Sunday, 11 July 2021

हमारे "दो"- नहीं तो "रो"

           हम  'दो ' हमारे "दो"! ( नहीं तो "रो" ) !

           अब जनसंख्या वृद्धि के कुसूरवार लोगों की खैर नहीं है ! बेलगाम दौडते घोड़े को लगाम लगाने की फुल तैयारी है ! बढ़ती आबादी से कितनी प्रॉब्लम होती है - इसे मुख्यमंत्री से बेहतर और कौन समझ सकता है ! उत्तर प्रदेश के उत्तम प्रदेश बनते ही यूपी में अब कुछ करने को बाकी भी नहीं बचा ! यूपी में विकास का सारा प्रॉस्पेक्टस पूरा हो चुका है, बस यही जनसंख्या नियंत्रण वाला एक काम छूट गया था ! चुनाव से ठीक पहले उसका भी  नंबर आ गया ! बाकी,,,, और कोई समस्या तो बची नहीं ! गुंडे और गैंगस्टर तस्बीह लेकर जेल में चरित्र निर्माण कर रहे हैं ! बुल्डोजर के डर से कोरोना दूर दूर तक नज़र नहीं आता !  कांग्रेस और सपा के बुलाने पर अप्रैल में दूसरी लहर के साथ आया कोरोना जान बचाने के लिए गंगा में कूद कर बहता हुआ ममता दीदी की ओर चला गया ! ले देकर यूपी में जनसंख्या वृद्धि के अलावा बुलडोजर के योग्य अब कुछ बचा नहीं !    
        गरीबी, महंगाई,बेकारी तो अजर अमर है, लिहाजा उसे एडजस्ट करके जीना होगा ! पूर्व सरकारों ने भी उन्हें कभी छेड़ा नहीं ! एडजस्ट करने में वैसे भी हमारा कोई मुक़ाबला नहीं है। सरकार भी इस काम में हमारी भरपूर मदद करती है। पिछले साल जब कोरोना से दुनियां के तमाम देश थर थर कांप रहे थे तो हमारे देश के महापुरुष और जनता - थाली ताली घंटा घड़ियाल  बजा रही थी ! एक बारगी तो कोरोना भी सहम गया ! जल्द ही सरकार ने जनता को आगाह किया कि- घबराइए नहीं, कोरोना कहीं नहीं जा रहा , आपको कोरोना के साथ एडजस्ट हो कर जीना होगा- !  ( यहां आने के साल भर बाद कोरोना को भी फेमिली वाली फीलिंग आने लगी थी ! ) तब से- हम बने तुम बने इक दूजे के लिए - महसूस करके जी रहे हैं । हमें कोरोना से कोई दिक्कत नहीं है, अलबत्ता कोरोना को हमसे दिक्कत आ रही हो तो कह नहीं सकता ! अब देखिए ना - पहली 'लहर' में कोरोना हमारे काम आया (आपदा में अवसर ) ! "दूसरी" में हम कोरोना के काम आ गए ! तीसरी लहर को पचाने के लिए जुगाड़ चल रहा है ! हमने भी मोहल्ले के बंगाली बाबा "सूफी कोरोना शाह " से ताबीज बनवा लिया है !
         बाई द वे, एडजस्ट करके जीने में अपना कोई मुक़ाबला नहीं ! दुनियां के कोने कोने से ठुकराई हुई बीमारिया हमारे यहां लंबी पारी खेल जाती हैं ! लगातार आक्रमण ने हमारा स्टैमिना इतना मजबूत कर दिया है कि बर्ड फ्लू से पीड़ित  मुर्गा खाकर भी हमें छींक तक नहीं आती, बल्कि कुपोषण दूर हो जाता है !  एडजस्ट करने का बडा गौरवशाली इतिहास रहा है! अब चाहे वो बीमारी हो या बाहरी हमलावर ! हम एडजस्ट करते गए और हमारा स्टेमिना बढ़ता गया। विज्ञान कहता है कि कोई भी चीज़ कभी खत्म नहीं होती, बस उसका स्वरूप बदल जाता है ! ये गूढ़ रहस्य भी सबसे पहले हमारे ही समझ में आया है ! जब कोई चीज़ कभी खत्म ही नहीं होगी तो काहे को सर पटकें ! कुछ लोग विपक्ष के भड़काने में आ कर -'कोरोना जा जा जा -' गाने लगे थे ! आत्मज्ञान प्राप्त होने के बाद मुझे तो शाइनिंग इंडिया जैसा फील हो रहा है।
