Wednesday, 23 March 2022

("व्यंग्य भारती") ''गरीब आदमी का सेल फ़ोन''

 ( ' व्यंग्य भारती")

             "गरीब आदमी का सेलफ़ोन"

      अगर कोई घर गरीबी की गिरफ्त में हो तो उसका असर घर के चूहे और बिल्ली तक पर पड़ता है ! चूहे उस घर में आजादी से आते जाते हैं, वहीं - दूध मुक्त रसोई होने के कारण बिल्लियां  घर को दूर से ही प्रणाम कर लेती हैं ! गुरबत भरे घर के लोग कुपोषित लेकिन चूहे हृष्ट पुष्ट और इतने दबंग होते हैं कि डेढ़ साल तक के बच्चे से रोटी छीन कर चले जाते हैं!  ढीठ इतने कि ये चूहे अक्सर घर की पुरानी रजाई में ही बच्चे दे देते हैं ! गरीब के घर का दरवाज़ा इतना कमज़ोर और कुपोषित होता है, कि मुहल्ले का कृषकाय कुत्ता  तक बेरोक टोक अंदर आ सकता है !  इसके  बाद  भी अगर  वो  कुत्ता   उस घर में नहीं घुसता तो उसकी शराफ़त नहीं, चूहों की भरमार है! ( आत्मनिर्भर चूहे कमज़ोर कुत्ते को दौड़ा लेते हैं!!)
           ऐसे घरों में एक  फोन भी पाया जाता  है! जी हां, घर में वक्त पर फफूंद लगी रोटी हो या न हो, लेकिन आज़ के जमाने में फ़ोन तो होना चाहिए ! तो,,, इस घर में भी एक फोन है ! ये फोन घर के मुखिया के पास होता है और इतनी छोटी साइज़ का होता है कि पसंद आने पर घर के  चूहे उसे खींच कर बिल में छुपा सकते हैं! गरीब आदमी के फ़ोन में रिश्तेदार के कम ठेकेदार के ज्यादा नंबर होते हैं ! गरीब के फ़ोन पर बाहर से आने वाली कॉल कम और मिसकॉल ज़्यादा होती है ! गरीब आदमी मिस कॉल को ठेकेदार की कॉल समझ  पलट कर फोन करता और दुखी होता  है ! गरीब आदमी का फ़ोन और बीड़ी का बंडल एक ही जेब में होता है! कभी कभी मजदूरी  न  मिलने  के  टेंशन में वो  बंडल  की   जगह मोबाइल से बीड़ी निकालने की कोशिश करता है ! क्या करे,- गरीबी वाले- जिगर मा बड़ी आग है ! जब बुद्धि धुआं देने लगती है तो नोकिया फोन और नूरा बीड़ी में फर्क नहीं नजर आता !!
          गरीब का फोन कई शिफ्ट में ड्यूटी देता है ! शाम को थका हारा गरीब जैसे ही आठ बजे सोता है, उसकी पत्नी तकिए के नीचे से फोन निकाल कर अपनी बड़ी बहन को फोन करती है, - " दीदी  ! फिर ठेकेदार इनका पैसा मार  कर भाग गया !  इनको अब तक सारे  ठेकेदार रणछोड़दास ही मिलते आए हैं ! जीजा जी से कहकर कहीं  ऑफिस में चपरासी या गार्ड की बढ़िया नौकरी लगवा देती " ! उधर से ऑक्सीजन विहीन  आश्वासन  पाकर  वो  अपनी  छोटी  बहन  को फोन करके  बड़ी   बहन  की  स्तुति   शुरू  कर  देती  है, - ' जीजा जी एक मामूली क्लर्क हैं तब इतना नखरा है, कहीं ठेकेदार होते तो आंख बड़ेरी  से नीचे न उतरती । इस महीने सारे फ़ोन मैने ही लिए, उधर से एक बार भी फोन नही आया -हमारे  ठेंगे से !! सुना है , पिछले साल दीदी की बड़ी लड़की घर से दो दिन गायब रही"?
