"केसरिया "चीता" पधारो म्हारे देश"!
अब ये हंगामा है क्यूं बरपा - चीता ही तो आया है! इतनी हाय तौबा काहे की! मीडिया बताए तो सही कि उसे चीते के आने से इतना सदमा क्यों लगा है ! अरे भय्या, हम हैजा , महंगाई, बर्ड फ्लू से प्रदूषित मुर्गा, कोरोना सब झेल कर बैठे हैं- चीता की क्या चिंता ! वो बेचारा तो खुद नामिविया के नीग्रो से दुखी होकर आया है, जो उसके मुंह से हिरन छीन कर खा लेते हैं ! तारणहार की जय हो ।जो हालात के मारे चीते को यहां ले आए ! लेकिन भारतीय मीडिया ने चीते के स्वागत में इतना झांझ मजीरा बजाया कि चीता घबरा कर खुद को कुछ और समझने लगा ! उधर विरोध को अपना राजधर्म समझने वाले विपक्ष ने चीते को निशाना बना कर हमला शुरू कर दिया - सोशल मीडिया पर भी सेनाएं सजने लगीं।
ख़बर जंगल पहुंची, शेर ने व्हिप जारी कर दिया ! सारे जानवर इकट्ठा हुए ! शेर ने चिंता प्रकट की, -' सुना है अपने जंगल में कोई घुसपैठिया आ रहा है? जानवर हैरान! हिरन ने अपनी राय दी, -' राजा जी ! हमे चीते से डर नहीं लगता, इंसानों के प्यार से डर लगता है '! शेर ने अपनी समस्या रख दी , - ' मैं तो लगभग शाकाहारी हो चुका हूं , टोटल भेजिटेरियन ! सन दो हजार उन्नीस के बाद अपनी गुफा के बाहर नोटिस बोर्ड लगवा दिया हूं कि कृपया गाय, भैंस, बकरी बकरा यहां से दूर जाकर घास चरें "!
मुंह लगे लोमड ने पूछा, " गाय पर तो रोक है, पर भैंस और बकरा बकरी का शिकार करना क्यों छोड़ा?"
" खतरा है जान जाने का ! मैं बकरे का शिकार करूं और हमारे विरोधी उसे गाय साबित कर दें तो,,,! हमारी तो हो गई मॉब लिंचिंग! न बाबा न ! अपन शाकाहारी ठीक हैं ! अब ई चीता यहां क्यों आया ! लगता है मुझे नामीविया भागना पड़ेगा "!
तो,,, चीता आ गया है। चीता लाने वाले ने भी नहीं सोचा होगा कि मीडिया को चीते से इतनी ऊर्जा और फाइबर हासिल होगा ! लगता है इसके पहले मीडिया ने चीते का फोटो भी नहीं देखा था! इतना मान सम्मान देख कर खुद चीता सदमे में है, - कहीं चुनाव न लडवा दें ! हे वन देवी रक्षा करना, मीडिया के लक्षण ठीक नहीं लगते- ' !
फ़िलहाल चीता आ गया है, उम्मीद है कि अब महंगाई जन बचाकर भागेगी! एक म्यान में दो तलवार नहीं रह सकती ! तभी तो दूर दृष्टि से मालामाल मीडिया देश हित में इतना खुश है ! चीता इन, महंगाई आउट ! नो डाउट !! सावन की जगह चीता को आने दो ! यूपी के अवध क्षेत्र में धान के खेत सूख रहे थे ! मानसून लेट था, चीता टाइम पर आ गया ! चीता के आते ही बारिश शुरू !अब किसान और मीडिया दोनों खुश हैं ! केसरिया "बालम" पधारो म्हारे देस !!
खैर चीता आ गया है ! मीडिया न बताती तो कैसे बता चलता देश में चीता आया है! सरहद से घुसपैठिये अंदर आ जाते हैं तो मीडिया को पता नहीं चलता, उसके अंडर कवर एजेंट तब चीता ढूंढ रहे होते हैं ! अब तक चीता नामीबिया में था , तभी महंगाई अंदर आ गई ! अब चीता अंदर है तो महंगाई और बेकारी नामीबिया का पता पूछ रही हैं ! मीडिया के तमाम 'अंडर कवर एजेंट' चीता के इर्द गिर्द घूम रहे हैं -" तेरे चेहरे से नज़र नहीं हटती, महंगाई हम क्या देखें ! भीड़ और मीडिया का मारा चीता सड़मे में है ! चीता का आना बेशक एक मानवीय पहल हो ,पर मीडिया को पूरा यकीन है कि एक दिन ओज़ोन के परत में हो रहे छेद को भी यही चीता बंद करेगा ! तो,,,,,,,,
चीता आ गया है, शायद अब कोरोना चला जाए !!