Thursday, 16 January 2025

व्यंग्य चिंतन. दिल्ली चुनाव: "गुरु'' 'घन्टाल' दोऊ खड़े

[व्यंग्य चिंतन]

दिल्ली चुनाव : 'गुरु'  'घंटाल' दोऊ खड़े 

        अब का बताएं झुरहू काका ! दिल्ली की हर गली और कूचा में,,,छाई बहार है, जिया बेकरार है!  दिसंबर वाले सारे सांता क्लॉज़ जनवरी में आकर जनता का दरवाज़ा पीट रहे हैँ- 'खोलो प्रियतम खोलो द्वार' ! अंदर लेटे प्रियतम के घर 5 किलो के हिसाब से 6 वोटरों का अनाज आ चुका है,  अब जीते जी इस से बड़ा विकास घर में रखने की न जगह है न दिल में चाहत ! विकास की पराली में सपनों की हरियाली झुलस गयी है ! विकास पुरूष जनता को सर्दी में वही विकास देते हैं, जो - देखन में 'पौवा' लगे- वार करे गंभीर -'! और उसके साथ मुर्गा का 5 टोकन मिल जाए तो सांसारिक विकास की मोह माया में कौन पड़े ! अंदर घर में लेटे हुए झुरहू चाचा जानते हैँ कि चुनाव के बाद ये सभी सारस 5 साल  के लिए कोमा में चले  जाएंगे !
        सभी सांता क्लॉज़ विकास का गोदाम जनवरी में ही खाली करने में उतारू हैँ ! विकास की ऐसी आतुरता 5 साल में एक ही बार आती है,-फिर उसके बाद चिरागो में रोशनी न रही-! विकास जनता को बांट कर निर्लोभी प्राणी तपस्या पर निकल जाते हैं-!  फ़िलहाल इस वक़्त तो दिल्ली में ज़बरदस्त मधूमास उतरा हुआ है! अगले महीने फरवरी में चुनाव है और फरवरी में ही वेलेन्टाइन 
 है! वेलेन्टाइन की महक मिलते ही  संस्कार को इस विदेशी फफून्द से बचाने के लिए हम गोलबंद हो जाते हैँ! खास इसी दिन (14 फरवरी) को संस्कार पर 'कोरोना' का खतरा होता है ! अगले दिन [15 फरवरी केदिन ] संस्कार को अपने आप 'जेड सुरक्षा' मिल जाती है! वेलेन्टाइन और धर्म योद्धा अपने अपने खेमे को लौट जाते हैं!
       दिल्ली में ग़ज़ब की ठंढ है,  जनता सोना चाहती है, नेता दरवाज़ा पीट रहे हैँ, - 'तेरे द्वार खड़े भगवान ! भगत भर ले रे झोली',,,! भगत पिछले शाम को ही 'विकास' की पूरी बोतल पीकर रात से ही खर्राटे मार रहे हैँ ! भगत ने तीन बोतल 'विकास' जमा कर लिया है, और अब माया मोह दोनों से उनका लगाव लगभग हाशिए पर है ! पड़ोस के बुद्धिलाल जी नें सर्दी को देखते हुए एक नए उम्मीदवार से बिलकुल नए किस्म का विकास मांग लिया था,- ' चौधरी साहब ! बहुतै ठंढ है ,अगर एक ट्राली सूखी लकड़ी और एक बोरी गंजी (शकरकंद) भेज  देते, तो  पूरे  मोहल्ले  का  वोट  आपको जाएगा-'!  अगले ही दिन सूखी लकड़ी के साथ एक 'कुंटल विकास' आ गया !
       दिल्ली की सड़कों का निर्माण नए तरीके से करने की घोषणा की गयी है! जब विकास देने वाले ज़्यादा हों और लेने वाले कन्फ्यूज, तो विकास लीक से हट कर होता है!  'हिंसा'- चुनाव की विशेषता है या आवश्यकता ,इस पर बहस हो सकती है पर इनकार नहीं ! लगभग हर चुनाव में इसका दर्शन होता है, पर पब्लिक को कभी नहीं पता चलता कि दोषी कौन था ! दरअसल दोषी कोई होता ही नहीं, और नेता के मामले में पुलिस ज्यादा सर नहीं खपाती ! ऐसे सियासी टकराव में पुलिस को 'पंचामृत' भी नहीँ प्राप्त होता ! दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की कार पर 'हमला' और केजरीवाल की  कार का 'दौड़ कर' भाजपा कार्यकर्ताओं के पैरो पर चढ़ने की खबर है! कार पर पत्थर मारा गया तो कार को गुस्सा आना स्वभाविक था !
         चुनाव के मौसम में हर पार्टी के तारणहार का प्रथम प्रयास 'कच्ची कालोनी में पहले विकास' बाँटने की होती है ! पक्की और पाश कालोनी के निवासी बग़ैर विकास के ही वोट देते रहते हैं! वो विदेशी दारू पीते हैं और शेयर बाजार में इनवेस्ट करने के लिए टायलेट मे अखबार को घंटे भर चाटते है और मतदान के रोज अक्सर वोट देने भी नहीँ जाते ! कई तो बड़े गर्व से कहते हैं, - western electoral system is more better than ours, you know?' लगता है इनके बाप दादा नें अपनी झुग्गी महारानी विक्टोरिया के घर के पिछवाङे ही डाल रखी थी !
        दिल्ली में चुनाव और सर्दी का सेंसेक्स ऊपर जा रहा है ! जनता टीवी और अलाव दोनों को  समय दे रही है! दिल्ली के किनारे आबाद गांवो में विकास बांटनें वाली गाड़ी रात में आती हैं ! आज कल मुहल्ले में अजीब अजीब आवाजें सुनाई पड़ती हैं,-" इस बार - ये  'हाथ' हमें दे दे ठाकुर-!" 
कोई ऑफर दे रहा है,- आजा मेरी  'हाथी' पे बैठ जा -! कोई बुजुर्ग महिला का पैर पकड़ कर  फरियाद कर रहा है- ' फूल' तुम्हें भेजा है माते , 'फूल' ब्रांड ही अपनाना ! राम विरोधी 'झाड़ू'  'पंजा', उनके धोरे मत जाना' -!! जो आजाद उम्मीदवार हैँ,  उनके पास बिलकुल लेटेस्ट ऑफर है, -'  इस विधानसभा में इंटर मीडिएट की शिक्षा देने वाला एक भी स्कूल नहीं है,  मैं जीता तो एक यूनिवर्सिटी बनवा दूँगा-'! सड़क, सुरक्षा, हॉस्पिटल और बैंक खोलने वाले तो कई हैँ !
      चौधरी इस बार कॉंग्रेस के 'गैल' है ! चौधरी अपनी पसंद और नापसंद कभी छुपाता नहीँ, आज उसने सुबह मुझे चेतावनी भी दे दी,- ' उरे कू सुण भारती , कॉंग्रेस के अलावा इब किसी के धोरे विकास बचा कोन्या ! इब के पंजा कू वोट गेरना -'!
        'पिछली बार तुमने "झाडू"  के बारे में भी यही कहा था-'!
    " पर पाछे पांच साड़ उन्ने विकास किया कोन्या ! उल्टे मेरी एक भैंस कू ऐसी नज़र लगी, अक् दूध देना बंद कर दई , धंधा कती मंदा हो गयो !"
    "जहाँ कहोगे वहीं वोट जाएगा, बस तुम भी मेरे 'विकास' का ख्याल रखना "!

        .चौधरी मुझे घूरता रहा,  क्योंकि विकास के मामले में उसे बंटवारा बिलकुल पसंद नहीं !

   .....     ...   [सुल्तान भारती] ------'
         

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