ट्रांजिशन,,,,,,,. हिराबा'
आइडिया,,,,, हिंदू मुस्लिम दोस्तों की रिश्तों में बहती दुश्मनी और मुहब्बत की असली कहानी !!
Charrecters.
(पात्र). (परिचय)
राना जामिन अली खान गजमेरा के सांसद
जगपाल सिंह वर्मा जामिन अली के दोस्त
जुगनू वर्मा जगपाल की इकलौती बेटी
जुबेर राणा जामिन अली का बेटा और
शहर का डॉन
सतवीर वर्मा जगपाल का बेटा शहर का
दूसरा डॉन !
लाजार हनीफ उर्फ प्रदेश के डॉन ! सत्ता के
"शाह बाबा" असली संरक्षक!
अकबर 'फंदा' सतवीर गैंग का सालार
राशिद ' गुटका' जुबेर राणा का सालार
रजनी वर्मा जगपाल की पत्नी
आबिदा खानम जगपाल की भाभी जामिन अली की पत्नी !
विक्रम वर्मा जगपाल का दूसरा बेटा
खालिद राणा जगपाल राणा का छोटा बेटा!
और चमन वर्मा का मुंह बोला भाई।
शंकर - सुलतान गाना सुना कर कत्ल करने वाले दो सनकी हत्यारे !!
सोमेश पाकरे सतवीर का भरोसेमंद शूटर !
दलपत सोनी शाह बाबा का सालार ! मौत का हरकारा !
शाहबाज अंसारी यूपी में अफीम का बडा तस्कर !
( मुरली शुक्ला, करिंग
सिंह, जयवीर यादव,शाहीन , नरेश बर्फी आदि दर्जन भर और पात्र !)
( ट्रीटमेंट )
" वन लाईन स्टोरी "
(अवध का पश्चिमी इलाके का एक औद्योगिक शहर 'गजमेर ' में हुए संसदीय चुनाव जीत कर राना जामिन अली खान का विशाल जुलूस निकला , जिसमें हज़रों
की तादाद में उनके सशस्त्र समर्थक जोश में नारे लगा रहे थे,- आया "शेर" तुम्हारी गली !
जामिन अली जामिन अली !!
यह हारे हुए बाहुबली सांसद जगपाल सिंह वर्मा को खुली चुनौती थी ! जवाब तो देना ही था ! जुलूस जैसे ही शहर के सबसे संवेदनशील इलाके ' गंज पतुरिया' से गुजरा, उसपर हमला हुआ और जमीन अली का खास शूटर और सपोर्टर ' रफीक किलनी ' मारा गया ! उसके गले में वही रूमाल पाया गया जिसके दोनों सिरे पर लकड़ी के छोटे छोटे खारगोश बंधे थे ! लकड़ी के खरगोश वाला रुमाल देख कर पुलिस के साथ सारा शहर समझ गया कि रफीक का कत्ल सतवीर वर्मा गैंग के सालार "अकबर फंदा" ने किया है !
यह गैंगवार ,गांव से शहर में साथ साथ आए दो जिगरी दोस्तों की अदावत का नतीजा था ! जगपाल की मां राजेश्वरी देवी को जामिन अली 'अम्मा ' कहते थे ! जब जामिन अली दस साल के थे तभी उनकी मां का इंतकाल हो गया था ! शहर में दोनो साथ साथ आए ! जमीन के धंधे से बिल्डर और बिल्डर से कोलोनाइजर होते चले गए ! फिर जगपाल को जामिन अली ने पैसा लगा कर चुनाव में उतारा ! जगपाल जीते तो जामिन अली ने पूरे शहर में जश्न मनाया। पर सियासत ने कहीं दोस्ती के दूध में रंजिश का नींबू निचोड़ दिया ! पांच साल बाद दोनो अलग अलग पार्टी से संसदीय चुनाव में उतरे तो दोनों के युवा बेटों ने प्रदेश में गैंग वार बरपा कर दिया ! देश के कोने कोने से एक से एक कातिल गजमेरा आने लगे ! इस अदावत में एक रात राना जामिन अली के फाईनेंसर और समधी मेरठ के असगर कुरैशी को, कार से रात के वक्त गजमेरा से मेरठ लौटते हुए, परिवार समेत बीच सड़क में भारी गड्ढा खोद कर ज़िंदा दफना दिया गया !
