रावण कोई एक्शन नहीं ले सकता था। आधे घंटे बाद आटो रिक्शा इंडिया गेट पर रुका। शूर्पणखा ने रावण से कहा, -"क्या मैं उधर नौका विहार करने जाऊं डैड "?
       " कदापि नहीं शूर्पी ! ये सतयुग नहीं है , मैं चलता हूं तुम्हारे साथ "! 
     नौका विहार करते हुए रावण ने देखा कि संगम विहार वाला ऑटो ड्राइवर भी एक नाव पर धूम रहा था ! खतरा भांप कर रावण ने बहन को चेतावनी दी, -" अब कलियुग में भी मेरी नाक कटवाओगी क्या ! इस ऑटो वाले की यहीं जलसमाधि बनाता हूं! तुम्हारी च्वाइस इतनी घटिया कैसे हो गई?"
      "तो क्या करूं! शाही फेमिली के लोग मुझे पसंद करने की जगह मेरी नाक काट लेते हैं ! अब इस कलियुग में तो संगम विहार वाले ही  मिलेंगे बिग ब्रदर ! "
     " मै इसी लिए तुम्हारे साथ नहीं आना चाहता था, तुम्हारी सोच ब्यूटी पार्लर से हुक्का पार्लर तक
ही चलती है ! चलो चांदनी चौक चलते हैं "!
  " लेकिन यहां से लोदी गार्डेन ज्यादा नज़दीक है ! ऐसा करते हैं कि आप चांदनी चौक चले जाओ, मैं लोदी गॉर्डन हो कर आती हूं!"
      "नहीं !" रावण गरजा - " मैं तुम्हें अकेले नहीं जानें दूंगा "! 
   "क्यों?"
"सतयुग में दूध से जला था, तब से मट्ठा भी फूंक फूंक कर पीता हूं ! मै भी लोदी गार्डेन चलूंगा "!
    " वहां कोई भी लड़की अपने भाई को लेकर नही जाती, भाई समझा करो!"
   रावण ने मैप देखते हुए कहा, -" न लोदी गार्डेन और न चांदनी चौक ! जंतर मंतर चलते हैं!"
      " ठीक है,लेकिन संगम विहार वाले ऑटो से चलते हैं , क्या म्यूजिक लगा रखा था - 'मुस्किल कर दे जीना इश्क कमीना-!' 
         रावण की आंख आज सुबह से ही थोड़ी थोड़ी फड़क रही थी, अब एक दम से स्पार्क करने लगी ! जंतर मंतर के इंट्री गेट पर खड़े सब इंस्पेक्टर ने शूर्पनखा और ऑटो वाले को तो अंदर जाने दिया और रावण को गेट पर ही रोक लिया! रावण गुस्से में आ गया, - " मुझे क्यों रोका?"
       " थारे लक्षण ठीक न लगे मोय ! के नाम सै?"
        "रावण" !
    " कश्मीर ते आया है न ! हवलदार ! तलाशी लेना इसकी , अर  इसकी मूछों में कंघी मार कर देख लेना , के बेरा हशीश या हथगोला न छुपा रक्ख्या हो ! घणा खतरनाक दीखे "!
    बगैर किसी जुर्म के पकड़े जाने पर रावण का ब्लड प्रेशर बढ़ गया । हालांकि तलाशी में कुछ भी नही निकला था फिर भी सब इंस्पेक्टर धमका रहा था, -' सही बता दे, किसका आदमी है - हिजबुल का या लश्कर का"?
    "मेरे पास कुछ मिला क्या ?"
"अच्छा !  तो बेटा सुन ले ,मैं जो चाहूंगा वो तेरे धोरे बरामद हो ज्यागा "!
   " कैसे"! 
               " तीन घंटे थारी कारसेवा करूंगा, तू सब कुछ बरामद करवा देगा ! दिल्ली में घूम रहा है अर सूटकेस में दो सौ रुपए भी नही ! फ़कीर कहीं का !!" 
      रावण का दिल बैठ गया। कमबख्त ऑटो वाले के साथ शुर्पी ने पलट कर भी सुध नहीं ली थी! तभी एक लंबी कर रुकी और एक एसएचओ ने बाहर आकर सब इंस्पेक्टर को फटकारा, ' मेरे रिश्तेदार को क्यों रोक रखा है बेवकूफ?"
     " सॉरी सर ! इन्होंने बताया नहीं "!
"शट अप "!
        कार में बिठाकर आगे बढ़ते हुए दरोगा ने कहा, -" हैरान मत हो , मैं देवदूत हूं, दिल्ली देख कर पेट भर गया, या अभी लाल किले  जाकर रावण दहन भी देखना है?"
        " शूर्पि कहां है?"
 " वहीं चल रहा हूं, लोदी गार्डेन ! ऑटो वाला उसे बंगाल ले जाकर बेचने की प्लानिंग कर रहा है ! कलियुग में लोगों के कैरेक्टर में इतना प्रदूषण भर चुका है कि एक बार पूरी धरती को जोतना पड़ेगा।"
            रावण की बोलती बंद थी । सफेद रंग की बीएमडब्ल्यू कार तेजी से लोदी गार्डेन की ओर दौड़ रही थी!          (   क्रमश: )
   

No comments:

Post a Comment