Friday, 13 May 2022

( व्यंग्य भारती) " भोर का सपना"

(व्यंग्य भारती)          "भोर का सपना"

             अब क्या बताएं कि बेकारी में कैसे कैसे ख़्वाब आते हैं! दिन में याद कर लूं तो हीनता आ जाती है! कोरोना काल के बाद आज तक कभी आत्म निर्भर ख़्वाब नहीं देखा! जबकि मेरे दोनों पड़ोसी ( चौधरी और वर्मा जी) ऐसे ऐसे ख़्वाब देखते हैं जिसमें मेरी सिचुएशन हमेशा दयनीय होती है! ये पहली बार है कि तीन साल में  मैंने कोई ढंग का ख़्वाब देखा था ! इस बार वर्मा जी का सारा मनोबल पंचर होना था ! सपना भोर का था, और उसके सच होने की पूरी उम्मीद थी ! इस बार का ख़्वाब इतना ताकतवर था कि वर्मा जी को महीनों ख़्वाब नहीं आना था! मेरे ख्वाब में वह शाहजहां के दरबार में भिश्ती बने दरबार में पानी छिड़कते नज़र आए थे! उन्हें इस रोल में देख कर मैं काफी खुश था  !
     अब पूरे ख़्वाब को डिटेल में बताता हूं!
          ताज महल बनाम तेजो महालय के विवाद पर फेस बुकिया विद्वानों की ख़ोज पूर्ण रिपोर्ट पढ़ पढ़ कर मैं देशहित में तीन बजे रात तक जागता रहा ! आज़ कल अचानक मुझे लगने लगा है कि अगर मैने एक भी पोस्ट छोड़ दिया तो ताज महल हाथ से निकल जायेगा ! केस खराब हो, इसके लिए वर्मा जी आज कल दिन में एक बार आकर मेरा ब्लड प्रेशर बढ़ा जाते हैं! कल भी आकर उन्होंने बड़ी गंभीरता से कहा था, - " अब कुछ नहीं हो सकता ! जिस ने शाहजहां को लोन दिया था , वो  दावेदार पार्टी सामने आ गई है ! वो ताज महल नहीं, तेजो महालय है ! सच्चाई छुप नहीं सकती, बनावट के उसूलों से ! ताज महल के निर्माण में लगा सारा मैट्रियल इसी पार्टी ने सप्लाई किया था । शाहजहां ने इसी पार्टी से लोन लिया था!
      "  आपके सामने लोन लिया था क्या ?"
 " तेरा दुख मैं समझ सकता हूं! पर अब कुछ नहीं हो सकता! तहखाने के बंद कमरे खुलेंगे तो देख लेना लोन और पॉवर ऑफ एटॉर्नी के काग़ज़ बरामद हो जाएंगे ! शाहजहां को तेजो महालय को ताजमहल का नाम नहीं देना था "! 
         " सबूत क्या है?"
 " नाम ही सबूत है! तेजोमहालय का अर्थ है, ' ऐसा घर जिससे तेज़ निकलता हो - ! चांदनी रात में जाकर देख इमारत से कैसी दिव्य रोशनी फूटती है! उसे बनाने में ऋषि मुनियों का भारी योगदान था "!
         " शाहजहां का क्या रोल था ?"
" जब मंदिर बन गया तो शाहजहां ने उस पर अपना बोर्ड लगा दिया ! उनकी इस साजिश में कांग्रेस पार्टी भी शामिल थी ! तहखाने के कमरे से इस बात के सबूत मिल जायेंगे कांग्रेस पार्टी मुगलों से मिल गई थी!"।          
        "पर शाहजहां के शासन काल में कांग्रेस पार्टी कहां थी?"
   " बिलकुल थी, तुष्टिकरण के कारण असली इतिहास छुपाया गया था! अब सारे घर के बदल डालूंगा ! सच तो ये है कि मुगल काल में इतनी सुंदर इमारत बनाने की तकनीकि ही नहीं थी !" 
     "और,,,,लाल क़िला, कुतुब मीनार और जमा मस्जिद?"
        वर्मा जी मुस्कराए, -" धीरे धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय ! कहा न, शाहजहां ने सिर्फ बोर्ड लगाया है, बनाया कुछ भी नहीं ! इन सारी इमारतों को गिराकर साक्ष्य खोदने की ज़रूरत है "!!      