           घर का बड़ा लड़का हाई स्कूल में पढ़ रहा है ! वह जानता है कि दिन भर के हाड़ तोड़ काम के बाद मां भी नौ बजे तक फ़ोन बाप की तकिया के नीचे सरका कर सो जायेगी !  दस बजे फोन लेकर लड़का अपने दोस्त अकील को फोन करता है , देर  से  फोन उठते  ही उसने पूछा ,- '' हां यार अब बता, क्या  शर्त  लगाया  तूने अपनी गर्ल फ्रेंड से ? तूने कहा था न कि रात में शालू के बारे में कुछ बताएगा !!" उधर से नींद में सर से पैर तक डूबा  अकील  दीवार  घड़ी  देख  कर  भन्नाया  हुआ बोला, - ' दो घंटे करवट बदल बदल कर जागने के बाद अब जाकर नींद आई थी ! अब तू भी सो जा यार ! शालू चीज ही ऐसी है, कल तुझसे मिलवाता हूं - गुड नाईट !!'  अब शालू से मिलने की कल्पना में बाकी रात करवट बदलने की बारी इस लौंडे की थी! 
           गरीब आदमी का फ़ोन भी उसी की तरह ठोकर खाकर जीता रहता है ! वह  इतनी बार जमीन पर गिरता है कि नंबर तक लहू लुहान लगते हैं। फोन के बार   बार गिरने से क्रुद्ध आदमी कभी कभी फोन को ठेकेदार समझ कर गाली देता है, - ' किसी दिन  तुझ पर ईंट बजाऊंगा साले "! 
         हमारे गांव में हालात के मारे एक जमालू भाई हैं ! उनका फोन उनसे ज्यादा दुखियारा और दीन हीन है। जमालू भाई का ये फ़ोन एक्सपायरी डेट के बाद भी चल रहा है ! फोन में बैटरी और नेटवर्क के अलावा ज़िंदा रहने की कोई निशानी नही है ! उनका फोन सबके सोने के बाद नेटवर्क पकड़ता है और सुबह पांच बजे तक -सबका साथ सबका विकास - पर अमल करता है! अक्सर जमालू फ़ोन की बैटरी निकाल कर उसे धूप में सुखाते हैं! इस दौरान आस पास अपने चूजों को लेकर घूम रही मुर्गियां भी बैटरी पर दो चार चोंच मारने के फिराक में रहती हैं, इसलिए जमालू भाई डंडा लेकर बैठते हैं ! पिछली नवंबर की सर्दियों में गांव जाने पर मैंने जब लगातार तीन दिन तक बैट्री को सुखाते देखा तो कारण पूछा ! बड़ी दिलचस्प कहानी बताई जमालू भाई ने !!
     " चार दिन पहले की बात है, रात में पेट के अन्दर गुड़ गुड़ शुरू हुई , मैं जाकर गांव से बाहर तालाब के किनारे बैठा ! निवृत होकर जैसे ही मैं पानी के लिए तालाब की ओर झुका ऊपर की जेब में रखा फोन तालाब में जा गिरा! मैं कपड़ा उतार कर फ़ौरन तालाब में कूद गया ! फ़ोन निकाल कर कपड़ा पहना और घर आकर रजाई फाड़ा, रूई निकाला और फ़ोन की बैट्री और फ़ोन दोनों को रूई में लपेट दिया , ताकि रूई पानी खींच ले ! अब तीन दिन तक  धूप में  बैट्री और फ़ोन को सुखाना है ! कल बदरी थी, इसलिए एक दिन और सही"!

