आज की दुनियां में सिर्फ दो तरह के आदमी बचे हैं, "छोटा आदमी'' और "बड़ा आदमी"! ( मैं 'कद' की नहीं - "कैश" के मापदंड की बात कर रहा हूं! ) सुविधा हीन , फटेहाल और झुग्गी में रहने वाला आदमी भले छै फीट ऊंचा हो , कभी बड़ा आदमी नहीं माना जाता ! वैसे देखने में दोनों एक जैसे नज़र आते हैं, मगर कुंडली में जमीन आसमान का फ़र्क होता है !
बडा आदमी कोरोना का सहोदर होता है! कोरोना में भी उसी का डीएनए है,इसलिए कोरोना की लाइफ लाइन वाला "अमृत'' वो अपनी नाभि में रखता है ! अब कोरोना अजर अमर है और बड़ा आदमी धड़ल्ले से आत्मनिर्भर ! सारे ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाएं छूमंतर ! 'सहोदर' को दीर्घजीवी करने के लिए वो कुछ भी करेगा - (अवसर मिला तो एंबुलेंस को आलू के खेत में छुपा देगा !) छोटा आदमी बीमार है और सरकारी अस्पताल में वॉर्ड ब्वॉय की डांट खा रहा है, -' इस स्ट्रैचर पर अभी दो मरीज और लोड करूंगा तभी चलूंगा, चुप होकर लेट जाओ ! इन्फेक्शन की चिंता मत करो ! यहां कोरोना इसलिए नहीं आता कि कहीं अस्पताल की गंदगी से उसका ऑक्सीजन लेवल गिर न जाए "!
मरीज वार्ड ब्वॉय से घिघियाता है - " एक स्ट्रेचर पर तीन मरीज़,,,, सोशल डिस्टैंस का क्या होगा "? वार्ड ब्वॉय भड़क उठता है,- " लोगों के बीच की आपसदारी इसी सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से खत्म हो गई ! इसी वजह से कुछ लोग बाप की अर्थी के करीब नहीं आते ! कई डॉक्टर तो नर्सों से छेड़खानी तक नहीं कर पा रहे हैं!"
छोटा आदमी ऊंट पर बैठ कर भी छोटा ही रहता है , वहीं बड़ा आदमी वाकिंग करता हुआ भी बड़ा नजर आता है । बड़ा आदमी सबका फोन नहीं उठाता जब कि छोटा आदमी मिस्ड कॉल को भी पलट कर बतिया लेता है, ' कौन बोल रहे हैं भइया ?'
" दुखीलाल बोल रहा हूं , फैज़ाबाद से - आप कहां से बोल रहे हैं भइया ?'',
" अरे भैया दिल्ली से दीन मुहम्मद बोलित अहै ! तुहरे बगल सुलतान पुर कै रहै वाला बाटी --. बुढ़वा गोमती किनारे वाला।"
" कलेजा जुड़ाय गा भइया ! और सब परिवार मा बचवा लोग ठीक हैं ना भइया ? हमार बिटवा दिल्ली मा रहत हैं, उसी को मिला रहे थे , आपको मिल गया भइया "!
छोटा आदमी मिस्ड कॉल पर भी रिश्ते ढूढ लेता है, वहीं बड़ा आदमी अपने ही डीएनए को पहचानने से इंकार कर देता है, -" सेक्रेटरी ! किसका फोन है ?"
" आपके भाई सुखचैन जी हैं, कह रहे हैं बड़े भाई साहब से बात कराओ !."
" घर बनवा रहा है, ज़रूर पैसा मांगने आया होगा ! कह दो मैं घर और ऑफिस कहीं नहीं हूं "!
छोटे आदमी और बड़े आदमी में बहुत फर्क होता है ! छोटा आदमी बेगुनाह होते हुए भी सजा काटता है , और बड़ा आदमी मुस्करा कर चुनौती देता है, " किसी का बाप भी मुझे गिरफ्तार नहीं कर सकता "! छोटे आदमी को स्वर्ग और संस्कार की बड़ी चिंता होती है। उसे लगता है कि ' चित्रगुप्त ' हर वक्त बही खाता लिए उसी की झुग्गी पर दूरबीन लगा कर बैठे हैं कि कब संस्कार से पैर फिसले और कब खाते में नर्क का योग ' बने ! ( उधर इतनी देर में बड़ा आदमी कई बैंकों को गठरी में बांध कर विजय माल्या हो जाता है !)
छोटा आदमी मरता है - बड़ा आदमी अमर होता है! बड़े आदमी को चंदन की चिता या कब्र पर गुलाब के फूलों की चादर मिलती है, छोटे आदमी को मोक्ष की जगह कभी कभी मगरमच्छ और कुत्ते मिलते हैं ! छोटा आदमी कुदाल और फावड़ा चलाता है और बड़ा आदमी देश चलाता है ! छोटा आदमी सोशल डिस्टेंसिंग करे तो भूख से मरता है और न करे तो पुलिस और कोरोना से !
बड़ा आदमी कोरोना प्रूफ होता है, बार बार अस्पताल में भर्ती होकर भी वापस आ जाता है ! छोटा आदमी किडनी बेचता है और बड़ा आदमी ईमान ! बड़ा आदमी गुनाह करता है - छोटा आदमी सजा काटता है !
हरि अनंत हरि कथा अनंता,,,,,!
छोटा आदमी वर्किंग करता है - बड़ा आदमी वॉकिंग ! छोटा आदमी शादी करता है और देश को अगला मजदूर देता है! बड़ा आदमी एक बीबी घर में और दो चार वेलेंटाइन फील्ड में रखता है ! छोटा आदमी गुटखा खाता है - बडे आदमी के मीनू मे सरकारी जमीन , पुल और फ्लाईओवर तक हो सकता है ! छोटे आदमी के कंधे पर देश और धर्म दोनों की जिम्मेदारी होती है, जबकि बड़े आदमी के पास सिर्फ़ " विकास" और "विश्व गुरु " का टारगेट होता है !
छोटा आदमी भक्त होता है - बड़ा आदमी ' भाग्यवान ' ! छोटा आदमी ज्योतिषी के उस 'तोते ' की तरह होता है जो दूसरों का भाग्य सुनहरा बना कर भी पूरा जीवन पिंजरे में गुजारता है ! बड़ा आदमी उस "कोयल" की तरह होता है, जो अपने कुकर्म का अंडा हमेशा किसी कौए के घोंसले में छुपाता है ! विधि का विधान देखिए , छोटा आदमी "यास" तूफान में तबाह हुई अपनी झोपड़ी को लेकर चिंतित है और बड़ा आदमी "राहत पैकेज" को लेकर ! झोपड़ी बनते ही छोटा आदमी तीर्थ यात्रा करेगा और बड़ा आदमी विदेश यात्रा !
,,,,,,, तूने काहे को दुनियां बनाई !!
( सुलतान भारती )