,,,,,,,,,,, ,,( इंटरवल ),,,,,,,,
असगर कुरैशी ने हालत के मारे एक यतीम और बेसहारा बच्चे को सहारा दिया था, जो अब जवान होकर उनका कार बार संभाल रहा था, लाज़ार हनीफ खान । जब पुलिस भी असगर सेठ को नहीं ढूंढ पाई तो लाज़र हनीफ गजमेरा आकर सांसद जामिन अली से मिला ! उसकी कद काठी और खामोशी देख कर राना ने उसे अपने बड़े बेटे जुबेर राणा के पास भेजा ! उस युवक को जुबैर खान ने यकीन दिला दिया कि असगर सेठ का कातिल अकबर फंदा और जगपाल का परिवार है! लाज़ार हनीफ ने जुबेर से सिर्फ दो शूटर मांगे राशिद गुटका और सलीम दागी ! गैंगवर से पहले दोनों जखीरे में ये नियम लागू किया गया कि कोई किसी बुजुर्ग, बच्चे और महिलाओं पर वार नहीं करेगा !
इस गैंगवॉर के बीच बरसती गोली और बारूद में भी जगपाल आमिना का पैर छूते रहे तो वर्मा निवास के सामने से गुजरते बारहवाफात के जुलूस को शरबत पिलाती चमन वर्मा को राणा जामिन अली गले लगा कर माथा चूम कर दुआ देते रहे ! बरसती गोलियों के बीच भीरानाके बेटे बेखौफ होकर वर्मा निवास में आकर अपनी मुंह बोली बहन चमन वर्मा से राखी बंधवाते रहे !
और फिर,,,,,, रिश्तों के ये बुलंद अलम एक एक कर गिरते गए ! जुबेर राणा, कारिंगा, शंकर सुलतान, खालिद राणा, सोमेश पाकरे, विक्रम वर्मा और खान लाज़ार का आखिरी शिकार सतवीर वर्मा ! सब मारे गए, सिर्फ घर में औरतें और बुजुर्ग बचे , और तब चुनमुन उर्फ चमन की शादी की ख़बर राणा को मिली ,,,,,, बहुत मार्मिक क्षण !!
पर असली कहानी अभी बाकी है। पूरे प्रदेश और देश में अंडर वर्ल्ड के बादशाह बन चुके खान लाजर हनीफ उर्फ शाह बाबा ने एक हिंदू बच्चे और उसकी बीमार मां की मदद की थी ! मां की मौत के बाद वो बच्चा गुल्लू यानि गुलाब सिंह शाह बाबा के पास आ गया था ! शाह बाबा ने अपने तीन जानी दुश्मनों ( अकबर फंदा, नागेंद्र विक्रम सिंह और गुफरान अंसारी) को क्रमश: लूला, अंधा और अपंग बनाकर ज़िंदा छोड़ दिया था ! सलीम दागी को अपनी ओर मिलाकर इन्ही तीनों ने आखीरकार शाह बाबा को बहुत अजीबोगरीब मौत दे दी, लेकिन शाह बाबा के जां नशीन दलपत सोनी ने शाह बाबा की मैयत के सामने अठारह साल के गुलाब सिंह राठौर को शाह बाबा का वारिस घोषित कर गैंग वार को नया बारूद दे दिया !
( आखिरी पन्ना)
शाह बाबा की मैयत के सामने पांच कतार में खड़े देश भर के गैंग लीडर हवा में गोलियां चला कर गुलाब सिंह राठौर को अपना सुप्रीमो तस्लीम करते हैं। लायंस विला से दूर हजारों की भीड़ शाह बाबा के अंतिम दर्शन के लिए एक नारा लगाती हुई लायंस विला की ओर बढ़ती नज़र आती है, -
डूबा सूरज बिखरा चांद !
खोदेंगे दुश्मन की मांद !! ( द एंड)
( 2020 में प्रकाशित मेरे उपन्यास "हिराबा" की वन लाइन स्टोरी, उपन्यास की प्रेरणा एक सत्य घटना की देन है!)
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