             संकट में इंसान की आस्था सेकुलर हो जाती है, ऐसे में प्राणी 'पहलवान बाबा' के साथ साथ 'पीर बाबा'  की भी परिक्रमा कर लेता है, - न जाने किस भेष में बाबा मिल जाए भगवान-!!

  कमाल था,  चौथे  दिन जमालू भाई के फोन का नेटवर्क काम करने लगा था !!

                   

    

Wednesday, 16 March 2022

" वन लाईन स्टोरी" ( कहर)

स्टोरी    ,,,,,,,,,,,,, कहर
ट्रांजीशन,,,,,,,,,,,,, कहर
आइडिया,,,,,,,,,,,,,, फुटपाथ पर बिकती लड़कियां !
ट्रांजीशन,,,,,,,,,,,,,,,,        कहर

 ।।।।    कहानी के पात्र     और  परिचय   ।।।

  1. 

Tuesday, 15 March 2022

स्क्रिप्ट " सौदा" ( द पॉवर ऑफ लव)

           (  वन लाईन स्टोरी)
स्क्रिप्ट,,,,,,,    "सौदा"।     ( द पॉवर ऑफ लव)
Transition,,,,,,, सौदा    ( द पॉवर ऑफ लव)

आइडिया,,,,,,,, अंतर्जातीय प्रेम और खून खराबे की                             दोहरी प्रेमकथा !!

चरित्र सूची,,,,,,,,,,,भानु प्रताप सिंह ,,,,,,    कॉलोनाइजर
(कैरेक्टर्स)
अजय सिंह,,,,,,,,,,,,, भानु के सबसे बड़े बेटे !
समर प्रताप,,,,,,,,,,,, भानु का छोटा बेटा!
सोनिया सिंह,,,,,,,,,,,, भानु की पोती, अजय की बेटी !
अफ़ज़ल   'गैंती',,,,,,, अपने मां बाप के कातिलों को मार                             कर फरार हुआ एक युवक
गीता यादव,,,,,,,,,,,, उत्तर भारत के एक उग्र दक्षिण पंथी 
                         संगठन की कुख्यात हत्यारी लड़की !
शहजाद बाबर,,,,,,,, दिल्ली एनसीआर का डॉन
जयमंगल सिंह राठौर,,,,,,यूपी से दिल्ली हायर किया गया                                   अंतरराजजीय हत्यारा और                                    शहजाद गैंग का सालार
तेजा सन्यासी,,,,,,,,,,,, भानु प्रताप का वफादार शूटर
जगत  बैगा,,,,,,,,,,,,,,, एक आदिवासी हत्यारा !
जफर  'कन्हैया',,,,,,,,,,, भानू गैंग का एक विचित्र हत्यारा
इंस्पेक्टर जुगल किशोर,,,,,, स्पेशल सेल के अधिकारी।
महंत जसराज,,,,,,,,,,,  गीता यादव के गुरु
शिव प्रताप यादव,,,,, अपराधियों का लाइजनर और गॉड                               फादर
    ( इसके अलावा दर्जन भर और पात्र )

                 "  वन लाईन स्टोरी "
       ( "सौदा"  or   'द पॉवर ऑफ लव' )

