Monday, 9 May 2022

(व्यंग्य भारती) " बुल्डोजर का अमृत महोत्सव"

(व्यंग्य 'भारती' )

               "बुल्डोजर का अमृत महोत्सव"

       आज़ादी का अमृत महोत्सव चल रहा है!  हर कोई अमृत खोज  रहा है ! हमारे एक प्रकाशक मित्र कवि सम्मेलन के लगातार आयोजन के मंथन में अमृत निकाल रहे हैं ! देश में 1947 के बाद पहली बार आज़ादी की फीलिंग आई है ! आज़ादी मिलना और फीलिंग आना अलग अलग अनुभूति है! कभी कभी उपलब्धि हासिल हो जाती हैं पर फीलिंग ही नहीं आती ! जैसे पत्नी के सामने कॉलेज के ज़माने की गर्लफ्रेंड आ जाए  तो फीलिंग फौरन फ्रीज हो जाती है ! देश तो बहुत पहले से आज़ाद है , पर जाने क्यों  फीलिंग नहीं आ रही थी ! 
       और आज़,,,अब जा के आया मेरे बेचैन दिल को करार ! आज़ आज़ादी से ज़्यादा फीलिंग है ! इस फीलिंग ने कई जगह आज़ादी के हिस्से की ऑक्सीजन भी हथिया लिया है ! फीलिंग इतनी प्रचंड है कि संविधान खुद को असहाय महसूस करता है! पहले आज़ादी सबके पास थी !  अब आज़ादी की जगह उसकी फीलिंग सबके पास है ! महसूस कीजिए और आनंदित रहिए ! देश को आज़ादी मिली है और पब्लिक को उसकी फीलिंग ! ये समझदारी का काम है, पब्लिक दोनों चीजें संभाल नहीं सकती! देश ७४ साल से आज़ाद था लेकिन पब्लिक में आजादी की फीलिंग ही नहीं थी! 15 अगस्त या 26 जनवरी को लाउड स्पीकर पर गाना बजता तो थोड़ी देर के लिए फीलिंग आ जाती थी! आज 75 साल का कोटा पूरा हो गया ! पूरा साल आज़ादी का अमृत छकिए,और फीलिंग को आत्मनिर्भर बनाइए !
      इस अमृत महोत्सव की फीलिंग को बुल्डोजर ने काफ़ी मजबूती दी है ! कई जगह ऐसी थी जहां आज़ादी की फीलिंग का पता लोगों को नहीं था, वहां बुल्डोजर ने जाकर अपनी आज़ादी की जो झांकी निकाली कि लोग बाकी जिंदगी उस 'अमृत महोत्सव' की फीलिंग में ही गुज़ार देंगे ! आज़ बुल्डोजर के साथ हम आज़ादी की हीरक जयंती मना रहे हैं! इसका आनंद और फीलिंग अदभुत है ! किंतु आश्चर्य है कि विपक्ष बुल्डोजर को देख कर विलाप करता है जब कि सत्ता पक्ष हर्षनाद ! भक्त गण कह रहे हैं, - जाकी  रही  भावना  जैसी - वाली बात है !! आज़ादी और अमृत सबको रास नहीं आती ! बुल्डोजर आज़ाद है, इसलिय वो अपनी फीलिंग के हिसाब से अमृत बांटता है ! वह अपने और आज़ादी के बीच में  ' स्टे ' का दख़ल नहीं देखना चाहता ! 
          यूपी से निकला बुल्डोजर एमपी में काफ़ी पसंद किया गया! प्रशासन अदालतों का सारा पचड़ा बुल्डोजर को सौंपना चाहता है ! बुल्डोजर माने न्याय पालिका ! आज़ादी का पूरा अमृत महोत्सव !! अपराध और विरोध मुक्त भारत !! बुल्डोजर को पहले गंभीरता से नहीं लिया गया था तो आज़ादी कितनी फीकी थी ! आज बुल्डोजर की महती कृपा से मई और जून में भी चारों  ओर कितनी हरियाली है ! लेकिन कांग्रेस को क्या हो गया है जो वह विकास और बुल्डोजर का विरोध कर रही है !.उनके अंदर न अमृत बचा- न फीलिंग !! जहां भी हमारा आजादी  वाला बुल्डोजर देखते हैं, आगे आकर लेट जाते हैं- 'विकास' होने ही नहीं देते !! नौ मई को शाहीन बाग में इन्होंने यही किया, बुल्डोजर के आगे लेट कर '' अमृत महोत्सव" का मज़  किरकिरा कर दिया ! !
       अब हम विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनने जा रहे हैं! कुछ  पाने के  लिए  कुछ खोना  पड़ता! ( खोना वर्तमान है और पाना भविष्य!) सिलेंडर का बढ़ा हुआ दाम वर्तमान है, स्वर्णिम भविष्य पाने के लिए मंहगाई जैसी अकिंचन चीज को भूलना होगा ! विश्व गुरू होने के लिए किचन विधवा भी हो जाए तो भी परवाह नहीं !!ये एलपीजी गैस,  गबन, मंहगाई, बेकारी या रुपए का अवमूल्यन सब तुम्हारे कर्म हैं! जैसा करम करोगे वैसा फल देगा भगवान.! ये सब भगवान और भक्त के बीच का मैटर है! इसमें सत्ता पक्ष का कोई दोष नहीं ! उल्टे सत्ता पक्ष तो ईश्वर के अलावा और किसी की तरफ़ ध्यान ही नहीं  दे रहा है! पहला फ़ोकस इस पर है कि कहां कहां ईश्वर से उनका निवास स्थान छीना गया है , पहले वहां बुल्डोजर का अमृत महोत्सव मनाया जाएगा ! सर्वे जारी है,ताकि इस बार ईश्वर को न्याय मिलने में विलम्ब न हो !
            कल नौ मई थी ! शाहीन बाग में बुल्डोजर का अमृत महोत्सव होना था़ ! भारी पुलिस बल के साथ बुल्डोजर रवाना हुआ ! कई मीडिया के चारण बुल्डोजर की विरुदावली गाते हुए आगे आगे चल रहे थे! एक बड़े चैनल की चर्चित मोहतरमा हांफती हुई बोल रही थीं ! उनकी खुशी और उत्साह देख कर लगता था कि सिर्फ "हिन्दू मुस्लिम" करने से ही उन्हें प्रोटीन हासिल हो जाता है! डिमोलिशन निरस्त होने पर उनके चेहरे पर जो मायूसी मैने देखी, उससे लगता था़ गोया शाहीन बाग में किसी ने उनकी किडनी निकाल ली हो ! प्रशासन और बुल्डोजर भी उतने दुखी नहीं थे ! 
                हीरे की परख जौहरी को होती है ! जौहरियों ने बुल्डोजर की नाभि में छुपे ' अमृत ' को पहचान लिया है ! सुबह उठते ही बुल्डोजर पूछ लेता है, - ' क्या हुक्म है मेरे आका ! आज़ कहां कहां आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाना है ?  अब तो इसके बगैर - दिल है कि मानता नहीं - !!

                           ( सुलतान भारती)

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