Saturday, 2 December 2023

सेवा,साहस और संकल्प-" रमेश बिधूड़ी"

(कवर स्टोरी)         रमेश बिधूड़ी ( भाजपा सांसद)
  सेवा, साहस और संकल्प की कहानी 

          अपने मित्र पत्रकार तबरेज खान के साथ मैं निर्धारित समय पर सुनपत पहुंच गया था! यह दक्षिणी दिल्ली के विश्व विख्यात मुहम्मद बिन तुगलक के एतिहासिक किले से लगा हुआ गाँव तुगलकआबाद  है! जब हम गांव में प्रवेश करते हैं तो विशाल किला हमारी बाईं तरफ नज़र आता है!  10 बजने में अभी 8 मिनट बाकी थे ! अंदर घुसते ही मेरा सामना 5 फीट 8 इंच लंबे एक खूबसूरत और कसरती युवक अनुज चौधरी से होता है ! मैं तबरेज के साथ अंदर के विशेष कमरे में बैठ जाता हूँ  ! अपनी अपनी समस्या लेकर आने वालो का तांता लगा है ! ये नज़ारा पिछले 30 सालों से  ऐसा ही है ! यहां पर हर दिन कोई न कोई चैनल वाले बैठे ही रहते हैं ! तीन दिन की लगातार कोशिश के बाद आज सांसद जी ने वक़्त दिया था ! दरअसल जनसेवा के आगे वो किसी भी चीज़ को कभी प्राथमिकता नहीं देते !
        एक घंटे लगातार जन शिकायतों के निवारण के बाद वो हाल में आकर कुर्सी पर बैठते ही बोलते हैं,- " भारती जी,  क्षेत्र में जाना है, पांच मिनट दे पाऊँगा बस-"!  और,,,, मैंने बगैर ताखीर के पहला सवाल दाग दिया----

     --- पांच राज्यों में मतदान और अब मतगणना का परिणाम आ गया!  इसका कितना असर लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा-?
     " दोनों के मुद्दे अलग होते हैं! दिल्ली के चुनाव को  देख लीजिए! केजरीवाल की पार्टी अच्छे मार्जिन से  दिल्ली की सत्ता में है लेकिन लोकसभा चुनाव में दिल्ली के अंदर इनका खाता भी नहीं खुलता! स्टेट इलेक्शन और जनरल इलेक्शन में बड़ा फर्क होता।लोकसभा चुनाव में मोदी जी का चेहरा और उनके काम होते हैं, जिनसे देश की जनता दस साल से लाभान्वित हो रही है! विपक्ष के पास न ऐसा चेहरा है  न विकास का प्रमाण !और  शायद विकास की नीयत भी नहीं है "!

--- दिल्ली में केजरीवाल को चुनने वाली जनता लोक सभा में भाजपा को चुन लेती है! अब तो दिल्ली नगर निगम पर भी  "आप" का कब्जा है-?

   " आप को ये भी याद रखना चाहिए कि दिल्ली नगर निगम में लगातार  15 साल  भाजपा रही, कांग्रेस भी रही! अब अपने असंभव और झूठे वादों की बदौलत केजरीवाल की पार्टी बैठी है!  पांच सौ स्कूल बनाने का वादा किया, पचास भी नहीं बना पाए! जनता ने पहचान लिया है! झूठ बोलकर ज्यादा दिन तक जनता को बेवक़ूफ़ नहीं बना सकते-"!

-----' 2014 और  2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष विभाजित था,उनका कोई एक संयुक्त और सशक्त उम्मीदवार नहीं था ! मगर इस बार एनडीए के सामने 'इंडिया' का प्रत्याशी खड़ा मिलेगा! क्या ये एक मुश्किल चुनौती नहीं होगी-"?
       " देखिये, 2014 का आम चुनाव हो या 2019 का! मैं बिल्कुल स्पष्ट कर दूँ कि अगर जनता ने  पौने चार लाख वोटों से मुझे जिताया तो वो वोट जनता ने मोदी जी को दिया, उसमें रमेश बिधूड़ी की तारीफ़ नहीं है ! मोदी जी के नाम और काम का वही तिलिस्म इस बार भी घमंडिया गठबंधन पर बहुत भारी पड़ेगा! मोदी जी की कल्याणकारी योजनाएं हर सम्प्रदाय और व्यक्ति के लिए हैं! उनका लक्ष्य तुष्टिकरण नहीं विकास है ! ये बात अब मुसलामान भी समझ चुका है, इसलिए वो भी मोदी जी से जुड़ रहा है-"

-----' भाजपा का सबसे लोकप्रिय नारा है, सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास ! लेकिन जब चुनाव होता है तो उम्मीदवारों की सूची में मुसलमान का नाम नहीं होता - ये कैसा विश्वास है?"
     " ऐसा नहीं है, पिछले दिल्ली विधानसभा चुनाव में हम ने ओखला सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारा था, पता है उसका क्या हस्र हुआ ! जमानत भी नहीं बची! मुसलामान ही उस  मुसलामान का  सपोर्ट नहीं करता,  जिसे भाजपा ने टिकट देकर उतारा हो ! इसके बावजूद बीजेपी विकास के मामले में मुस्लिमों से कोई भेदभाव नहीं करती !राष्ट्रवादीऔर प्रबुद्ध मुस्लिम अब धीरे धीरे हमारी पार्टी में आ रहे हैं ! विश्वास की ताली दोनों हाथ से बजती है-"!

----' आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए  का मुकाबला एक संगठित गठबंधन " इंडिया"के उम्मीदवार से होने वाला है, क्या कहेंगे-?"
       ( गंभीर होकर)- " उसे इन्डिया मत कहें ! सिर्फ कह देने से वो इन्डिया नहीं हो जाता ! रह गया उनके उम्मीदवार की बात, तो  चार राज्यों में हुए चुनाव परिणाम कल देख लेना! मैं जमीनी हकीकत देख कर आया हूँ! जनता ने आईना दिखा दिया है! वो इन्डिया नहीं घमंडिया गठबंधन है! जनता को बातों से कब तक बेवक़ूफ़ बताओगे"!

,,,,,'   'आप' का आरोप है कि केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर उनके नेताओ को जेल में डाला जा रहा है?'
  " गिरफतार लोगों के आरोप पत्र के साथ सबूतों की फेहरिश्त भी है! पार्टी की बात छोड़िए, जनता भी नहीं चाहती कि  उसके विकास का पैसा भ्रस्ट नेताओं की जेब में जाए ! जुर्म साबित होने के बाद भी मुज़रिम पर हाथ क्यों न डाला जाए! आखिर  पुलिस, 'ई डी',एसआईटी, सीबीआई जैसी एजेंसी किस लिए हैं ?  जैसी करनी वैसी भरनी- !'

,,,,,,' देश में  "विकसित भारत संकल्प यात्रा" चल रही है, जिसका समापन राम मंदिर के उद्धाटन के आसपास होगा ! जब इस तरह की यात्रा चलती है  तो कई बार संवेदनशील क्षेत्रों में तनाव फैल जाता है, अथवा  'मस्जिद से पथराव' के बाद दंगा हो जाता है! आखिर इस यात्रा से जनता को क्या हासिल होगा?' 
        " इसे यात्रा का नाम दिया गया है, लेकिन ये यात्रा नहीं है! ये  जनहित में शुरू की गई ज़न जागरण अभियान है! इस अभियान में जरूरत मंद लोगों की मुश्किलों को उनके दरवाज़े पहुंच कर हल किया जा रहा है, बजाय इसके कि जनता कार्यालयों के चक्कर काटे! सभी संबंधित अधिकारी  डीएम SDM आदि इलाके में आकर जनता की सेवा कर रहे हैं! उज्जवला योजना के लाभार्थी को मौके पर ही  गैस कनेक्शन मिल रहा है ! लोन वाले को लोन दिया जा रहा है,वहीं पर उसका आधार कार्ड बन रहा है! जीवन सुरक्षा के अंतर्गत बेटियों का बीमा हो रहा है, वहीं मौके पर ही श्रमिक कार्ड बन रहा है! ताकि जानकारी के अभाव में दर दर भटकती जनता को उसी के दरवाज़े सेवा दी जा सके -'!

,,,,,' अगले साल लोकसभा चुनाव है, एनडीए बनाम इंडिया! कैसा रहेगा रिजल्ट '?
      " 2014 में मोदी जी के नेतृत्व में 282 सीट आयी थी, 2019 में  303 सीट आई थी,इस 2024 में बार साढ़े तीन सौ से चार सौ सीट आएगी  ! लिख लीजिए, राजस्थान, मध्यप्रदेश और दिल्ली में विपक्षी गठबंधन को एक भी सीट नहीं मिलेगी "!

,,,,,,' आपके शुभचिंतकों और पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी से आपके दिनचर्या की जो जानकारी मिलती रही है, वो किसी को भी हैरत में डाल सकती है ! एक बजे के बाद सोना और सुबह चार बजे उठ जाना ! ऐसी कठिन रुटीन में पिछले तीस साल कैसे निकले ! बहुत कठिन है डगर पनघट की '?
    ( थोड़ी देर के लिए अतीत में खोने के बाद वो मुहं खोलते हैं -)  " जनसेवा खानदानी विरासत है हमारी ! कभी आजतक बच्चों के साथ दो दिन भी दिल्ली से बाहर नहीं बिताया ! फिर भी परिवार ने बहुत मॉरल सपोर्ट किया! जब हमारे नेता आदरणीय मोदी जी सारा वक़्त राष्ट्र सेवा में दे रहे हैं तो हमें भी सेवा के उसी पथ पर सतत चलते रहना है! अब तो इसी अग्निपथ पर  मुझे आनंद और संतुष्टि मिलती है-"!
    इंटरव्यू खत्म हो चुका था ! वो उठे और जनसेवा के नियमित कर्त्तव्य पथ पर चले गए! 
       दो गाड़ियां एमबी रोड की ओर बढ़ रही थीं, और,,,,मेरे दिमाग में रह रह कर एक शे'र गूंज रहा था,,,,,

कोई तन्हा मुसाफिर कारवाँ बन जाता है जिस दिन!
उसी  दिन  मुश्किलों  के  हौसले  भी  टूट  जाते हैं!!

           ( Sultan bharti journalist)




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