( यूपी के अलग अलग शहरों में लगभग एक दर्जन असरदार लोगों का कत्ल हो जाता है ! मारे गए लोगों में आठ मुस्लिम समुदाय के होते हैं विधान सभा में हंगामा हो गया। जांच में जुटी पुलिस को एक सनसनीखेज जानकारी मिली कि हर कत्ल के पीछे अलग अलग नाम से एक लड़की को देखा गया था ! वह एक अनाथ लड़की थी, जिसे साधुओं के एक उग्र संगठन "कवच" ने धर्मयोद्धा बनाया था !  गीता यादव नाम की वह लड़की  अचानक  यूपी से भी लापता हो गई ! उन्हीं दिनों जौनपुर और आजमगढ़ की सीमा पर स्थित एक गांव में चार लोगों को गैंती से मारकर एक और युवक फरार हुआ - अफ़ज़ल शेख ! पुलिस ने उसे नाम दिया अफ़ज़ल गैंती !  ''कवच' ने अफ़ज़ल का नाम भी गीता की हिट लिस्ट में शामिल कर दिया था !!
        नोएडा और दिल्ली में कॉलोनाइजर और बड़े बिल्डर्स के बीच गैंगवॉर शुरू हो चुका था और शिव प्रताप भारी कीमत लेकर एक से एक अपराधी और गैंगस्टर को भानु तथा शहजाद बाबर के ज़खीरे में भेज रहा था ! शिव प्रताप ने गलती से गीता यादव को भानु के ज़खीरे में भेज दिया जहां पहले से ही अफ़ज़ल गैंती छुप कर पहुंचा हुआ था ! गीता उसे ही ढूंढ रही थी ! लेकिन गीता को उन्नाव का कुख्यात सुपारी किलर और गैंगस्टर जय मंगल राठौर ढूंढ रहा था , जिसे शहज़ाद बाबर ने अदालत में पेशी पर जाते हुए पुलिस की गाड़ी पर हमला कर छुड़वा लिया था ! अब शुरु हुई असली गैंगवार और शहज़द का बड़ा बेटा और भानू का छोटा बेटा मारे गए! गैंगवॉर तब क्लाइमैक्स पर पहुंची जब अपने एक मित्र की शादी में पूरे लाव लशकर के साथ पहुंचने के बाद भानु को जय मांगल और जगत बैगा ने मार डाला !
                       ( इंटरवल)
              उधर सड़क पर एक घायल कबूतर को देख कर स्कूल बस रुकवा कर उसकी तीमारदारी में लगी एक लड़की को शहज़द बाबर  का पोता शेरबाज बाबर देख कर उस लड़की के स्कूल बस का पीछा उसके कॉलेज तक करता है! फिर वह हर दिन उस बस का पीछा करता है ! कई महीने बीत जाते हैं,आखिरकार वो लड़की खुद उससे पूछती है कि वोह चाहता क्या है ! तब दोनों को पता चलता है कि वह एक दूसरे के दुश्मनों की औलाद हैं ! शूटर गीता यादव जब अफ़ज़ल गैंती का कत्ल नहीं कर पाती तो कवच की ओर से गीता को खत्म करने के लिए कुछ लोग दिल्ली आते हैं ! अब अफ़ज़ल को गीता की असलियत का पता  चलता है ! 
           शहज़द  बाबर और भानू के जखीरे के बीच गैंगवॉर शुरू होती है ! दोनों तरफ़ के वसीम जाट, जगत बैगा , नसीम कुंजड़ा, मोस्ट वांटेड जफर कन्हैया, तेजा सन्यासी, मंगी बेड़िया, सद्दाम जरगर  आदि मारे जाते हैं !   दिल्ली पुलिस, यूपी एटीएस  और कवच से घिरी गीता अफ़ज़ल से मदद मांगती है और फिर एक भयानक फैसला लेकर दोनों शेरबाज़ और सोनिया सिंह को देश से दूर मलेशिया भेज देते हैं और कार में हथियार लेकर एक रात वापस यूपी लौट पड़ते हैं ! अफ़ज़ल का फोन  ट्रेस होता है और दिल्ली पुलिस की एक टीम दो घंटे पीछे रवाना हो जाती है! पुलिस टीम के पीछे अफ़ज़ल गैंती और गीता का जानी दुश्मन जय मंगल राठौर अपने घातक हथियार "पिनाका" के साथ रवाना होता है !
          कानपुर में दोनों ने अपने पहले शिकार शिव प्रताप यादव को दिन दहाड़े ठिकाने लगाया, जो सारे अपराधियों के बीच बरगद के नाम से जाना जाता था। इसके बाद दोनों ने प्रयाग स्थित कवच के सुप्रीमो सत्या वैरागी  को उनके मठ में घुस कर मारा ! आख़री  शिकार के लिए वह उसी रात कार से जौनपुर पहुंचे और कवच के प्रधान नत्था महंत को ठिकाने लगाया! सुबह होते होते दोनो जौनपुर और आजमगढ़ जिले के बॉर्डर पर स्थित अफ़ज़ल गैंती के गांव पहुंचे! दोनों का प्लान था कि फातिहा के बाद कब्रिस्तान से निकल कर दोनो सतना के जंगलों में चले जायेंगे जहां देश के सबसे बड़े डॉन गुलाब सिंह राठौर उनका इंतजार कर रहे थे !
            लेकिन कबरस्तान उनके सफ़र की आख़री
 सरहद थी- जहां एटीएस , पुलिस और जयमांगल सिंह तीनों उनका इंतज़ार कर रहे थे ।
                                            (   द  एंड)

Sunday, 13 March 2022

(व्यंग्य भारती) ' गरीबी रेखा के नीचे का ग्लैमर '

(व्यंग्य चिंतन)

          " गरीबी रेखा का गेहूं "