               जनसंख्या वृद्धि पर आए नए कानून से लाखों लोगों का रोटी कपड़ा और मकान का सपना भी साकार हो जायेगा !  जनसंख्या वृद्धि के कुसूरवार अपराधियों से रोटी कपड़ा और मकान छीन कर भूमिहीनों में बांट दिया जाएगा ! कोई देश ऐसे ही महान नहीं हो जाता ! एक कहावत है - कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है -! ( इस परियोजना मे " खोना" पक्का है,  "पाना" संदिग्ध !) प्रस्ताव तीन महीने पहले  आता तो आज़ यूपी के हज़ारों ग्राम प्रधान आह भर रहे होते, - ' बना खेल मोरा बिगड़ गयो रे ! गज़ब भयो रामा जुलम भयो रे !' नवजवानों की बंजर उम्मीदों में तो चिराग़ जल उठे हैं ! अभी तो  'सुविधा कटौती ' की चेतावनी नजर आ रही है ! लिस्ट आना बाकी है ।कौन कौन सी सरकारी सुविधा हाथ से जाएगी ,ये खुलासा अभी बाकी है। 
          जनसंख्या वृद्धि के मुद्दे ने सोशल मीडिया पर बैठे कथित योद्धाओं को काम पर लगा दिया है ! तमाम "थिंक टैंक"अपना अपना बारूद उगल रहे हैं! जनसंख्या वृद्धि से समाज को होने वाले तमाम इंफेक्शन पर रोशनी डालने वाले ये फेसबुकिए विद्वान पिछले महीने तक कोमा में थे ! (अब सारे घर के नलका टोंटी बदल कर मानेंगे !) इन विद्वानों का क्या कहना, इन्हे आबादी से कम - आबादी को 'बढ़ाने ' वाले "देशद्रोहियों" से ज्यादा मतलब है ! बगैर मांगे सलाह दे रहे हैं ! दो बच्चोंवाले परिवार को दी जाने वाली ' सुविधा ' की लिस्ट सरकार फाइनल कर ले,- बाकी 'चार बीवी चालीस बच्चे'  वाले परिवार की लिस्ट इन विद्वानों से मिल जायेगी ! कुछ नवजवान जानना चाहते हैं कि जीवन पर्यन्त अविवाहित रहने के लिए भी क्या कोई पैकेज है !!
             किंतु अभी जन्नत और दोजख पाने वालों की लिस्ट फ़ाइनल भी नहीं हो पाई थी कि दूध में मक्खी गिर गई !  एनडीए के सहयोगी और जद यू के सुप्रीमो नीतीश कुमार  ने बयान ज़ारी किया कि ,- जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए महिलाओं का शिक्षित और जागरूक होना ज़रूरी है -! कई लोगों को ये बयान सतयुग के अनुकूल नहीं लगा ! अभी इस बयान पर शर संधान बाकी ही था कि बिहार सरकार की एक महिला नेता ने जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए पुरुषों की नसबंदी का सुझाव दे डाला ! हिंदू मुस्लिम का झांझ मजीरा बजाने वाले चैनल देश की बढ़ती आबादी के पीछे सिर्फ एक वर्ग विशेष द्वारा छेड़ा गया 'जनसंख्या जेहाद ' देख रहे हैं ! ऐसे बुद्धिजीवियों का मानना था कि अगर इन 'जेहादियों ' को सबक न सिखाया गया तो सतयुग दरवाजे से वापस लौट जाएगा ! जनसंख्या और चिंता दोनों बढ़ रही है!

           पार्टी के शीर्ष नेताओं में भी जनसंख्या को लेकर मतभेद है ! मोदी जी को देश की सवा सौ करोड़ की आबादी में 'संभावना" नजर आती है और योगी जी को 'समस्या' !अब यही समस्या है दुरंत ! विपक्षी दल चीन की आबादी का हवाला देकर अश्वमेध यज्ञ रोकना चाहते हैं ! देश में यही प्रॉब्लम है, बैलगाड़ी के आगे बढ़ने से पहले ही लोग उसके आगे काठ रख कर बैठ जाते हैं !

 इस तरह तो हम कभी भी विश्व गुरू नहीं बन पाएंगे !!

               (   सुलतान भारती  )

2 comments: