Friday, 11 August 2023

(व्यंग्य "भारती") "फ्लाइंग् किस "!

(व्यंग्य भारती")
         फ्लाइंग  किस !

      अरे  भैया ! ई  का किया आपने! आए थे हरि भजन को - ओटन लगे कपास !  फ्लाइंग किस  की का जरूरत थी ! भारत जोड़ो में ये कार्यक्रम भी शामिल था  क्या ! फिर काहे बखेड़ा पैदा कर दिया! देख रहे हैं कि महिलाएँ कितना क्रोधित हैँ ! संस्कारी महिलाएँ बहुत क्रोध में हैँ ! इस तरह तो आपको भारत जोड़ो नहीं करने देंगी, - बाबा  समझा करो ! ये  संविधान भवन है, संसद है- 'सी बीच'  नहीं है ! वो तो गनीमत समझो  कि नेताओं का बुद्धि विवेक पार्टी के गाइड लाइन के हिसाब से जागता और सोता है, वर्ना स्वयं संज्ञान से मुसीबत हो जाती ! उसका शुभ लाभ भी मिला आपको, फ्लाइंग किस पर जब एनडीए की कुछ महिलाएँ विरोध कर रही थीं  तो 'इंडिया' की प्रगति शील महिलाएँ  मेज थप थपा रही थीं। एक तरफ संस्कार आहत होता नज़र  आ  रहा था, वहीं दूसरी तरफ रूढ़िवादी परम्पराएं टूट रही थीं, और देश गुफा युग से निकल कर राकेट युग में दाखिल हो रहा था !
जाकी रही भावना जैसी !
      का सोच कर फ्लाइंग् किस  फेंका था ! ई कोई 
फेंकने की चीज़ थी ! यहां तो फेंकने वाले एक से एक सुपरमैन बैठे हैं ! वो  विकास और  विश्व गुरु के अलावा और कुछ  नहीं फेंकते ! ऐसे मुकाम पर आप  हवा में चुंबन फेंक रहे हो  ! बड़े ढीठ हो यार ! प्यार के इस प्रतीक को लेकर अंदर कैसे आ  गए  डर  नहीं लगा आपको ! काहे मुहब्बत की दुकान खोलने पर आमादा हो ! मौसम और मानसून काहे नहीं देखते ! अब मुहब्बत और दुकान दोनों टार्गेट पर है ! मुहब्बत  यानि 'लव' की बात करोगे तो दुकान में  'जेहाद' उड़ेल दिया जाएगा ! कहां सोये हुए हो, जब से  'लव' ने 'लालच' में  आकर धर्म परिवर्तन कर लिया है, वो जेहाद हो गया है ! पहले अज्ञानता वश लोग उसे "लव" कहते थे ! ऐसे संक्रमित  लव के शुद्धीकरण  के  लिए अब  घर वापसी का विकल्प खुला है !
        वैसे कमाल है बाबा, क्या नाम और  नारा ढूँढ़ निकाला है,- मुहब्बत की दुकान ! 1992 में ये "दुकान" एक दम से बंद हो गई थी, फिर 31 साल तक दुकान खोलने की सुध नहीं आयी ! अब इतने दिनों में तो बंद दुकान में रखा माल ( मुहब्बत) सड़ गया होगा मान्यवर ! काहे ऐसे सड़े हुए माल की  "दुकान" खोलना चाहते हैं , जिससे फूड पॉइंजिनिंग का खतरा हो ! मुहब्बत की दुकान खोलने का आइडिया आपका है या पार्टी के किसी और महापुरुष का ! सुझाव देने वाले उन 'महान आत्मा ' से मुझे पूछना था कि मुहब्बत की ये दुकानें क्या उसी तरह खोली जाएंगी, जैसे 22  मई 1987 को हाशिम पुरा और  मलयाना  में   खोली  गई थीं ! दुकान के  कई दर्ज़न ग्राहक हिंडन नदी में बहते हुए नजर आए थे। और जिन क़ातिल वर्दी वालों ने 'मुहब्बत' मे आकर गोलियों से  भूना था,उन्हें भी बरी कर दिया गया था ! बाबरी मस्जिद जिन्न ने  आपकी मुहब्बत वाली पार्टी को वनवास पर भेजा !अब आप फ्लाइंग् किस और मुहब्बत लेकर आए हैं! खुदा बचाए इस मुहब्बत से !
            आपकी धर्मनिरपेक्षता भी ग़ज़ब है ! शायद आप  समझ नहीं पा रहे कि शिवभक्त होने में फायदा है या मुहब्बत की दुकान खोलने में ! भारत जोड़ो का तो  मैं भी कायल हूँ, हिम्मत और हौसले का काम था, परिपक्व हो गए हैं आप ! अब ये आंख मारना और फ्लाइंग किस जैसी बचकाना हरकत से बाहर आइए, क्योंकि आपके मुकाबले   जो शख्स रुबरु है,वो नंबर और आयु में ही नहीं,-शब्द,सामर्थ्य,सियासत,सूझबूझ और  व्यूह संरचना का महारथी है ! ये विराट दौलत उसके संघर्ष की उपलब्धि है, विरासत की नहीं ! सच कडुआ सही, तहे दिल से कुबूल करना चाहिए !
        राजस्थान में भी आपकी  मुहब्बत वाली दुकान है, नासिर और जुनेद को जिंदा जलाने वाले मोनू मानेसर उर्फ मोहित यादव को आज तक नहीं पकड़ा गया ! काहे भैय्या !! ई  जिम्मेदारी खाली डबल इंजन सरकार की है  का ! वो तो नहीं पकड़ेंगे, पूछो क्यों? मामला  उस  दोहे के जैसा  है कि  - कस्तूरी कुंडल बसे, मृग ढूंढे बन मांहि,,-! तो,,, 'कुंडल' के अलावा तमाम दुनियां में  "कस्तूरी" की  तलाश जारी है  ! चलिए कोई बात नहीं, आपका ध्यान अगले साल होने वाले आम चुनाव पर है अभी ! कहां कहां दुकान खुल सकती है, ये मुद्दा पहले है ! इस तरह की घटनायें तो  वोट बैंक को मोबलाइज भी  करती हैं !
 ये जो वोटर हैँ न, इनकी याददाश्त पांच साल से पहले संक्रमित हो जाती है! इसी के चलते एक से बढ़कर एक मुंगेरीलाल हसीन सपने बेच जाते हैं !