              मैं बड़ी मुश्किल से भाग्यशाली हो पाया हूं ! दीवार के अमिताभ बच्चन की तर्ज पर बोलूं तो-' मेरे मेरे पास (संगम विहार में) मकान है, सरकारी राशन है, बगैर पानी की टंकी है और गरीबी रेखा के नीचे वाला (बीपीएल) कार्ड है - तुम्हारे पास क्या है - अंय - !!" हीन भावना के साथ सामने वाला कहेगा -" मेरे पास केजरीवाल हैं"! अब इसके बाद तो किसी चाहत  की ज़रूरत  ही नहीं 
   मैं खामोश हूं और वर्मा जी तर्क दे रहे हैं, -' भला केजरी सरकार से पहले दिल्ली में क्या था - कुछ भी नही ! विकास देखने के लिए गली में एक कैमरा तक नहीं था ! विकास जमुना वाले लोहे के पुल पर  खड़ा पसीना पोंछ रहा था ! दिल्ली गुफा युग में पड़ी थी और सारी पार्टियां तीतर बटेर की लड़ाई को विकास समझ रही थीं ! ऐसे अंधकार युग में केजरीवाल जी  "अन्ना हज़ारे" नामक वाहन पर सवार  होकर  डायरेक्ट जंतर मंतर पर अवतरित हुए ! उनकी भुजाओं में झाड़ू जैसा कोई अमोघ अस्त्र था जिस के प्रहार से पहले कांग्रेस, बाद में भाजपा और आखिरकार अन्ना भी  कराह रहे हैं !"
          अब विकास पुरूष दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, और हारी हुई पार्टियां दर्शक दीर्घा में बैठी विकास में घुन तलाश रही हैं ! फिर विकास पुरूष ने  गिनती शुरु करवाई कि कितने प्राणी गरीबी रेखा के ऊपर हैं और कितने नीचे। गरीबी रेखा के नीचे वालों को फ़ौरन बीपीएल कार्ड देने का ऐलान किया गया ! ऐसे कार्ड धारी के लिए मिलने वाली सुविधाओं में फाइबर से भरपूर सरकारी राशन  का गेहूं था ! बस फिर क्या था, गरीबी रेखा से नीचे जाने के लिए भगदड़ मच गई ! खुद को गरीब साबित करने के लिए लोगों का उत्साह देख कर विकास पुरूष मुस्कुराए , मुफ़्त में गेहूं पाकर जनता आत्मनिर्भर होने का सपना देख रही थी ! जो समर्थ और सर्वशक्तिमान थे, वो भीड़ को धक्का दे कर सबसे पहले गरीबी रेखा के नीचे चले गए ! जांच अधिकारी इतनी सशक्त गरीबी देख कर भौंचक्के थे, और गरीबी रेखा के ऊपर  खडे 'ओरिजनल गरीब' आत्मनिर्भर होने के लिए छटपटा रहे थे ! क्या तिलिस्म था, आम आदमी कलम की जगह   'झाड़ू ' पाकर सशक्त हो रहा था ।
      सब को बीपीएल कार्ड चाहिए था,  सारी दिल्ली गरीबी रेखा के नीचे जाने के लिए व्याकुल थी ! विकास में भगदड़ की ख़बर मेरी बेगम को लगी ! उन्होनें  ललकारा , -'कहां सोए पड़े हो ! गरीबी रेखा के नीचे नहीं जाना है क्या ? पिछड़े कहीं के !! पता है -  वर्मा जी पिछ्ले  महीने ही आत्म निर्भर हो गए ! "
     मैंने समझाया " हिंदी का लेखक हूं, गरीबी रेखा के नीचे जाने के लिए मुझे प्रयास करने की  जरूरत नहीं है।  लक्ष्मी जी लेखकों वाली  कॉलोनी में आती ही नहीं"!
