मंहगाई है, बेकारी है, कोरोना है, लगातार लुढ़कती जीडीपी है, आए दिन लाठियां खाते और सर फड़वाते किसान हैं ! डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस सिलेंडर , सरसों के तेल का रोना क्यों ! ये सब भगवान का किया धरा है ! इसमें किसी का कोई दोष नहीं ! 'वो' अच्छे दिन लाना चाहते थे किंतु विपक्ष के बरगलाने पर भगवान कोरोना और ब्लैक फंगस लेकर आ गए ! देश में मानसून से लेकर मंहगाई तक केे बिगड़े सुर के पीछे सिर्फ और सिर्फ भगवान का हाथ है ! भगवान जब देने पर उतारू हो जाए तो अच्छा बुरा नहीं देखते ! आजकल ऊपर वाला देने के मूड में है फिर भी प्राणी शक कर रहा है,- ' काम मांगा था, कोरोना तो नहीं मांगा था -! ' (नीचे वाले तेरा जवाब नहीं- !)
इधर नफ़रत का गुड़ चबैना बांटने वाली मीडिया अगस्त में बेचैन थी कि तभी ऊपर वाले ने तालिबान की शक्ल में नफ़रत का नया लिफाफा भेज दिया ! अब मीडिया खुश है - कुछ दिन के लिए जबान को 'हलाहल' हासिल हो गया ! उम्मीद है कि तालिबान के भरोसे सितंबर आराम से पार हो जाएगा ! बाकी तीन महीने सूखा पड़ा तो भगवान का दिया ' हिंदू मुस्लिम' का गुड़ चबैना तो है ही ! आज कल इसी समुद्र मंथन से सारे रत्न प्राप्त हो रहे हैं ! मीडिया के लिए ये अमृत है तो सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर ! इसी डिटर्जेंट से सारे दाग " अच्छे" नज़र आते हैं ! सब इसी हमाम में कूद पड़े हैं, अब किसी को विकास की कोई जरूरत नहीं रही ! लोग दावा कर रहे हैं, ' भगवान का दिया सब कुछ है -'! ( पर अभी नजर नहीं आ रहा है !) हिंदू मुस्लिम से कभी फुर्सत मिली तो वो ' सब कुछ' मैं भी ढूंढने निकलूंगा - !
देता तो भगवान ही है, लेकिन देने से पहले वो शायद लिस्ट चेक नहीं करता ! लेन देन में कहीं कुछ गडबड है ! पात्र कुपात्र और कर्म पत्र टेली नहीं करते। लगता है कि बड़ी जल्दी में पैकेज साइन किया गया है ! अब देखो ना - 'आटे' की जगह कनस्तर में 'आपदा' आ गई है ! उधर मसाले में लीद मिलाने वाले 'पांचू सेठ' ने एक और विधवा आश्रम खोल लिया है ! उद्घाघाटन में आए मंत्री जी विधवाओं को देखकर बहुत खुश नज़र आ रहे थे ! पांचू सेठ और मंत्री जी दोनों 'भगवान का दिया सब कुछ ' देख कर अपनी खुशी छुपा नहीं पा रहे थे । फीता काट कर मंत्री जी माइक पर बोल रहे थे, - ' यत्र नार्यः पूज्यंते रमंते तत्र देवता : मनुष्य को हर हाल में खुश रहना चाहिए - जाहे विधि राखे राम ताहि विधि रहिए -! पांचू सेठ के पास भगवान का दिया सब कुछ है ! सेठ जी पंचतत्व से बने हैं, इसलिए पांचू कहे जाते हैं ! हम सब उसी "पंच तत्व" से बने हैं, इसलिए हमें इन तत्वों में विलीन होकर परमानंद की प्राप्ति करनी चाहिए ! इस 'काम' में' क्रोध' कैसा ! इस नाशवान शरीर की यही सदगति है -'! पांचू सेठ ने सबसे पहले ताली बजाई ! पंचतत्व वाले 'गूढ़ आध्यात्म' का रहस्य वो दो साल पहले ही समझ गए थे, जब नेता जी के सुझाव पर पहला विधवा आश्रम खोला था !