    और हम,,,,,,आश्वासन को विकास समझ कर उम्र के 5 साल शीत निद्रा में काट देते हैं ! दुनियां में "विश्वगुरु" के अकेले दावेदार जो ठहरे !!

Monday, 7 August 2023

(व्यंग्य "भारती") "गुंडा" रक्षक दल !

व्यंग्य "भारती"
सियासत की नाभि मे "गुंडा"

           'मंगनी राम' दरोगा अभी गुटखे का ठीक से आनंद भी नहीं ले पाए थे कि हेड कांस्टेबल नकछेद ने आकर सूचना दी, - ' चार जेन्ट्लमैंन आए हैं "!
    मंगनी राम ने गुटखे की पिचकारी मारते हुए कहा-" का  प्रॉब्लम है?"
       " पड़ोसी राज्य से आए हैं,  " मंगू मवाली" के बारे में जानकारी चाहते हैँ "!
      " बुला लो "! 
सादी वर्दी में पड़ोसी राज्य से चार पुलिस वाले आए थे आए हुए एक सब इंस्पेक्टर ने कहा,- ' का करें ! हम जानते हैं कि मंगू मवाली गुंडा है और दोनों  लड़कों को उसी ने जिंदा जलाकर मार डाला था, पर उसे हमारे इलाके में ये सब करने की क्या जरूरत थी? इस दंगा के बाद  हमारे ऊपर बड़ा दबाव है ! थोड़ा हेल्प करिए!"
   मंगनी राम ने गले मे फंस रहे गुटखे को फिर थूक दिया-' हम भी धर्म संकट में हूँ! ऊपर से दबाव है कि उसे हर उस जगह तलाशा जाए, जहां वो बिल्कुल नहीं है, बूझा का?"
      " दिल्ली से दबाव है, दंगा के बाद