 " अपना साहित्य अपने पास रखो , और जल्दी से बीपीएल वाला कार्ड बनना लो ! तुम्हारे दोस्त चौधरी तक भैंसों को लेकर गरीबी रेखा के नीचे जा चुके हैं ! तुम कब जागरूक होंगे और कब गरीबी रेखा के नीचे जाओगे !"
       मैं जाग गया ! प्रक्रिया मुश्किल थी,पर नामुमकिन नहीं! पहले स्थानीय विद्यायक से फॉर्म पर मुहर और दस्तखत   करवाना  था !   विधायक के सहयोग के बग़ैर  'गरीब' होना  मुश्किल  था ! लेकिन विधायक मुझे देखते ही नाराज़ हो गए, - " जिसे देखो वही गरीब होने कू तावला सै  ! काम मैं करूं,  अर  वोट तम झाड़ू के धोरे गेर दो!"
        " लेकिन वोट तो मैं आपको देता हूं , गरीब होने के लिये किसी और के पास क्यों जाऊं "?
    " मुफ्त में ही गरीब होना चाहते हो क्या?"
        खैर फॉर्म अटेस्ट हो गया, पर आत्मनिर्भरता में अभी एक बाधा दौड़ बाकी थी ! स्थानीय थाने से फॉर्म का एक क्लॉज अटेस्ट कराना था कि मेरे ऊपर कोई अपराधिक मामला नहीं है! (गरीब साबित होने के लिए सचरित्र होना ज़रूरी है!) मैं आश्वस्त था, क्योंकि आज़ तक थाने से मेरा कोई वास्ता ही नहीं था ! बड़े कॉन्फिडेंस के साथ फॉर्म लेकर थाने की ओर चल पड़ा ! पर जैसे जैसे थाना करीब आता गया, कॉन्फिडेंस लीक होने लगा ! हालत यह हुई कि जब थाने के गेट पर पहुंचा तो चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी और सांस ऐसे फूली हुई थी गोया मैं किसी की जेब काट कर भागा हूं ! कॉन्फिडेंस पसीना बन कर बह रहा था और मुझे अपने ही चरित्र पर शक होने लगा था । क्षेत्र के बीट कॉन्स्टेबल को ढूंढ कर मैंने हड़बड़ाते हुए कहा, -" मैं गरीबी रेखा के नीचे जाना चाहता हूं !"
                 उसने ऊपर से नीचे तक घूर कर मुझे देखा, - " गरीब होने के लिए तू बिलकुल सही जगह आया है ! पर नू बता, अक  गरीब होण ते पहले कुछ पाणी पत्ता लेगा या घणी जल्दी सै ?"
     मैंने थूक निगलते हुए कहा, -' ये फॉर्म अटेस्ट कराना है ! थोड़ा जल्दी है "!
     " भाई तू गरीबी रेखा के नीचे जाए या मालगाड़ी के , मन्ने के मिलेगो ? मोए के पत्तो, अक  तेरो खिलाफ़ कोई केस नही है ! हांफ तो ऐसा रहो अक  जैसे तने कदी छेड़खानी की हो, चेन खींच कर भागा हो या फिर किसी की जेब काट ली हो ! थारी जांच पड़ताल करने पर ही पता चलेगा !" 
    मेरी आंखों के नीचे अंधेरा छा गया ! मैं अपनी ही नजरों में संदिग्ध लगने लगा ! जूता खरीदने के लिए जेब में रखा पांच सौ का नोट फ़ौरन बीट कॉन्स्टेबल को दिया ! वो फौरन गंभीर हो कर बोला, - " गांधी जी की जै हो ! " दस्तख़त और मुहर के बाद कॉन्स्टेबल ने  नेक  सलाह  भी  दे डाली, -" और किसी नै गरीब होना हो तो अपने गैल ले आना , रेट होगा आठ सौ रुपए "!
     " पर अभी तो मैंने पांच सौ रुपए ,,,,!!"
 " तीन सौ तुम्हारा कमीशन रहेगा !! "

