"चाँद"- तुझे "मामा" कहूँ - या "मामू"
अब तो पहचान बतानी होगी ! बहुत हो गया छुपा छुपी ! चंदा मामा तुम्हें भी डॉक्यूमेंट दिखाना पड़ेगा ! तुम्हारे धर्म को लेकर बहुतै कन्फ्यूजन है ! तुम मामा हो या मामू ? कौन से धर्म में आते हो ! बताना पड़ेगा ! मामा और मामू में से एक को चुनना पड़ेगा ! एक म्यान में मामा मामू दोनों नहीं रह सकते ! चन्द्रयान, विक्रम और प्रज्ञान तीनों नाम सनातनी हैँ ! इसलिए तुम भी मामा बन कर रहो, मामू नहीं ! अब मामा और मामू में से किसी एक को सिलेक्ट कर लो ! शराफत से मान जाओ तो ठीक है मामा, वर्ना चलनी से देखना ही नहीं, चलनी मे पानी भरवाना भी हमें आता है !
राजधानी दिल्ली के एक संत का सुझाव है कि तुम्हें हिन्दू राष्ट्र घोषित कर दिया जाए ! क्या हुआ? इतने में ही नर्भसा गए का ! मामा समझा करो ! यहां हमारे प्लेनेट पर बहुतै पंगा है ! हम का करें, विपक्ष है कि मानता नहीं ! सरकार जनता को हिंदू राष्ट्र देना चाहती है, मगर विपक्ष है कि टमाटर नींबू और प्याज का रोना रो रहेहैं ! विपक्ष कभी नौकरी मांगता है कभी सस्ता टमाटर ! घोर कलियुग है जी ! स्वर्ग और मोक्ष की जगह उन्हें सस्ता सिलेंडर चाहिए !
सुनो मामा जी ! आराम से मान जाओ तो बढ़िया है ! वर्ना हम तुम्हारे पूरे ग्रह को दिल्ली के प्रॉपर्टी डीलरों को 99 साल के लीज पर दे देंगे! उसके बाद तो तुम पूरे ब्रह्माण्ड में ओरिजिनल काग़ज़ लेकर दौड़ते रहोगे, मगर अपनी ही प्रॉपर्टी पर कब्ज़ा नहीं पाओगे ! हमारे ग्रह पर ऐसे ऐसे प्रॉपर्टी डीलर हैँ जो तुम्हें तुम्हारे ग्रह के मालिकाना हक का काग़ज़ उस वक़्त का दिखा देंगे जब तुम्हारे ग्रह का जन्म भी नहीं हुआ था ! अब बताओ क्या करोगे ! घबरा गए न! इसलिए कहता हूं मामा जी अभी समय है ! वैसे हिन्दू राष्ट्र घोषित होने में तुम्हारा कोई नुकसान भी नहीं है ! सोचो पृथ्वी से कितने श्रद्धालु हम से वीज़ा लेकर तुम्हें देखने आयेंगे ! महिलाएँ चलनी से देख देख कर बोर हो गई हैं ! अब साक्षात दर्शन करेंगी ! रक्षा बंधन पर कितना रश रहा करेगा !
अब काहे चिंतित हो ! देखो ऐसा है कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ता है! दोनों हाथों में लड्डू नहीं होगा ! मामा होने के लिए मामू का मोह छोड़ना पड़ेगा ! हमें तुम्हारी कला और कलाकारी दोनों का पता है ! तुम कब भगवान के माथे पर होते हो कब भाग्यचक्र में -हमें मालूम है! इतना सम्मान रास नहीं आ रहा है का ! ईद से एक दिन पहले दिखाई देने का मोह छोड़ना पड़ेगा ! अब ये- खाओ ब्रिटानिया फिफ्टी फिफ्टी - नहीं चलेगा !
अब काहे सोच में पड़ गए ! हिन्दू राष्ट्र घोषित होने से क्या होगा ? ये सब कुछ जनता के लिए होगा ! वैसे,,,,हो सकता है कि जनता को भी न पता हो कि वो हिन्दू राष्ट्र चाहती है ! एक दिन ईंटभट्टा पर काम करने वाले कई मज़दूरों से मैंने भी यही सवाल पूछा था- " आपको क्या चाहिए-'?
-" अगर ठेकेदार समय पर पैसा दे दे तो इस बार गिरवी रखा खेत छुड़ा लूँगा बाबूजी ! दो साल पहले बेटी की शादी के लिए गिरवीं रखा था!"
"और तुम ?"
" एकलौता बेटा सफ़ाई कर्मी था, तीन साल पहले सीवर की सफ़ाई करते वक़्त जहरीली गैस से मर गया था ! हम चाहते हैं कि मुआवजे के साथ किसी एक को नौकरी भी मिल जाए!"
' और आप?' वो एक बुजुर्ग मजदूर था
" बाबूजी मेरी नज़र कमज़ोर हो गई है ! मैं पिछले अट्ठारह साल से ईंट भट्टा पर हूँ। हर साल सर्दी में सोचता हूं कि आंख खुलवा लूँगा, पर इतना बचता ही नहीं! कस्बा भी दूर है यहां से !'
"और काकी तुम?"
" आदमी के मरने के बाद पतोहू ने निकाल दिया घर से! जब तक हाथ पाँव चल रहा है , भीख नहीं मांगूंगा- बेटे से न गाँव वालों से "!
सुन लिया न , तो मामा जी उनमे से तो किसी को हिन्दू राष्ट्र नहीं चाहिए ! हो सकता है कि ये लोग जनता की गिनती न आते हों ! तो,,,,प्रस्ताव आना शरू है ! चुनाव से पहले तुम्हें हिन्दू राष्ट्र बनना होगा ! और हाँ, फिर पूछ रहा हूँ- कहीं किसी और मजहब का ऑफर तो नहीं पकड़ा न ! पहले कोई नील आर्म स्ट्रॉन्ग और बज एल्डरिन आए थे ! वैसे तो पहले पूरा ब्रह्मांड सनातनी था ! तलवार के डर से बीच में कुछ लोग फिसल गए थे ! तो क्या हुआ, अब घर वापसी कर लो ! ऐसा कुछ हो गया हो तो बता देना, संपूर्ण शुद्धीकरण के लिए तुलसी पत्र, गंगाजल और गौमूत्र की कोई कमी नहीं है l
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