          रात में तीन बजे सोया तो ख्वाब में शाहजहां के दरबार में खुद को मौजूद पाया! भव्य दरबार में शहंशाह साढ़े बाइस मन शुद्ध सोने के तख्ते ताऊस पर बैठे थे ! पास में उनकी बेगम मुमताज महल बैठी थीं ! ख़स की झाड़ पर पानी छिड़क रहे वर्मा जी को मैने फ़ौरन पहचान लिया ! सूचना मंत्री से शाहजहां पूछ रहे थे, हम अपनी बेगम के साथ ताज देखने जाना चाहते हैं, कब तक जा सकते हैं?"
      मंत्री ने हाथ जोड़कर कहा, -' हिज हाईनेस ! अब आप तब तक नहीं जा सकते , जब तक ताज महल के मालिकाना हक़ का फ़ैसला नहीं हो जाता -!"
    " क्या बकते हो! शहंशाह को बताना पड़ेगा कि ताजमहल का मालिक कौन है "?
     " जान की माफ़ी हो आलीजाह ! अब उसके दर्जनों दावेदार हैं! लेटेस्ट दावेदार का कहना है कि जिस पर ताजमहल खड़ा है, उस जमीन का भुगतान अभी पेंडिंग है! प्रॉपर्टी के कागजों की चेन उसी पार्टी के पास है !"
    मैंने मार्क किया कि बादशाह की प्रॉब्लम बढ़ती देख कर वर्मा जी बहुत खुश नज़र आ रहे थे ! मंत्री हाथ जोड़ कर कह रहा था, " एक बाबा करीब करीब सिद्ध कर चुका है कि ताज महल एक मंदिर को तोड़ कर बना हुआ मकबरा है! हो सकता है कि अन्दर के बंद कमरों से बाबा जी के नाम से लिखा गया कोई प्रोनोट भी बरामद हो जाए ! आपको याद भी कहां होगा?"
     शाहजहां को डांटने के लिए मुमताज़ महल को मौका मिल गया, - " कितनी बार कहा है कि इतना मत पिया करो! अब भुगतो!"
                शाहजहां ने इशारे से मुझे अपनी ओर बुलाया, -'' आप बताओ मिस्टर भारती! इस के पीछे किसका हाथ है ?"
मैं जाने कब से वर्मा जी को रगड़ने की फ़िराक में था! आज आया था ऊंट पहाड़ के नीचे! मैंने पूरी गंभीरता से कहा," आप ने मुझ जैसे इंवेस्टीगैटर पत्रकार को मौका देकर सम्मानित किया है! मुझे पूरा शक है कि इसके पीछे आपके ही किसी दरबारी का हाथ है!"
      " कौन है वो! मैं उसकी खाल खींच कर उसी पर बैठ कर योगा  करूंगा ! आजकल ब्लड प्रेशर ठीक नहीं है!"
       " ये जो पानी छिड़कने वाला नया भिश्ती आया है, मुझे इस पर शक है ! हो न हो, ताजमहल के विवाद को इसी ने हवा दी है !"
  " फौरन इसे हाथी के पैरों के नीचे डाला जाए"!
     " ये सज़ा पुरानी हो चुकी है गरीब परवर! कोई तगड़ी सजा दो "!
        " कौन सी "? 
     " आपकी खिदमत में लगी हूरों में से दो की शादी इनके साथ कर दो ! इनकी एक धर्मपत्नी आल रेडी पहले से है! एक हाथी से सर कुचलवाने से बेहतर है कि तीन बीबियो के बीच छोड़ दिया जाए - उम्र इन्हें मरने नहीं देगी और तीन बीवियां उसे जीने नहीं देंगी "! 
                     इतनी कठोर सजा के सुझाव पर बबादशाह मुस्कराए,मगर मुमताज़ महल ने उनके कान में कहा,- "  इस पत्रकार को दरबार से बाहर करो! इतनी खतरनाक सजा इसे सूझी कैसे ! !"
       " भिश्ती का क्या करें?"
" उसकी कठोर सज़ा में कुछ कटौती कर दो, ज़िंदगी को दोजख बनाने के लिए तीन की जगह दो बीवियां ही काफ़ी हैं"! 
      मैंने फरियाद की, -" दो बीवियां चलेंगी, इससे कम मत करना "!
   तभी कोई और चिल्लाया, " इस उमर में भी दो बीबियां चाहिए ! पगला गए हो क्या !!"
        मेरी आंख खुल गई ! सामने बेगम खड़ी मुझे घूर रही थी ! उन्हें ख्वाब की हकीकत समझाने में पूरा दिन निकल गया!

               ( सुलतान भारती)

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