          कुफ्र टूटा खुदा खुदा करके ! गरीबी रेखा से नीचे आकर भी सुकून नहीं मिला ! जब से बीपीएल कार्ड बना है, केस देने के लिए बीट कॉन्स्टेबल बराबर फ़ोन कर  रहा है ! 

   क्या बताऊं, बहुत कठिन है डगर पनघट की !!

                     (  सुलतान भारती)

Saturday, 12 March 2022

'' हिराबा " ( रिश्तों के सुर्ख रंग)

  स्क्रिप्ट _,,, " हिराबा '' 
ट्रांजिशन,,,,,,,. हिराबा'
आइडिया,,,,, हिंदू मुस्लिम दोस्तों की रिश्तों में बहती                         दुश्मनी और मुहब्बत की असली कहानी !!

Charrecters.       
(पात्र).                                   (परिचय)
 राना जामिन अली खान     गजमेरा के  सांसद
जगपाल सिंह वर्मा             जामिन अली के दोस्त 
जुगनू वर्मा                        जगपाल की इकलौती बेटी
जुबेर राणा                        जामिन अली का बेटा और
                                   शहर का डॉन 
सतवीर वर्मा                 जगपाल का बेटा शहर का 
                                     दूसरा डॉन !
लाजार हनीफ उर्फ           प्रदेश के डॉन ! सत्ता के 
"शाह बाबा"                 असली संरक्षक!
अकबर  'फंदा'              सतवीर गैंग का सालार
राशिद  ' गुटका'            जुबेर राणा का सालार 
रजनी वर्मा                   जगपाल की पत्नी 
आबिदा खानम               जगपाल की भाभी जामिन                                       अली की पत्नी !
विक्रम वर्मा                  जगपाल का दूसरा बेटा
खालिद राणा                जगपाल राणा का छोटा  बेटा!
                           और चमन वर्मा का मुंह बोला भाई।
शंकर - सुलतान     गाना सुना कर कत्ल करने वाले  दो                                 सनकी हत्यारे !!
सोमेश पाकरे           सतवीर का भरोसेमंद शूटर !
दलपत सोनी          शाह बाबा का सालार ! मौत का                                  हरकारा !
शाहबाज अंसारी       यूपी में अफीम का बडा तस्कर !

( मुरली शुक्ला, करिंग
 सिंह, जयवीर यादव,शाहीन , नरेश बर्फी आदि दर्जन भर और पात्र !)

                     ( ट्रीटमेंट )
              "  वन लाईन  स्टोरी "

(अवध का पश्चिमी इलाके का एक औद्योगिक शहर 'गजमेर ' में हुए संसदीय चुनाव जीत कर राना जामिन अली खान का विशाल जुलूस निकला , जिसमें हज़रों
 की तादाद में उनके सशस्त्र समर्थक जोश में नारे लगा रहे थे,-      आया "शेर"  तुम्हारी   गली !
                जामिन अली जामिन अली !!
यह हारे हुए बाहुबली सांसद जगपाल सिंह वर्मा को खुली चुनौती थी ! जवाब तो देना ही था ! जुलूस जैसे ही शहर के सबसे संवेदनशील इलाके  ' गंज पतुरिया' से गुजरा, उसपर हमला हुआ और जमीन अली का खास शूटर और सपोर्टर  ' रफीक किलनी ' मारा गया ! उसके गले में वही रूमाल पाया गया जिसके दोनों सिरे पर लकड़ी के छोटे छोटे खारगोश बंधे थे !  लकड़ी के खरगोश वाला रुमाल देख कर पुलिस के साथ सारा शहर समझ गया कि रफीक का कत्ल सतवीर वर्मा गैंग के सालार  "अकबर फंदा"  ने किया है !
          यह गैंगवार ,गांव से शहर में साथ साथ आए दो जिगरी दोस्तों की अदावत का नतीजा था ! जगपाल की मां राजेश्वरी देवी को जामिन अली 'अम्मा ' कहते थे ! जब जामिन अली दस साल के थे तभी उनकी मां का इंतकाल हो गया था ! शहर में दोनो साथ साथ आए ! जमीन के धंधे से बिल्डर और बिल्डर से कोलोनाइजर होते चले गए ! फिर जगपाल को जामिन अली ने पैसा लगा कर चुनाव में उतारा ! जगपाल जीते तो जामिन अली ने पूरे शहर में जश्न मनाया। पर सियासत ने कहीं दोस्ती के दूध में रंजिश का नींबू निचोड़ दिया !  पांच साल बाद दोनो अलग अलग पार्टी से संसदीय चुनाव में उतरे तो दोनों के युवा बेटों ने प्रदेश में गैंग वार बरपा कर दिया ! देश के कोने कोने से एक से एक कातिल गजमेरा आने लगे ! इस अदावत में एक रात राना जामिन अली के फाईनेंसर और समधी मेरठ के असगर कुरैशी को, कार से रात के वक्त गजमेरा से मेरठ लौटते हुए, परिवार समेत बीच सड़क में भारी गड्ढा खोद कर ज़िंदा दफना दिया गया !
            ,,,,,,,,,,, ,,( इंटरवल ),,,,,,,,