गाने का एक मुखड़ा है,- ना जाने किस भेष में मिल जाएं भगवान-! यानि भगवान भेष बहुत बदलते हैं ! उनकी इस आदत के चलते ठग, चोर उचक्के, व्यापारी और लुटेरे को ' भगवान ' होने में कभी कठिनाई नहीं पेश आई ! दुनियां ठगी जाती है और ऊपर वाला सोच में पड़ जाता है कि ये मैने कब किया -! धार्मिक ठगों से तो भगवान आए दिन ठगा जाता है । कभी रावण ने संत बनकर मां सीता को ठगा , तो कभी खड़क सिंह ने कुपोषित मरीज़ बनकर बाबा भारती को ठग लिया ! खड़क सिंह ने भी घोड़ा छीन कर अपने गैंग में कहा होगा - ' आज भगवान का दिया सब कुछ है , - कट्टा है, बंदूक है, फरसा है और अब सुलतान जैसा घोड़ा भी है -'! ये लेन देन का ऐसा मामला है कि भगवान् को मुफ़्त में मिला क्रेडिट रास नहीं आता ! खुश होने की जगह खुदा सोचने लगता है कि - ये सब कुछ मैने कब दिया ? कट्टा - पिस्तौल तो मेरे पैकेज में था ही नहीं - !
- भगवान का दिया सब कुछ है' - ऐसा भगवान को क्रेडिट देने के लिए नहीं , इल्ज़ाम लगाने के लिए बोला जाता है - " बापू पानी की तरह दारू पीने लगे थे, भगवान से उनकी खुशी नहीं देखी गई ! बस एक दिन पिताजी ने अंधेरे में ' सुरा' की जगह 'सल्फास' की शीशी गटक ली-! वैसे भगवान का दिया गांजा, भांग, दारू और सल्फास सब कुछ था घर में ! शुक्र है कि मरने के मामले में भी किसी से कुछ मांगना नहीं पड़ा !" हरि अनंत हरि कथा अनंता, किस किस अपराध में उसे याद किया जाता है, - ' लड़के ने पढ़ाई में बहुत मेहनत की थी पर खुदा को मंजूर नहीं था ! अब देखो ना - कोरोना जैसी आपदा में भी पास होने का अवसर नहीं मिला -'! ( ईश्वर को लड़के की जगह खुद बैठ कर इक्जाम दे देना था ! )
भगवान का दिया सब कुछ है - लूट मार, अपहरण, हत्या, लाठी चार्ज, घोटाला और रोजाना मजबूत होती अर्थव्यवस्था ! और क्या चहिए, रूखी सूखी खाय कर ठंडा पानी पीव ! मानसून को ममता दीदी ने बंगाल की खाड़ी में रोक लिया है ! दिल्ली जल बिन मछली हुई पड़ी है और केजरीवाल कह रहे हैं कि- ' हम तो पानी फ्री दे रहे हैं ! इसके बाद भी अगर नल में पानी नहीं आ रहा तो मोदी जी दोषी हैं ! आज कल तो हमारी आत्मा ( यूपी और उत्तराखंड के अलावा ) काम क्रोध मद लोभ की तरफ़ देखती भी नहीं है ! पार्टी में भगवान का दिया 'भगवंत मान' हैं - और ले कर क्या करूंगा -!"
' भगवान का दिया सब कुछ है'- ये कहने में क्या जाता है ? हकीकत यह है कि भगवान कितना भी दे दे, इंसान उसे चैन से बैठने नहीं देगा ! रोज एक नई लिस्ट फरिश्ते लेकर आ जाते हैं ! हफ्ते में एक वक्त जुमा की नमाज़ पढ़ कर प्राणी पूरे छे दिन दुआ मांगता है, - ' इस बार तेरह नंबर वाले घोड़े पर सट्टा लगाऊंगा ! मौला देख लेना, मुझे रोज़ रोज़ मांगने की आदत नहीं है -'! इंसान ही दूसरे इंसान को गलत सीख देता है - संतोषम परम् सुखम का पालन करना चाहिए -! सीख हमेशा दूसरों को दी जाती है , अपनी चाहत की लिस्ट तो - देवो न जाने कुतो मनुष्य: - ! सूद पर पैसा देने वाला अगले दिन से ही उसका खेत निगलने का ख़्वाब देखने लगते हैं ! मूल रकम पाकरआत्मा को मोक्ष नहीं मिलता ! सूद से ही घर में संतोषम परम् सुखम आता है !
( मित्रों ! व्यंग्य पढ़ कर कमेंट जरुर करें !)
( सुलतान भारती )