        असगर कुरैशी ने हालत के मारे एक यतीम और बेसहारा बच्चे को सहारा दिया था, जो अब जवान होकर उनका कार बार संभाल रहा था, लाज़ार हनीफ खान । जब पुलिस भी असगर सेठ को नहीं ढूंढ पाई तो लाज़र हनीफ गजमेरा आकर सांसद जामिन अली से मिला ! उसकी कद काठी और खामोशी देख कर राना ने उसे अपने बड़े बेटे जुबेर राणा के पास भेजा ! उस युवक को जुबैर खान ने यकीन दिला दिया कि असगर सेठ का कातिल अकबर फंदा और जगपाल का परिवार है! लाज़ार हनीफ ने जुबेर से सिर्फ दो शूटर मांगे राशिद गुटका और सलीम दागी ! गैंगवर से पहले दोनों जखीरे में ये नियम लागू किया गया कि कोई किसी बुजुर्ग, बच्चे और महिलाओं पर वार नहीं करेगा !
         इस गैंगवॉर के बीच बरसती गोली और बारूद में  भी जगपाल आमिना का पैर छूते रहे तो वर्मा निवास के सामने से गुजरते बारहवाफात के जुलूस को शरबत पिलाती  चमन वर्मा को राणा जामिन अली गले लगा कर माथा चूम कर दुआ देते रहे ! बरसती गोलियों के बीच भीरानाके बेटे बेखौफ होकर वर्मा निवास में आकर अपनी मुंह बोली बहन चमन वर्मा से राखी बंधवाते रहे ! 
       और फिर,,,,,, रिश्तों के ये बुलंद अलम एक एक कर गिरते गए ! जुबेर राणा, कारिंगा, शंकर सुलतान, खालिद राणा, सोमेश पाकरे, विक्रम वर्मा और खान लाज़ार का आखिरी शिकार सतवीर वर्मा ! सब मारे गए, सिर्फ घर में औरतें और बुजुर्ग बचे , और तब चुनमुन उर्फ चमन की शादी की ख़बर राणा को मिली ,,,,,, बहुत मार्मिक क्षण !!
पर असली कहानी अभी बाकी है। पूरे प्रदेश और देश में अंडर वर्ल्ड के बादशाह बन चुके खान लाजर हनीफ उर्फ शाह बाबा ने एक हिंदू बच्चे और उसकी बीमार मां की मदद की थी ! मां की मौत के बाद वो बच्चा गुल्लू यानि गुलाब सिंह शाह बाबा के पास आ गया था ! शाह बाबा ने अपने तीन जानी दुश्मनों ( अकबर फंदा, नागेंद्र विक्रम सिंह और गुफरान अंसारी) को क्रमश: लूला, अंधा और अपंग बनाकर ज़िंदा छोड़ दिया था ! सलीम दागी को अपनी ओर मिलाकर इन्ही तीनों ने आखीरकार शाह बाबा को बहुत अजीबोगरीब मौत दे दी, लेकिन शाह बाबा के जां नशीन दलपत सोनी ने शाह बाबा की मैयत के सामने अठारह साल के गुलाब सिंह राठौर को शाह बाबा का वारिस घोषित कर गैंग वार को नया बारूद दे दिया ! 
                             ( आखिरी पन्ना)
        शाह बाबा की मैयत के सामने पांच कतार में खड़े देश भर के गैंग लीडर हवा में गोलियां चला कर गुलाब सिंह राठौर को अपना सुप्रीमो तस्लीम करते हैं। लायंस विला से दूर हजारों की भीड़ शाह बाबा के अंतिम दर्शन के लिए एक नारा लगाती हुई लायंस विला की ओर बढ़ती नज़र आती है, -

डूबा सूरज बिखरा चांद !
खोदेंगे दुश्मन की मांद !!               ( द एंड)

       ( 2020 में प्रकाशित मेरे उपन्यास "हिराबा" की वन लाइन स्टोरी, उपन्यास की प्रेरणा एक  सत्य घटना की देन  है!)